header image

जिज्ञासा स्टेशन

प्यार या बस टाइमपास? जब सबको कोई चाहिए और तुम अब भी सोच में हो

“मेरी क्लास में तो हर किसी का कोई ना कोई है… और मैं अब तक सोच रहा हूं कि असली प्यार आखिर होता क्या है?”
ये हैं 17 साल के अशप्रीत की दिल की बातें, जो उन्होंने टीनबुक  के साथ शेयर कीं – बिना किसी डायलॉगबाज़ी के, सीधे दिल से!

जब हर कोई किसी के साथ हो और तुम बस यही सोचो -‘मेरा नंबर कब आएगा?’ तब दिमाग में एक नहीं, कई सवाल उठते हैं। क्या ये सच में प्यार है या बस आसपास के दबाव और सोशल मीडिया की चकाचौंध का असर?

अशप्रीत ने उसी उलझन के बारे में बात की है – क्रश, थोड़ी फ्लर्टिंग, ब्रेकअप वाले उदास गाने, और रिश्तों की असली ज़िम्मेदारी क्या होती है, उस पर अपने अनुभव।

ये कोई एक्सपर्ट की सलाह नहीं, बल्कि एक टीन की सच्ची सोच है — जिसमें थोड़ा कन्फ्यूज़न है, थोड़ी समझ है, और वो वाली मस्ती भी, जो सिर्फ हमारी उम्र में समझ आती है।

यह क्या हो रहा है? 

मुझे तो लगता है, जैसे ही तुम 16 के होते हो, सबको लगता है अब तुम्हें किसी के साथ होना ही चाहिए। जैसे यह भी स्कूल का कोई नया सब्जेक्ट हो गया हो।

तो हां, हमें कभी न कभी कोई क्लासमेट अच्छा लगने लगता है। बहुत ज़्यादा अच्छा। और फिर हर चीज़ उसी की याद दिलाने लगती है। इस एहसास को लोग क्रश कहते हैं। और नाम सही भी है, क्योंकि यह कभी-कभी तुम्हारा सुकून भी छीन सकता है।

अगर यह एहसास गहरा हो जाए, तो हम हर वक्त उसी के बारे में सोचते रहते हैं। क्लास में ध्यान भटकता है, कॉपी में उसके नाम के अक्षर लिखते हैं, और बस उसके बारे में सोचते रहते हैं।

अगर कोई दोस्त आकर कह दे कि शायद वह भी तुम्हें पसंद करता है, तो दिन बन गया।
आज टेस्ट में नंबर कम आए?
मम्मी ने डांटा?
कोई बात नहीं, क्रश तुमसे भी बात करना चाहता है , बस वही सबसे ज़रूरी लगने लगता है।

धीरे-धीरे यह पसंद एक छोटे से रिश्ते में बदल सकती है। बातें बढ़ती हैं, साथ में समय बिताते हो, और फिर एक दिन कोई अपने दिल की बात कह देता है। फिर शुरू होता है एक नया रिश्ता।

इनमें से ज़्यादातर रिश्ते ज़्यादा दिन नहीं चलते। और यह कोई बड़ी बात नहीं है। जो हमें सच्चा प्यार लगता है, वो शायद सिर्फ एक छोटा पड़ाव हो।

जज़्बात तो होते हैं, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन हम अक्सर एक अहम बात भूल जाते हैं , ज़िम्मेदारी निभाना।

इतनी जल्दी ब्रेक-अप? 

कई बार जब हम सोशल मीडिया पर दूसरों को देखते हैं , जैसे कपल्स की रील्स, फिल्मी सीन या दोस्तों के रिश्ते, तो लगता है जैसे हमें भी किसी के साथ होना चाहिए। सब अपने प्यार की पोस्ट डाल रहे होते हैं, और हम बस सोचते रह जाते हैं, “मेरे साथ कब?”

