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उफ़ ये उलझन

टीनएजर नेटवर्किंग – क्या और कैसे?

क्या तुम अपने सपनों को बड़ा और मजेदार बनाना चाहते हो? अगर हां,  तो जानने के लिए तैयार हो जाओ- हमारे इस आर्टिकल में! लेकिन टीन नेटवर्किंग तुम कैसे करोगे और ये है क्या? तो आज के  उफ़ यह उलझन  में ये जानने की आज कोशिश करते हैं।

 

 

नेटवर्किंग क्या है?

नेटवर्किंग का मतलब है कि एक बड़ा-सा ग्रुप तैयार करना जहां तुम और तुम्हारे दोस्त अपनी हॉबी को शेयर कर सकें और उन लोगों के सामने ला सकें, जो तुम्हारे सपनों को पूरा करने में तुम्हारी मदद कर सकते हो। 

जैसे- अगर तुम्हें गेम्स खेलना पसंद है, तो तुम अपनी गेम पसंद करने वाले लोगों का ग्रुप बना सकते हो, जहां तुम्हारे जैसे हॉबी के लोग हो और तुम सब साथ मिलकर मजे कर सको। एक-दूसरे से सीख सको और नए गेम्स एक्सप्लोर कर सको।

और अगर तुम्हें साइंस पसंद है और तुम साइंटिस्ट बनने के सपने देखते हो, तो उन लोगों से जुड़ो जिन्हें तुम्हारी तरह साइंस पसंद है। तुम चाहो तो ऑनलाइन या ऑफलाइन साइंस क्लब ज्वाइन कर सकते हो और डिस्कशन, एक्सपेरिमेंट्स और नई खोज कर सकते हो। 

यहां तुम अपने नए आइडिया को एक्सप्लोर कर सकते हो और बाकी लोगों के साथ शेयर कर सकते हो। इससे तुम्हें भी नई चीजें जानने के लिए मिलेंगी और ये काफी ज्यादा मजेदार होगा। और हो सकता है कि तुम एक साइंटिस्ट भी बन जाओ, तो है ना ये सुपर कूल आइडिया!

नेटवर्किंग की जरूरत ही क्यों है

ये इसलिए इतना कूल है क्योंकि तुम ऐसे लोगों से मिल पाते हो, जिनका इंटरेस्ट बिल्कुल तुम्हारी तरह है और तुम वो कर पाते हो, जिससे तुम प्यार करते है। जैसे- तुम्हारी हॉबी। 

एक टीम में होने के कारण तुम सब एक दूसरे को चीयर्स कर सकते हो, हेल्प कर सकते हो और एक साथ आगे बढ़ सकते हो।

लेकिन ये होगा कैसे?

इन बातों को देखोः

  1. ऑनलाइन कनेक्ट करो – इंटरनेट के उन प्लेटफॉर्म के बारे में सोचों जहां तुम गेम खेलते हो। वो केवल इंटरटेनमेंट के लिए नहीं हैं – तुम गेम या किसी भी तरीके अपने जैसे लोगों के साथ कनेक्ट हो सकते हो! चाहे वो गेमिंग, किताबें, आर्ट या साइंस हो। खास ऑनलाइन स्पॉट चैट करने, अपने आइडिया शेयर करने और एक-दूसरे का मदद करने की अनुमति देते हैं। यह एक वर्चुअल क्लब हाउस की खोज करने जैसा है, जहां तुम्हारी और बाकी लोगों की हॉबी एक जैसी है, इसलिए, जब भी तुम ऑनलाइन हों, तो याद रखो कि यहां तुम्हारी और तुम्हारे दोस्तों की एक दुनिया है, जो क्रिएटिविटी, सीखने और इंवेंट करने के लिए तुम्हारा इंतजार कर रही है। जैसे- तुम कुछ गेमिंग कम्युनिटी के बारे में सोचो जहां आइडिया शेयर करना आसान हो। डिस्कॉर्ड या रेडिट जैसे प्लेटफार्मों पर तुम अपने दोस्त बना सकते हो, जिनके साथ तुम्हारी सोच मिलती हो।
  2. फेसबुक और इंस्टाग्राम केवल फोटो शेयर करने के लिए नहीं है बल्कि फेसबुक पर भी कम्युनिटी होती है,  जहां तुम जुड़ सकते हो और अपने हॉबी वाले लोगों के साथ इंटरेक्ट कर सकते हो। यहां तुम अपने दोस्तों को भी ढूंढ सकते हो, जो तुम्हारी तरह सोचते हो। ये बिल्कुल ऐसा है, जैसे तुम कोई पार्टी में शामिल हो रहे हो, और वहां सबकी हॉबी एक जैसी है, तो इससे तुम्हें बहुत मदद मिल सकती है। 
  3. मीट्स और इवेंट्स में मिलनाः ऐसे कई मीट्स और इवेंट्स होते हैं, जहां टीन्स एक दूसरे से मिलते हैं। इसे तुम्हारे स्कूल या कुछ पैरेंट्स द्वारा आयोजित किया जा सकता है। यह उन लोगों के क्लब में शामिल होने जैसा है, जिनकी हॉबी तुम्हारे जैसी है। तुम बातें करोगे, हंसोगे और शायद एक साथ प्रोजेक्ट पर काम भी करोगे। मीट्स और इवेंट्स इंटरटेनमेंट और सीखने के खजाने की तरह हैं, जहां तुम यादें बना सकते हो।

