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उफ़ ये उलझन

मैं ए फिल्म क्यों नहीं देख सकती?

चौदह साल की अवंती ने अपने क्लास के कुछ दोस्तों को एक ‘ए’ रेटेड फिल्म पर बड़े उत्साह से बात करते सुना। इससे उसकी भी जिज्ञासा जाग गयी। स्कूल के बाद उसने अपनी बहन मनाली के लैपटॉप पर यह फिल्म देखने की ठानी। उसके बाद क्या होता है…

ए से एडवेंचर 

अवंती अपना लंच फिनिश कर रही थी जब उसने टिया और उसके दोस्तों के कहकहे सुने। वह भी उनके पास गयी तो पता चला कि सबके सब नेटफ्लिक्स पर आई एक ए सर्टिफिकेट वाली फिल्म पर चर्चा कर रहे थे। टिया ने यह फ़िल्म अपने मम्मी पापा के अकाउंट पर देखी थी। जैसे-जैसे टिया फिल्म की डिटेल्स शेयर कर रही थू, अवन्ती की उत्कंठा बढती जा रही थी। 

उसने सोचा, मनाली तो शाम चार से छः के बीच घर आएगी। जब तक वो कोचिंग क्लास में है मैं उसके लैपटॉप पर फिल्म देख लूंगी। मम्मी पापा भी शाम छः से पहले घर नहीं ही आयेंगे। ये फिल्म तो बड़ी मजेदार लग रही है। 

उसकी जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी, अवन्ती ने घर पहुँचने के साथ ही अपनी बहन का लैपटॉप उसके कमरे से निकाल लिया। कम्बल में आराम से बैठकर लैपटॉप खोला और फिल्म देखने लगी। फिल्म स्क्रीन पर बायीं ओर 18+ का टैग लगा हुआ था, अवन्ती को थोड़ा अजीब लगा पर उसने आगे देखने का फैसला लिया।  

जैसे ही शुरूआती क्रेडिट रोल ख़त्म हुए, मनाली कमरे में आ गयी, ‘अवन्ती तुमने मेरा लैपटॉप देखा है? आज कोचिंग क्लास में जिस असाइनमेंट को डिस्कस करना है उसे प्रिंट करना है।’ 

बोलते हुए मनाली बीच में रुकी। 

‘अवन्ती, भरी दोपहर में तू कम्बल में क्या कर रही है और मेरा लैपटॉप तेरे पास क्या कर रहा है? ‘

जैसे ही मनाली करीब आई, अवन्ती ने अफरा तफरी में विंडो ऑफ कर दिया। 

मनाली ने अवन्ती के हाथ से लैपटॉप छीना और उसे अवन्ती के द्वारा देखे जा रहे फिल्म की एक झलक मिल गयी।

उसने माथे पर बल लाते हुए पूछा, ‘अवन्ती ये तो एडल्ट फिल्म है। इस पर 18+ का साइन भी है। तू क्यों देख रही है इसे फिर?’ 

आँखें नीची किये हुए अवन्ती ने कहा, ‘दीदी आज स्कूल में टिया और मेरे बाक़ी दोस्त इस बारे में बात कर रहे थे। मेरा भी मन किया देखने का, पर मुझे नहीं पता कि क्यों हमें इसे देखने के लिए अठारह साल का होना पड़ेगा? क्या मैं इसे नहीं देख सकती?’ 

अवन्ती जानना चाह रही थी और अब जब उसने सब बता दिया था तो उसकी आवाज़ काँप रही थी। 

‘ठीक है, तुम्हारी दोस्त ने इसे अपने पेरेंट्स के अकाउंट से देखा होगा। मुझे नहीं पता कि वह इस बात से अवगत थी या नहीं कि यह एक एडल्ट फिल्म है, पर मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी।’ मनाली ने निराशा से भर कर कहा। 

अवन्ती ने जवाब दिया, ‘सॉरी दीदी, मैंने तुम्हारा भरोसा तोडा। मैं बस जानना चाह रही थी कि क्यों मैं 18+ या वयस्कों वाली फिल्म नहीं देख सकती। इसमें इतना क्या बुरा है?’ 

