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उफ़ ये उलझन

कठिन समय में पॉज़िटिव कैसे रहें?

फोटो: Shutterstock/फोटो में लोग मॉडल हैं। 

मन हल्का रखिये 

ये बहुत ज़रूरी है कि आपके आसपास अच्छा सोचने वाले लोग हो जो मुश्किल समय में आपकी मदद सकें। यह आपका परिवार, सबसे अच्छे दोस्त, कज़िन्स या शायद आपका पालतू जानवर भी हो सकता है! अपने आप को व्यक्त करके उनके संपर्क में रहें।

अपनी भावनाओं से भागे नहीं – इन्हे महसूस करें। अगर आप उदास महसूस कर रहे हैं, तो किसी को बताएँ। कभी कभी रोने या उदास रहने से भी मदद मिलती है। आप आश्चर्यचकित होंगे की ऐसा करने के बाद और अपनी भावनाओं को मन से बाहर निकालने के बाद आप कितना हल्का महसूस कर सकते हैं!

नकारात्मक लोगों से बचें – कोई ऐसा व्यक्ति जो हमेशा दुखी बातें करता है! आप जितना ज़्यादा ऐसी संगति से बचेंगे आप तनाव से भी उतना ही दूर रहेंगे। उनका दुखी बर्ताव आपको सिर्फ परेशान करेगा और आपको खुश रहने से रोकेगा।

ईमोशंस को समझना मुश्किल नहीं होगा अगर आप हमारा यह वीडियो देखें तो! बाकी का आर्टिकल इस वीडियो के बाद पढ़ लें।

मैं आभारी हूँ अपनी…

सबसे कठिन परिस्थितियों में भी, हम में से अधिकांश यह मानते हैं कि हमारे जीवन में कुछ चीजें हैं जिनके लिए हम आभारी हैं। यह कुछ भी हो सकता है – आपके माता-पिता, आपका सबसे अच्छा दोस्त, आपका संगीत, आपका पालतू कुत्ता/बिल्ली, या आपका कमरा! आभारी हो! कृतज्ञता एक बहुत अच्छा गुण है। अपने सबसे अच्छे दोस्तों, अपने सपोर्ट नेटवर्क से उन चीजों के बारे में बात करें जिनके लिए आप आभारी हैं।  एक डायरी रखें जिसमे आप नियम से लिखेंगे की आप किन चीज़ों के लिए आभारी हैं। और जब कुछ बुरा होता है तो इन चीज़ों को याद करना आपकी बहुत मदद कर सकता है।

बोलिये – मैं अच्छा/अच्छी हूँ 

क्या आपको अपने ऊपर शक करने की आदत है? ऐसा तो शायद हम अक्सर करते हैं, है ना? अक्सर किसी को हमें बुद्धू कहने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि हम खुद ही अपने आप को कमतर समझने लगते है। मैं ये सवाल नहीं सुलझा सकता, मेरी आर्ट कितनी खराब हैं, मैं सबसे बुरी खिलाड़ी हूँ – और जाने क्या क्या!

अपने आप को इस तरह से दंडित करने से बचने के लिए अपने दिमाग को सिखाएँ कि वो ऐसा ना करे। जितना अधिक आप अपने बारे में नकारात्मक बोलते हैं, उतने ही अधिक नकारात्मक विचार आपके मन में समा सकते हैं। तो दोहराइये, “मैं अच्छा/अच्छी हूँ! और मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूँ/कर सकती हूँ”। जितनी बार हो सके, उतनी बार बोलें। और देखिये आप बेहतर महसूस करते हैं की नहीं! 

सकारात्मक सोच की शक्ति का उपयोग अपने फायदे के लिए करें। अगर आपके मन में कोई भी बुरा ख्याल आता है तो उसे अच्छे ख्याल में बदलें। धीरे धीरे आपके दिमाग को इसकी आदत पड़ जाएगी।

अपने शरीर (और दिमाग) को मजबूत करें

व्यायाम करने से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक – सभी तरह के लाभ होते हैं। सुबह उठना और व्यायाम करना आपके शरीर की स्थिति में सुधार करेगा जबकि व्यायाम करने के लिए अनुशासन को रखने से आपके आत्म-सम्मान में भी सुधार होगा।

आप समय-समय पर अपने वर्कआउट रूटीन में योग को शामिल कर सकते हैं ताकि आपको ध्यान करने में मदद मिल सके। खराब परिस्थितियों के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए व्यायाम एक शानदार तरीका है।

समाधान की खोज

कई लोग अपने जीवन में बदलाव से बचते हैं। पर हमें यह समझना सीखना चाहिए कि बदलाव अनिवार्य है।

क्या आपने सुना है कि “जीवन में परिवर्तन ही एकमात्र स्थिर है”? हम लगातार बदलते हैं, बेहतर के लिए या बदतर के लिए, ये हमें तय करना है। यह स्वीकार करना कि परिवर्तन जीवन का एक हिस्सा है, हमें इसे अधिक आसानी से स्वीकार करने में मदद करेगा।

चीजों के उज्ज्वल पक्ष को देखने का भी प्रयास करें। अगर आप मासिक टेस्ट में कम नंबर मिलें हैं तो ये सोचिये की उससे आपको फाइनल पेपर में बेहतर करने में मदद मिलेगी। ऐसी सोच रखने से हमें मानसिक शक्ति मिलती है जो हमें कोई भी चीज़ और बेहतर करने में मदद करती हैं। 

क्या आपके मन में कुछ है? नीचे कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर करें। याद रखें कि कोई भी व्यक्तिगत जानकारी कमेंट बॉक्स में न डालें। 

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