दिल्ली की एक टीन आयशा एक ऑनलाइन कोडिंग कम्युनिटी का हिस्सा थी। इस कम्युनिटी के माध्यम से वो अपने शहर के साथी युवा कोडर्स से जुड़ी और आख़िरकार, उसने एक स्थानीय कोडिंग वर्कशॉप में मिलने का फैसला किया। इससे उसकी जिंदगी बदल गई और एक-समान टेक्नोलॉजी पसंद करने वाले लोगों का एक नेटवर्क तैयार हो गया। 

कुछ टीन्स IIT द्वारा आयोजित बूट कैप्स में भी शामिल होते हैं। यहां देखो

नेटवर्किंग के फायदे 

नेटवर्किंग की मदद से तुम्हारी स्किल्स बढ़ती है। तुम इसकी मदद से अपनी सक्सेस को लोगों के साथ शेयर कर सकते हो और किसी के साथ कोलाबोरेट करके अपना कुछ नया भी बना सकते हो या बाकी दूसरे लोगों तक पहुंच सकते हो। नेटवर्किंग तुम्हें ना केवल अपने आइडिया शेयर करनी की जगह देती है बल्कि तुम वहां से जॉब की जानकारी भी ले सकते है। जितना ज्यादा तुम्हें लोग जानेंगे, उतना तुम्हारा कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और तुम भी सबकी मदद कर पाओगे। 

इसलिए याद रखो कि नेटवर्किंग से तुम अपने सपनों को पूरा कर सकते हो, नया सीख सकते हो, दोस्त बना सकते हो और अपने आप को आगे बढ़ता भी देख सकते हो,  जिसमें सक्सेस, क्रिएटिविटी और सपोर्ट हो।

याद रखो, सुरक्षा पहले

नेटवर्किंग करने के दौरान तुम्हें अच्छा तो लग सकता है क्योंकि तुम नए लोगों से मिलोगे मगर अपनी सेफ्टी का ध्यान रखना भी जरुरी है क्योंकि ऑनलाइन ऐसे कई लोग मिल सकते हैं, जो तुम्हारा फायदा उठाने चाहेंगे इसलिए अपनी पर्सनल जानकारी किसी को मत देना, जैसे- फोन नंबर, फोटो, घर का पता या कोई भी संवेदनशील जानकारी। 

डिजिटल वलर्ड में हर किसी का अपना एक छुपा हुआ चेहरा होता है। इसे तुम मुखौटा भी कह सकते हो इसलिए अपनी प्राइवेसी को बचाकर रखो। हमेशा किसी भी नेटवर्क से जुड़ने से पहले ये देखो कि वो फेक तो नहीं है या कोई प्राइवेट जानकारी तो नहीं मांग रही। अगर ऐसा हो, तो सतर्क हो जाओ और उससे दूर रहना ही बेहतर है। 


दूसरों से बात करने के बारे में और जानने के लिए नीचे दिय गया वीडियो ज़रूर देखें :

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