कीटो, लो-कार्ब या इंटरमिटेंट फास्टिंग?
दीपाली (15) के आस पास हर कोई या तो बहुत पतला है या डाइट के हिसाब से खाना खा रहा है। लेकिन दीपाली बस इतना चाहती है कि वह अदृश्य हो जाये – किसी को न दिखे। कई दिन तक एक टाइम का खाना छोड़ने और अधिक व्यायाम करने के बाद, कुछ खूबसूरत चीज उसके साथ हुई जिससे उसे खुद से प्यार हो गया। वह अपनी डायरी के कुछ पन्ने टीनबुक के साथ शेयर कर रही है।
19.1.2020
प्रिय डायरी
मैं थक गई हूँ ये सुन सुन कर की मेरा वज़न बहुत ज़्यादा है, खासकर पापा से। वह मुझसे लगातार वजन कम करने के लिए कहते हैं! मैं कोशिश कर रही हूँ लेकिन मुझे थोड़ा समय तो दें!
मेरे आस-पास हर कोई या तो बहुत पतला है, या किसी तरह की डाइट करके वजन कम करने की कोशिश कर रहा है। हर कोई कीटो, लो-कार्ब या इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहा है! नीमा कम कार्ब डाइट पर हैं और चावल और रोटियों से परहेज कर रही हैं।
ओह! जिस तरह से वह मुझे देखती है जब मैं अपना सैंडविच खाती हूँ! उसके नए साल का संकल्प वजन कम करना और अपने बालों को सीधा करना है! और मेरा सिर्फ आराम करना और खुद को अदृश्य बनाना है।
खुद को ना बदल पाने की वजह से मैं अपने शरीर से और खुद से भी नफरत करने लगी हूँ। मुझे शीशे में सिर्फ अपनी कमियाँ ही नज़र आती हैं – मेरा फूला हुआ पेट, पिलपिल हाथ और विशाल पैर। मुझे अपने पिंपल्स से भी नफरत है! उफ़! काश कुछ जादू होता और मैं सुंदर बन जाती।
आज से मैंने रात का खाना भी छोड़ दिया ताकि सुबह मशीन में कुछ एक्स्ट्रा वज़न ना आए। खाली पेट सोना मुश्किल था, लेकिन मैंने खुद को थकाने के लिए यूट्यूब पर म्यूजिक वीडियो देखना शुरू कर दिया।
प्रिय डायरी
31.1. 2020
व्यायाम से और रात का खाना छोड़ने से मेरा वज़न कुछ कम हुआ भी है पर पापा को खुश करना इतना आसान नहीं है। वह मुझे और भी वज़न काम करने को कहते हैं। मैं थक गई हूँ। कमज़ोरी की वजह से मैं ठीक से पढ़ भी नहीं पाती।
प्रिय डायरी
5.2.2020
आज का दिन बहुत ही खास था। आज मेरे साथ कुछ हुआ। जब मैं अपनी कसरत के बाद जिम में बैठी थी, तो मेरे मन में यह विचार आया – “मैं अपने आप को इसी तरह स्वीकार क्यों नहीं करती?” “मैं खुद से प्यार क्यों नहीं करती?”
वह आवाज मुझसे पूछती रही, “तुम क्यों दूसरों की बातें सुन कर उनको खुश करने की कोशिश कर रही हो?”
और इन सवालों ने मुझे प्रोत्साहित किया। मैंने खुद से वादा किया कि मैं अपने शरीर से प्यार करुँगी, चाहे कुछ भी हो जाए। मैं लोगों की बातों का खुद पर असर नहीं होने दूँगी!
प्रिय डायरी
15.2.2020
मुझे आज बहुत अच्छी नींद आई क्योंकि मैं रात को खाना खा कर सोई थी। मैंने जल्दी उठ कर व्यायाम के लिए भी समय निकाल लिया। और हाँ, मैंने वज़न की मशीन भी छुपा दी है, मैंने खुद से वादा किया है कि अब मै उसे रोज़ नहीं देखूँगी और सिर्फ २-३ हफ़्तों में एक बार देखूँगी।
आज मेरे पास बास्केटबॉल प्रैक्टिस के लिए एनर्जी थी और मैथ्स ट्यूशन की भी। लाइफ इतनी भी बुरी नहीं है। बस पापा मुझे मोटी बुलाना बंद कर दें!
प्रिय डायरी
28.2.2020
कुछ दिन पहले बास्केटबॉल की प्रैक्टिस से वापस आते समय मेरी मुलाकात पायल से हुई। वह हमारे पड़ोस में नई आई है और अब मेरी दोस्त भी है। उससे मिलना वाकई एक अच्छा अनुभव रहा है – जैसे किसी लंबे समय से खोए हुए दोस्त से मिलना। हमने तुरंत दोस्त बन गए। मुझे लगता है कि मैं उसके साथ कुछ भी शेयर कर सकती हूँ।
मैं कल गपशप के लिए उसके घर जा रही हूँ।
प्रिय डायरी
1.3.2020
कल, मैंने पायल से कहा कि काश मैं उसकी तरह होती – थोड़ी पतली – तब हम अपने कपड़े भी शेयर कर पाते। मैंने उसे यह भी बताया कि मेरे पापा मुझे मोटी बुलाते हैं!
उसने मुझे तुरंत रोका और कहा, “दीपाली। किसी की मत सुनो। तुम जैसी हो वैसे ही सुन्दर हो।” उसने मुझसे वादा किया कि मैं इसे दिन में कम से कम तीन बार खुद से दोहराऊँगी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या कहूँ। मेरे लिए कभी किसी ने ‘सुंदर’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। मैंने उसे गले लगाया और धन्यवाद दिया!
हाँ, मैं सुंदर हूँ। हाँ, मैं खुद से प्यार करती हूँ। हम सभी को इसे दोहराना चाहिए – हर दिन। यकीन करों, यह मदद करता है!
गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् है।
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यह आर्टिकल सब से पहले – 21 मार्च २०२२ को पब्लिश हुआ था।