header image

उफ़ ये उलझन

‘जब मार्क्स ही न मिले तो क्या फायदा?’

14 साल के अथर्व के लिए स्कूल बस एक पढाई की जगह थी। उसे खेल-कूद, आर्ट, वाद-विवाद जैसे अन्य (एक्स्ट्रा-करीकुलर) गतिविधियाँ बहुत बोरिंग लगती थी। उसका मानना था कि अगर उसे उसके मार्क्स नहीं मिल रहे तो उन्हें करने का कोई फायदा भी नहीं।

जब मार्क्स ही न मिले तो क्या फायदा?

मैं क्यों?

अथर्व के स्कूल में यह कला उत्सव चल रहा है – टॉपिक हैं विविधता  हर कोई अपने पोस्टर बनाने में व्यस्त था, लेकिन अथर्व, हमेशा की तरह, इस सब मे दिलचस्पी नहीं ले रहा था।

“अथर्व, क्या ये पोस्टर बनाने में तुम मेरी मदद करोगे? मैं स्केच कर रहा हूँ, तुम रंग भर देना। इस साल का इनाम भी बहुत बड़ा है। हम इसमें साथ में हिस्सा ले सकते हैं।” अमन ने अथर्व को शामिल करने और उसकी दिलचस्पी बढ़ाने के लिए कहा. जबकि उसके बचपन का दोस्त होने के नाते वह यह जानता था कि उससे इस बारें में कुछ भी कहना व्यर्थ होगा।

“ये सब बहुत बोरिंग है यार। मुझे समझ नहीं आता कि तुम भी इस सब इसमें क्यों भाग ले रहे हो। क्या हम स्कूल इस सब के लिए आते हैं? तो फिर इन सभी मूर्खतापूर्ण गतिविधियों से परेशान क्यों होना”,अथर्व ने जवाब दिया।

“ठीक है, तुम्हारी मर्ज़ी!” कह कर अमन होने काम में व्यस्त हो गया।

रेखा मैम ने उनकी बातें सुनी और अथर्व को अपनी टेबल पर बुलाया।

“अथर्व, यहाँ आओ। आप कला उत्सव में हिस्सा क्यों नहीं ले रहे हैं?” उन्होंने पूछा।

“सॉरी टीचर, लेकिन ऐसी किसी भी एक्स्ट्रा-करीकुलर में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे यह ज़रूरी नहीं लगती”, अथर्व ने उत्तर दिया।

क्या करें?

“अथर्व, लेकिन क्या तुमने कभी भी खेल, नृत्य, संगीत या कला और शिल्प से संबंधित किसी भी एक्टिविटी में भाग नहीं लिया? ऐसा कुछ तो होगा जिसमे तुम्हे मज़ा आता हो?” रेखा मैम ने पूछा।

“मैं नहीं जानता कि मुझे क्या पसंद है। ये सभी चीज़ें मुझे बोरिंग लगती हैं, और हमें उनके लिए कोई एक्स्ट्रा मार्क्स भी नहीं मिलते है! ” अथर्व ने कहा।

“सब कुछ मार्क्स के बारे में नहीं होता बेटा । ठीक है, एक बात बताओ, तुम्हें कौन सा सेलिब्रिटी सबसे ज्यादा पसंद है? ” टीचर ने बात को थोड़ा मोड़ते हुए पूछा।

अथर्व ने कहा, “मुझे सुनिधि चौहान और उनके सभी गाने बहुत पसंद है। मुझे विराट कोहली भी पसंद हैं।”

“मुझे भी वो दोनों बहुत पसंद हैं। लेकिन क्या तुम जानते हो कि सुनिधि सिर्फ एक गायिका ही नहीं बल्कि बहुत अच्छी परफ़ॉर्मर भी हैं?” टीचर ने पूछा।

“तो तुम्हें क्या लगता है कि सुनिधि को अपने पहले संगीत लेसन में मज़ा आया होगा? तुम्हारी तरह ही उन्हें भी वो क्लास बोरिंग लगी होगी। लकिन, तुम्हें क्या लगता है, अगर उन्होंने इसे बोरिंग कह कर छोड़ दिया होता तो क्या वो आज इतना आगे पहुँच पाती?” टीचर ने पूछा।

