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दिशा से पूछें

मुझे स्कूल में कोई पसंद है, लेकिन मम्मी पापा से डर लगता है!

हाय दिशा, मैं ना स्कूल में किसी को पसंद करती हूं और सबसे अच्छी बात तो ये है कि वो भी मुझे पसंद करता है लेकिन मेरे पेरेंट्स को लगता है कि ये नॉर्मल नहीं है। मैं उनसे कुछ छुपाना नहीं चाहती क्योंकि मैं उन्हें हर्ट नहीं करना चाहती। तारीनी, 17, गुड़गांव

 

 

हैल्लो तारीनी, मैं तुम्हारी बातों को समझ सकती हूं क्योंकि मैंने भी एक समय कुछ ऐसा ही फील किया था इसलिए मैं तुम्हें अच्छे से गाइड कर सकती हूं। ठीक है ना।

चलो मेरी झाँसी की रानी, एक साथ इस प्रॉब्लम सुलझाते है! हां, मुझे पता है कि यह उम्र थोड़ी पेरेंट्स और खुद के इमोशंस को समझने में निकल जाती है – क्योंकि हम खुद भी अपने इमोशन को लेकर कंफ्यूज रहते हैं और हमें लगता है कि पेरेंट्स भी बात नहीं समझ रहे और हां, तुम्हारा उस लड़के को पसंद करना बिल्कुल नॉर्मल है। लेकिन पेरेंट्स इसलिए परेशान है क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग क्या कहेंगे! लेकिन डरो मत क्योंकि अब तुम्हारी दिशा तुम्हारे साथ है न! 

सही समय पर बात करना जरुरी 

सबसे पहले एक गहरी सांस लो और सांस में हिम्मत को अंदर भरो क्योंकि तुम्हें अपने पैरेंट्स से बात करनी है। हो सकता है कि वो न समझे लेकिन तुम्हें इन स्टीरियोटाइप्स को तोड़ना तो होगा ही।

सबसे पहले तो पेरेंट्स से बात करने के लिए सही समय ढूंढो क्योंकि मेरे दोस्त सही समय पर बात करना बहुत जरुरी है, जैसे- जब सब कोई खाना खाने के बाद ऐसे ही बैठे हो या आराम कर रहो हो या रात के वक्त कोई मूवी देख रहे हो। हां, ज्यादा फॉर्मल होने की जरूरत भी नहीं है, बस ऐसे बात करो, जैसे तुम अपने भाई-बहन से करते हो।

लेकिन बात करते वक्त तुम्हें ईमानदार रहना होगा और दिखावा तो बिल्कुल नहीं करना है। बस जो तुम्हारे मन में है, ठीक वैसे ही उन्हें बता दो। और हां, बात करते वक्त आराम से बात करो। ऐसा नहीं कि एकदम से रिबेल करने लगो। उनके साथ अपने लाइफ के किस्से शेयर करो और उन्हें टीनएजर वाले इमोशन में लेकर आओ।

कैजुअल रहो लेकिन क्लीयर

तुम ऐसे बात कर सकती हो, “हाय, मुझे ना अपने बारे में कुछ बहुत जरुरी बात आप सबको बतानी है। आप जानते हैं ना कि मैं एक टीनएजर हूं और मेरे अंदर अभी कई तरह के इमोशन्स हैं और मैं इन सबको समझने की कोशिश कर रही हूं। मेरे दोस्त हैं और उनमें से कुछ लड़के भी हैं।” ये रिबेल करने वाली बात नहीं है बल्कि अपनी बातों को अपनी तरह से कहने का तरीका है बस।

हां, हो सकता है कि इस दौरान वो थोडे अपने जज्बातों को तुम्हारे साथ शेयर करें लेकिन अपने आपको इन सबके लिए पहले से तैयार रखो और एकदम शांत रहो। उन्हें बताओ कि टीनएज क्रश के चक्कर में तुम अपने मार्क्स नहीं कम कर रही बल्कि तुम कुछ नया एडवेंचर करना चाहती हो।

याद रखो, तुम्हें उन्हें गलत नहीं साबित करना है बल्कि उन्हें अपनी बातों को समझाना है। तुम्हें स्टीरियोटाइप्स के दीवारों को तोड़ना है, ना कि अपने और पैरेंट्स के बीच कोई दीवार खड़ी करनी है। और हां, तुम उन्हें चैलेंज तो बिल्कुल नहीं कर रही बल्कि तुम उन्हें अपनी दुनिया में लाना चाहती हो।

अगर लगे कि बातचीत थोड़ी तीखी हो रही है, तो अपने कदम वापस ले लो। कभी-कभी ये तरीका भी काम कर जाता है और जब माहौल शांत हो जाए, तो फिर अपनी बात शुरु कर दो।

लड़ो मत

सबसे जरुरी बात, याद रखो कि तुम्हें अपने पैरेंट्स से गाइड लेना है और उन्हें बताओ कि उनकी गाइडेंस तुम्हारे लिए बहुत जरुरी है। तुम उन्हें अपनी दुनिया में आने के लिए कह रहे हो ताकि वो तुम्हें सही से गाइड कर पाएं।

हां, और इस जर्नी में तुम अकेली तो बिल्कुल भी नहीं हो क्योंकि चीयर करने के लिए मैं हूं ना तुम्हारे पास। तो चलो बातचीत शुरु करो और देखो, तुम्हारे पेरेंट्स भी बहुत अच्छे से तुम्हारी बातें सुनेंगे।

 

#दिशासेपूछें एक सलाह कॉलम है जो कि टीनबुक इंडिया की संपादकीय टीम द्वारा चलाया जाता है। कॉलम में दी गई सलाह विज्ञान पर आधारित है लेकिन सामान्य है। माता-पिता और किशोरों को विशिष्ट चिंताओं या मुद्दों के लिए किसी विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।

फोटो: शटरस्टॉक/फोटो में व्यक्ति मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।  

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