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उफ़ ये उलझन

मैं उसे वापस क्यों नहीं मार सकता!

अमन बहुत गुस्से में है। उसे स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन उसने जो भी किया वो सब बस रजत को रोकने के लिए किया। वह गलत क्यों है? रजत को कोई कुछ क्यों नहीं कह रहा है? इस बात से परेशान होकर, अमन ने ये सब अपने भाई ईशान को बताया।

मैं उसे वापस क्यों नहीं मार सकता!

Picture: Shutterstock/wong yu liang

मुझे खेद नहीं है

जब अमन स्कूल से वापस आया, तो ईशान ने देखा कि वह बहुत गुस्से में है। और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया था।

ईशान को उसकी चिंता होने लगी तो उसने जाकर अमन के कमरे के दरवाज़े पर खटखटाया। “क्या तुम ठीक हो अमन?” ईशान ने पूछा। लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला।

“अगर तुम्हे किसी भी बारे में बात करनी हो…?” ईशान ने कहा और चला गया।

कुछ समय बाद, अमन अपने कमरे से बाहर निकला और आकर ईशान के पास बैठ गया।

“मुझे पूरे हफ्ते के लिए स्कूल से निकाल कर दिया गया है”, अमन ने धीरे से कहा।

“क्या? तुम मज़ाक कर रहे हो ना छोटू!” ईशान अब उलझन में था।

“नहीं, मैं सच कह रहा हूँ भैया”, अमन ने नीचे देखते हुए जवाब दिया।

“बताओ क्या हुआ?” ईशान ने पूछा।

“मैंने अपने एक क्लासमेट को मुक्का मारा और उसे गाली भी दी। प्रिंसिपल मैम ने फिर मुझे बड़ा लेक्चर दिया। उन्होंने मेरी बात सुनी तक नहीं। और सच कहूँ तो मैंने जो भी किया उसका मुझे बिल्कुल भी अफ़सोस नहीं है”, अमन ने ईशान से कहा।

इस विषय पर यह वीडियो देखना मत भूलना! (बाकी की कहानी नीचे पढ़ो)

मैं ये नहीं झेल सकता

“तुम मुझे बताओ हुआ क्या?” ईशान ने अमन को शांत करने की कोशिश की।

“भैया, रजत और उसके दोस्तों ने मुझे तंग कर रहे थे। वो मुझे श्रेया के साथ घूमने के लिए परेशान कर रहे थे, ये चिढ़ाते हुए कि वो ऐसे लड़के के साथ कैसे घूम सकती है जिसके चेहरे पर इतने सारे पिम्पल हैं। वो भी उसके सामने! मैं और क्या करता? मैं ये सब नहीं झेल सकता और मुझे पता है कि मैंने जो किया वो सही था”, अमन ने गुस्से में कहा।

“हाँ पर तुम अपनी टीचर से भी तो शिकायत कर सकते थे ना”, ईशान ने कहा और फिर कमरे से बाहर चला गया। वह चाहता था कि अमन पहले शांत हो जाए। उन्होंने पूरी दोपहर बात नहीं की लेकिन उनके माता-पिता के घर आने का समय हो गया था।

अमन को टेंशन हो रही थी। स्कूल के प्रिंसिपल ने ज़रूर इस सब के बारे में उसके मम्मी-पापा को कॉल कर के बता दिया होगा। उसे ईशान के समर्थन की ज़रूरत थी उसने दरवाजा खटखटाया और अपने कमरे में घुस गया।

“तुम्हे क्या चाहिए?” ईशान ने पूछा।

“मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने जो किया वह क्यों किया!” अमन ने चुपचाप कहा।

“ठीक है, मैं सुन रहा हूँ! लेकिन प्लीज़ ये कहकर शुरू मत करना कि तुमने जो किया बिलकुल सही किया। इससे मुझे चिढ़ होती है!” ईशान ने कहा और बैठ गया।

हाँ मैंने किया

“ठीक है भैया। पर मुझे एक बात बताइये, अगर मैं उन्हें नहीं रोकता तो वो लोग मेरा रोज़ मज़ाक उड़ाते, है ना?” अमन ने सवाल किया।

“लेकिन अमन …” ईशान ने बोलने की कोशिश की, लेकिन अपने भाई को जारी रहने दिया।

“और वो गाली। यह इन दिनों कितना नार्मल है। टीवी पर मेरी उम्र के बच्चे इसका बहुत बार इस्तेमाल करते हैं”, अमन ने कहा।

“तो मैंने क्या गलत किया? मैंने नेटफ्लिक्स पर एक वेब शो देखा था जिसमे एक लड़की ने अपने ही क्लास के बच्चों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। और मैं ऐसा अपने साथ बिल्कुल नहीं होने दूँगा”, अमन ने जोश से कहा।

ईशान शांति से अमन की बात सुन रहा था और फिर कहा, “अमन, मुझे मुझे उम्मीद है कि तुम जानते हो कि टीवी और सच्चाई में फर्क होता है। अगर कोई तुमको स्कूल में धमकाता या चिढ़ाता है, तो टीचर से शिकायत करो, प्रिंसिपल से बात करो। पर कभी भी बात को अपने हाथों में मत लो। हर स्कूल में इस सब के खिलाफ बहुत से नियम बने हैं और मैं ये जानता हूँ क्योंकि मैं भी इसी स्कूल में पढ़ा हूँ”, ईशान ने कहा।

“भैया, मैंने लास्ट टाइम अपने टीचर से उसकी शिकायत की थी। उन्होंने सिर्फ रजत को डांटा और वह नहीं रुका। अब, न केवल वह मेरा मजाक उड़ाता है, बल्कि उसके दोस्त भी ऐसा ही करते हैं!” अमन ने गुस्से से समझाया।