दुविधा में और दुखी… अवन्ती की आँखों में पछतावा देखकर मनाली थोड़ी नर्म हुई और कहा, ‘अलग अलग फिल्मे अलग कारणों की वजह से 18+ या ए रेटेड मानी जाती हैं। जैसे, किसी फिल्म में बहुत अधिक हिंसा या अनुपयुक्त दृश्य हों जिससे तुम्हारा मन ख़राब हो सकता है,’ मनाली ने जवाब देते हुए कहा। 

कई ए  रेटेड फिल्मों में अपमान जनक भाषा के साथ संवाद हो सकते हैं। खून, युद्ध के दृश्य, नग्नता या यौन दृश्य, जिससे तुम असहज हो सकती हो’, मनाली बोलती गयी। 

‘लेकिन दीदी, पिछले शुक्रवार को  मूवी नाईट  के दौरान हमने ‘जोधा अकबर’ देखी – इसमें युद्ध और रोमांस दोनों है। इसमें तो मुझे बहुत मज़ा आया।  ये फिल्में एक-दूसरे से अलग कैसे हैं?’ अवंती ने दुविधा में भर कर  पूछा।

‘अच्छा सवाल अवंती। तो जोधा अकबर एक ‘यू / ए’ (अप्रतिबंधित / वयस्क मार्गदर्शन) रेटेड फिल्म थी। इसका मतलब है कि फिल्म किसी के लिए भी सुरक्षित है। युद्ध के दृश्य थे, लेकिन उन्हें इस तरह से शूट किया गया था, जो युवा दर्शकों को असहज नहीं करेगा’, मनाली ने कहा।

‘हाँ, मुझे बहुत मज़ा आया। लेकिन हमें कैसे पता चलेगा कि हमें कौन सी फिल्म देखनी चाहिए या नहीं देखनी चाहिए?’ अवंती ने पूछा।

‘यह आसान है। सभी फिल्मों, डॉक्यूमेंटरी या सीरिज़ आदि की रेटिंग है। ये रेटिंग आम तौर पर फिल्म शुरू होने से पहले देखी जाती है या कभी-कभी स्क्रीन के ऊपरी दाएं / बाएं कोने पर भी प्रदर्शित होती है, अब विशेष रूप से नेटफ्लिक्स या ऐसे अन्य प्लेटफार्मों पर’, मनाली ने जवाब देते हुए कहा। 

‘तो हमारे पास दो टाइप की फ़िल्में हैं, एक 18 से नीचे और दूसरी, 18 से ऊपर वालों के लिए?’ अवंती ने पूछा।

 श्रीमान पॉटर आये बचाने 

‘दरअसल कई तरह की उम्र सीमा वाली रेटिंग हैं। तुम्हें हैरी पॉटर की फिल्में याद हैं?  ‘हाफ-ब्लड प्रिंस’, ‘हैरी पॉटर  एंड प्रिजनर ऑफ अजाकाबन’, ‘हैरी पॉटर  एंड द चैंबर ऑफ सीक्रेट्स’, ‘हैरी पॉटर  एंड द फिलोसोफर्स स्टोन’ सभी को पीजी (पैतृक मार्गदर्शन) का दर्जा दिया गया है क्योंकि वे केवल कुछ डरावनी फैंटेसी/ कल्पनाएँ हैं। इन फिल्मों में थोड़ी  हिंसा, बुरी भाषा और कामुकता की कुछ मात्रा है’, मनाली को उत्तर दिया।

‘जबकि अन्य भाग -‘ हैरी पॉटर  एंड द गॉब्लेट ऑफ फायर’,’ हैरी पॉटर  एंड द ऑर्डर ऑफ द फीनिक्स’, हैरी पॉटर  एंड द डेथली हैलोज़ (भाग 1 और 2) सभी’ पीजी -13 +रेटेड फिल्में हैं। यानि इन फिल्मों को देखते हुए किसी व्यस्क  का किसी अठारह से कम उम्र के दर्शक के साथ होना ज़रूरी है। इन फिल्मों में फैंटेसी, हिंसा और धमकी या चोट के डिटेल्स भी थे।

‘आप सही कह रही हैं दीदी, मुझे पिछली दो फ़िल्में सच में काफी डार्क नज़र आई थी , जिस तरह से मृत्यु, टार्चर और श्राप का इस्तेमाल हुआ था। हमने साथ ही तो देखा था’, अवंती ने याद किया।

‘हाँ, वे थोड़े डार्क  थे। लेकिन फिर भी उन्हें  किशोरों द्वारा देखा जा सकता है। लेकिन 18 + / या 18 A फिल्में 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी दर्शक के लिए भी पूरी तरह से अनुपयुक्त है।