तो हम भी किसी के साथ जुड़ जाते हैं, ताकि अकेले न लगें। सोचते भी नहीं कि हम उस रिश्ते के लिए तैयार हैं या नहीं।

और फिर जैसे ही कोई छोटी सी बहस हो, इंस्टाग्राम पर उदास गाने और स्टोरीज़ लग जाती हैं।

पर इतना समझ लो, अगर कोई रिश्ता ज़्यादा नहीं चला, इसका मतलब यह नहीं कि वह सच्चा नहीं था। हो सकता है उस वक्त वह तुम्हें प्यार ही लगा हो। लेकिन जब चीजें नई-नई होती हैं, तब हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि किसी रिश्ते को चलाने के लिए क्या चाहिए, और वह है ज़िम्मेदारी।

सच्चे रिश्तों में क्या चाहिए

चाहे हम किशोर हों या बड़े, सच्चे रिश्तों को निभाने के लिए सिर्फ दिल वाले इमोजी और प्यारी-प्यारी तस्वीरें काफी नहीं होतीं।

ज़रूरत होती है भरोसे, सच्चाई, समझदारी और छोटी-मोटी बातों पर एक-दूसरे को नज़रअंदाज़ न करने की।

इसके लिए हमें खुदगर्ज़ी छोड़नी पड़ती है, अपने अहम को थोड़ा साइड में रखना पड़ता है और सामने वाले की सच में परवाह करनी पड़ती है।

जब कुछ गलत हो, तो हम बस इतना कह देते हैं “कुछ नहीं”, जब कि अंदर ही अंदर बहुत कुछ होता है। हमें बात करनी चाहिए। सिर्फ स्टोरी लगाकर या टेक्स्ट करके बात नहीं बनती।

रिश्ते हमें क्या सिखाते हैं

चाहे रिश्ता एक साल चले, एक महीना या कुछ ही दिन, हर रिश्ता हमें कुछ न कुछ सिखा जाता है।

यह हमें भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाता है, यह सिखाता है कि जो हमारे लिए नहीं है, उससे कैसे आगे बढ़ना है। और यह भी कि हमने कहां गलती की और कैसे खुद को बेहतर बनाया जा सकता है।

तो अगली बार जब किसी पर दिल आए, थोड़ा रुक कर सोचो, क्या मैं इसके लिए तैयार हूं, या यह बस एक पल भर की बात है?

चाहे यह रिश्ता एक हफ्ता चले या एक साल, कुछ न कुछ सीख ज़रूर देगा।

प्यार हमेशा नहीं चलता, लेकिन यह तुम्हें अंदर से बदल सकता है।

और अगर कुछ और नहीं भी मिला, तो कम से कम तुम्हारे पास कोई मज़ेदार कहानी तो होगी जो दोस्तों को सालों तक सुनाई जा सकेगी।

क्या तुमने भी कभी ऐसा महसूस किया है? अपनी कहानी हमारे साथ बांटो,  हम सुनने के लिए तैयार हैं।

गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् है।

क्या आप अपनी भावनाओं को टीनबुक के साथ साझा करना चाहेंगे? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में भेजें! याद रखें, कोई भी व्यक्तिगत जानकारी कमेंट बॉक्स में न डालें।

एक टिप्पणी छोड़ें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी। अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *

टैग

comparing yourself to others stress by comparison what if i am not that good why i compare myself to others अभी-अभी ब्रा पहनना शुरू किय एंग्जायटी कमिंग आउट किशोर लड़कों का शरीर कैंटीन टॉक क्रश गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनाने का दबाव जीवन हमेशा के लिए बदलने वाल टीनएज टीनएज लव टीनएज वाला प्यार ट्रांसजेंडर डाइवोर डिप्रेशन तनाव दिशा से पूछें दोस्ती दोस्ती की प्रोब्लेम धूम्रपान पहली किस का दबाव #एक्सपर्टसेपूछें पीरियड्स प्यार में धोखा बुरी आदत बॉयफ्रेंड के लिए डांट ब्रा जो आपको अच्छी तरह फिट ह ब्रा नापना कैसे ह मम्मी-पापा अलग हो रहे ह मम्मी-पापा का डाइवोर मम्मी को पता चल गया की मेरा बॉयफ्रेंड ह मम्मी से बात कैसे कर मुझे मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग क्यों करना चाहिए मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग कैसे कर मेंस्ट्रुअल कप कैसे काम करता ह मेंस्ट्रुअल कप क्या होता ह मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चीट किआ यौन उत्पीड़न रिलेशनशिप सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड सहमति सही ब्रा कैसे चुन ख़राब मूड