“फिर से अमन की शिकायत करो! प्रिंसिपल को बताओ। मुझे बताओ। मम्मी और पापा को बताओ। लेकिन कभी भी गुस्सा कर के लड़ो मत!” ईशान ने समझाया।

“भैया, लेकिन वे सोचेंगे, मैं उन से डर गया। वे सोचेंगे कि मैं कायर हूँ। केवल एक चीज जो उन्हें रोक सकती है वह है जवाब, भैया। आपने देखा ही होगा कि कैसे हर फिल्म में विलेन तभी रुकते हैं जब हीरो उन्हें कड़ी टक्कर देता है! ” अमन ने हठपूर्वक कहा।

“और वही लड़ना आपको सस्पेंड भी करवा सकता है, जैसे अभी हुआ। इसके अलावा, मुझे लगता है कि तुम बहुत ज़्यादा टीवी देख रहे हो! मैं माँ और पापा से तुम्हारा टीवी का समय कम करने के लिए कहूँगा”, ईशान ने कहा।

आपके दोस्त भी तो… 

“क्या **** भैया! आप ऐसा नहीं कर सकते!” अमन ने बगावत कर दी।

“अमन, अपनी भाषा देखो! मुझे पता है कि हर कोई टीवी पर गाली का उपयोग करता है लेकिन हमें असल ज़िन्दगी में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। ये सुनने वालो के लिए बहुत अपमानजनक हो सकता है।”, ईशान ने समझाया।

“हम्म भैया, यहाँ तक ​​कि आपके दोस्त भी कभी-कभी इसका इस्तेमाल करते हैं। मैंने सुना है!” अमन ने कहा।

“हाँ, वो करते हैं। मैं उन्हें भी वही बात बताता हूँ। लेकिन क्या मैंने कभी तुम्हारे सामने इस शब्द का इस्तेमाल किया? क्या तुमने कभी मुझे इसका इस्तेमाल करते देखा है? ” ईशान ने पूछा।

“नहीं, भैया। सॉरी!”

“अमन, टीवी या वेब शो पर सारा सच नहीं होता है, वो सब एक स्क्रिप्ट पर चलता है। हमारी लाइफ उनकी लाइफ से बहुत अलग होती है। हमे किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई हक़ नहीं है”, ईशान ने समझाया।

अमन ने सिर्फ सिर हिलाया। उसे अभी भी ईशान की बातों पर पूरा विश्वास नहीं था।  

“जब हीरो गाली का इस्तेमाल करता है या किसी पर हाथ उठाता है, तो उसे उसके बाद विलेन के साथ नहीं रहना होता है। वहीं तुम्हे रोज़ रजत के साथ स्कूल और क्लास में रहना है। तो उस पर हाथ उठा कर तुम्हारी समस्या कैसे ठीक होगी?”, ईशान ने कहा।

“हम्म….” अमन ने कहा।

“अमन, असल दुनिया की समस्याओं के लिए असल समाधान की आवश्यकता होती है। किसी को मारना या अपशब्दों का इस्तेमाल करना किसी को रोकेगा नहीं। बल्कि उनके लिए वो वापस हिट करने का एक और कारण बन जाएगा। भले ही वो थोड़े समय के लिए रुक सकते हैं, पर वो फिर से आपको चोट पहुँचाना चाहेंगे”, ईशान ने तर्क दिया।

“और वैसे भी जिस तरह से तुमने इस समस्या को हल किया है, दूसरों का अनादर कर के, तुम में और रजत में फर्क क्या रहा। किसी और को अपमानित और नफ़रत दिखने से आपको बदले में भी बस अपमान और नफरत ही मिलेगी। क्या तुम इस चक्कर को जारी रखना चाहते हो?” ईशान ने पूछा।

मैं शायद थोड़ा बहक गया था

“ऐसा नहीं है। मैं शायद थोड़ा बहक गया था। मुझे आपसे या माँ-पापा से मदद माँगनी चाहिए थी”, अमन ने आँखों में आंसू लिए ईशान से कहा।

ईशान अमन के करीब गया और उसे गले से लगा लिया।

“मैं कल रजत से माफी मांगने जाऊँगा पर आप मुझे उससे वापिस दोस्ती करने के लिए मत कहना”, अमन ने रुआँसे मुँह से कहा।

“ज़रूरी नहीं तुम उसे पसंद करो अमन। लेकिन उसकी वजह से आप अपना व्यव्हार नहीं बिगाड़ सकते और अगली बार तुम्हे उससे बिना लड़े-झगड़े ही अपनी समस्या का हल निकालना होगा। 

“ज़रूर भईया, लेकिन आज रात मुझे मम्मी और पापा से बचा लो! मेरी तरफ रहना। या कम से कम उन्हें बोलिये कि आप मुझे डांट चुके हो! “अमन ने धीरे से बोला।  

“ये बात तो मैंने उनसे दोपहर में ही करली थी छोटू! वो थोड़े गुस्सा हैं लेकिन कहा कि वे मुझे अभी के लिए इसे संभालने देंगे। वे रात के खाने पर हमारा इंतजार कर रहे हैं। आखिर बड़े भाई होते किसलिए हैं!” ईशान ने हँसते हुए कहा।

“सही में भाई, तुम बेस्ट हो। चलो खाना खाते है। मैं बहुत भूखा हूँ। मैंने आज अपना खाना भी नहीं खाया ” अमन ने कहा, और वे दोनों रसोई की ओर चल दिए।

मैं शायद थोड़ा बहक गया था

Photo: Shutterstock/PakistanZindabad

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