“हम्म …”, अथर्व बुदबुदाया।

“और क्या तुम्हे लगता है कि विराट कोहली को स्कूल में क्रिकेट खेलने के लिए ज़्यादा मार्क्स मिले होंगे।?” टीचर ने फिर पूछा।

“मैंने तो कभी इस बारे में इस तरह सोचा ही नहीं। मुझे हमेशा लगता था कि नौवीं कक्षा से पढ़ाई सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है।”

“हाँ, पढ़ाई बहुत ज़रूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम्हे अन्य चीज़ें सीखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। तुम्हे नई गतिविधियों का पता लगाना चाहिए और नई रुचियों का विकास करना चाहिए। हो सकता है आपको वो सारी चीज़े पसंद ना आए पर उनसे आपको अपनी असली रुचियों के बारे में पता चलेगा ”, टीचर ने समझाया।

ये मज़ेदार है

“मैं शाम को अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलता था। लेकिन अपनी पढ़ाई और होम वर्क के कारण मैंने वो बंद कर दिया।”

“कोई बात नहीं, शाम को एक घंटे घंटा अपनी किसी भी मनपसंद गतिवधी के लिए निकालें। बाहर जाओ, खेलो। मेरा विश्वास करो, जब तुम इन सब एक्टिविटीज में भा लोगे तो तुम अपनी पढ़ाई भी और अच्छे से कर पाओगे। आज से ऐसा करने की कोशिश करो और मुझे बताना की कैसा रहा”, टीचर ने कहा।

“ठीक हैं मैम, आज से मैं ऐसा ही करूँगा”, अथर्व ने कहा।

“इसके अलावा, खेल और कला हमे धैर्य और प्रैक्टिस जैसी चीजें सिखाते हैं जो आगे चलकर आपके बहुत काम आ सकती हैं।”

“क्या पता इनमे से ही कोई एक्टिविटी आपका करियर या नौकरी बन जाए? क्या पता आगे चलकर तुम भी नए विराट कोहली बन जाओ?” रेखा मैम मुस्कुराई।

अथर्व भी वापस मुस्कुराया और कागज की एक शीट निकालकर पोस्टर बनाने लगा। अपने दिमाग में, वो शाम को क्रिकेट मैच के लिए अपने पुराने दोस्तों को बुलाने की योजना बना रहा था।

ये मज़ेदार है

क्या आपके मन में कुछ है? नीचे कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर करें। याद रखें कि कोई भी व्यक्तिगत जानकारी कमेंट बॉक्स में न डालें।

एक टिप्पणी छोड़ें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी। अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *

टैग

#AskDisha #canteentalk teamwork अच्छे दोस्त चुन आकर्षण एंग्जायटी कमिंग आउट कहानीमेंटविस किशोर लड़कों का शरीर किशोरावस्था कैंटीन टॉक क्रश गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनाने का दबाव जीवन हमेशा के लिए बदलने वाल टीनएज टीनएज लव टीनएज वाला प्यार ट्रांसजेंडर डाइवोर डिप्रेशन तनाव दबाव दिशा से पूछें दोस्ती दोस्ती की प्रोब्लेम पहली किस का दबाव #एक्सपर्टसेपूछें पीरियड्स प्यार प्यार में धोखा बुलइंग मम्मी-पापा अलग हो रहे ह मम्मी-पापा का डाइवोर मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चीट किआ यौन उत्पीड़न यौन शिक्षा यौनिकता शिक्षक यौवन रिलेशनशिप लड़कियों को अकेले बाहर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जाती ह लड़कों और लड़कियों के बीच अलग-अलग व्यवहार किया जाता ह लड़कों के साथ अलग-अलग व्यवहार क्यों किया जाता ह लड़कों को हर तरह से मजा क्यों करना चाहिए सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड सहमति ख़राब मूड