अधिकांश डरावनी फिल्में जैसे ‘स्क्रीम 2′, ‘एनेबल ‘ या ‘परानोर्मल एक्टिविटी’ भी इस श्रेणी में आती हैं’, मनाली ने आगे कहा।

पर मेरे दोस्त …

‘अगर मैं ए सर्टिफ़िकेट वाली फिल्म देखती हूं तो वास्तव में क्या होगा? लगता है कि मेरे दोस्तों को इसमें मज़ा आया है’, अवंती ने पूछा।

‘तुम्हारे दोस्तों को इसे देखना रोमांचक लगा होगा क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें इसे देखने की अनुमति नहीं थी। जैसा उत्साह तब होता जब तुम्हें सर्दियों की रात में आइसक्रीम मिलती है, जबकि उसे उस वक़्त नहीं मिलना चाहिए था।’  मनाली ने समझाया।

‘हाहा, आप  मेरी आइसक्रीम की कहानी कभी नहीं भूलोगी न ! लेकिन मुझे यह तो बताओ, क्या होगा अगर मैं सिर्फ यह देखने के लिए फिल्म देखूं कि वहां दरअसल है क्या? ‘, अवंती ने पूछा।

‘अवंती, तुम्हारा समय आएगा। मुझ पर विश्वास करो। अभी के लिए इन फिल्मों से तुम्हारा वैसा मनोरंजन नहीं होगा, जैसा होना चाहिए क्योंकि ऐसे बहुत सारे रेफेरेंस (सन्दर्भ) होंगे जिन्हें समझ पाना मुश्किल होगा। तुम्हें लगता है जब तुम पांच-सात साल की थी तब जोधा अकबर फिल्म का पूरा मज़ा उठा सकती थी? उसकी तारीफ़ कर सकती थी?’ मनाली से पूछा।

‘हाहा… दी! मैं तो उस वक़्त  ‘छोटा भीम’ और ‘प्रिंसेस सोफिया’ देखने में व्यस्त थी’। अवंती की हंसी छूट गयी। 

‘बिल्कुल सही! जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आप एक समझ विकसित करते हैं जिससे आप फिल्म और उसके प्लॉट का आनंद ले सकते हैं। ‘ए’ रेटेड फिल्मों में ऐसी सामग्री होती है जोअठारह से  कम उम्र के लोगों के लिए समझना मुश्किल हो सकता है। उस वक़्त उन फिल्मों को देखने से कुछ विषय गलत और अनुचित तरीके से तुम तक उजागर हो सकते हैं। तुम्हारी उम्र में  वास्तविकता और काल्पनिकता के बीच का फर्क जानना मुश्किल हो सकता है’,  मनाली ने जवाब दिया।

सॉरी से बेहतर देर

‘हम्म्म … मुझे याद है कि एक सीरीज में  एक सुसाइड सीन देखने के बाद टीया बहुत उदास हो रही थी’, अवंती ने सोचते हुए कहा।

 ‘यही तो बात है। यदि तुम्हारा मनोरंजन करने की जगह  कोई फिल्म या टीवी सीरीज तुम्हें परेशान, करती है या उलझन में छोड़ देती है, तो शायद इस तरह की फिल्मों को देखने के लिए सही उम्र का इंतजार करना ही बेहतर  है। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता है?’ मनाली ने जवाब दिया।

‘हाँ, मुझे याद है कि’ एनेबल ‘देखने के बाद हफ्तों तक अकेले बाथरूम जाने में डर लगता था’, याद करते हुए अवंती सिहर गयी। 

‘इसी तरह, तुम जिस फिल्म को देखने जा रही थी, उसमें रिलेशनशिप को कुछ इस तरह दिखाया गया है कि तुम उलझन में पड़ सकती थी। पहले इन चीजों को बेहतर तरीके से समझना ठीक होगा। और हाँ, यह समझ आमतौर पर उम्र और अनुभव के साथ आती  है। उसके बाद तुम्हें जो देखना है, उसे देखने के लिए स्वतंत्र होगी। ठीक है न?’ मनाली ने पूछा।

‘एकदम! ऐसे डिटेल में समझाने के लिए थैंक यू दीदी। सॉरी कि मैं आपका लैपटॉप छिपाकर लायी।’ अवंती ने कहा।

‘अरे हाँ, मेरा लैपटॉप! मुझे अपनी क्लास के लिए देर हो रही है। और इसके लिए, मैंने तुम्हें माफ नहीं किया है! ‘, कमरे से बाहर भागते हुए मनाली अवंती को छेड़ते हुए चिल्लाई।

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