मैं उन्हें पापा की जगह कैसे दूँ?
शनिका (14) अपनी ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान कुछ उदास दिख रही है और उसकी दोस्तों ने ये देख लिया। क्यों? उसकी मम्मी उसे किसी से मिलाना चाहती हैं, जो शायद उसके नए पापा हो सकते हैं। उसे एक सौतेले पापा का ख्याल अच्छा नहीं लग रहा है, शायद उन बचपन की कहानियों की वजह से। पर अपने दोस्तों से बातचीत के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने उसका पूरा नजरिया बदल दिया। आइए जानें ऐसा क्या हुआ।
खुली आखों का सपना
यह ऑनलाइन कक्षाओं के बीच ब्रेक का समय था। लेकिन शनिका अभी भी कैमरे पर थी। अकीरा, सचिन और अंशु भी ऑनलाइन थे। यह उनका लंच ब्रेक था – और रोज़ की तरह अलग मीटिंग लिंक पर उनका गपशप करने का समय भी। वे सभी उस लिंक पर तो आ गए लेकिन आज कुछ अजीब था।
“हेलो! शायद आज कोई खुली आँखों से सपने देख रहा है”, अकीरा ने शनिका को देख कर कहा।
“तुम इतनी परेशान और शांत क्यों हो? सब ठीक है? तुमने अपना कैमरा भी बहुत देर तक नहीं खोला!” सचिन ने पूछा।
“नहीं, मैं ठीक हूँ”, शनिका ने आह भरी।
“झूठ मत बोलो, शनिका, तुमने सुबह से एक भी शब्द नहीं बोला। ये सबसे लम्बा टाइम होगा है जिसमे तुमने कुछ ना बोला हो। चलो, अब जल्दी से बताओ क्या हुआ?” अंशु ने पूछा।
शनिका उठी और दरवाजा बंद करने चली गई। उसने अपने इयरफ़ोन उठाए और बोलने से पहले उन्हें ठीक किया।
“मुझे नहीं पता कि यह कैसे कहना है, लेकिन मैं बहुत टेंशन में हूँ। मैं आजकल सिर्फ इसके बारे में ही सोच रही हूँ”, शनिका ने आखिरकार बताया। वह अब और भी उदास लग रही थी।
“किस बारे में? हम बताओ। हम तुम्हारे साथ हैं”, सचिन ने आश्वासन दिया।
एक नए पापा
“जब हम कल रात खाना खाकर घर लौट रहे थे, मम्मी ने मुझसे कहा कि वह मुझे किसी से मिलाना चाहती हैं जिन्हे वह पसंद करती हैं! और अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह भविष्य में हमारे साथ भी रह सकते हैं – मेरे सौतेले पापा के रूप में!”, शनिका ने बताया।
“ओह, शरवरी आंटी शादी करने की सोच रही हैं? ये तो अच्छी बात है शनिका”, अकीरा ने कहा।
“क्या तुम मेरा मजाक उड़ा रही हो अकीरा? यह ठीक नहीं है”, शनिका रोने के कगार पर थी और बहुत गुस्से में थी।
“शांत हो जाओ! मैं तुम्हारा मजाक नहीं उड़ा रही शनिका। सौतेले पापा होने में कुछ भी गलत नहीं है”, अकीरा ने समझाया।
“उन्हें अपने पापा की जगह कैसे दे दूँ? ये गलत है!”, शनिका अब रो रही थी। वो खुद को बहुत असहाय महसूस कर रही थी।
कुछ देर रुकने के बाद सचिन ने बोला, “अरे, रोओ मत। काश हम सब तुम्हारे साथ होते। लानत है इन ऑनलाइन कक्षाओं पर। लेकिन आओ इसके बारे में सोचें। तुम्हारे पापा की जगह कोई नहीं ले सकता पर तुम्हारी मॉम को भी तो एक साथी की जरूरत है।”
“हाँ शानू, उन्होंने अपने जीवन के इतने साल अकेले, संघर्ष करते हुए और आपकी हर ज़रूरत को पूरा करने की कोशिश में बिताए हैं। अब जब तुम समझदार हो गई हो तो तुम्हे भी उनकी ज़रूरतों को समझना चाहिए”, अंशु ने कहा।
बात हमारे बीच रहेगी
“लेकिन मैं उन्हें जानती भी नहीं, क्या वह मेरे और मेरी मम्मी के साथ मेरे पापा जैसा व्यव्हार करेंगे?” शनिका ने पूछा।
सचिन ने कहा, “मुझे लगता है कि तुम्हे अपनी मॉम पर भरोसा रखना चाहिए। वो कभी तुम्हारे जीवन में किसी ऐसे इंसान को नहीं लाएंगी जो तुम्हारे साथ बुरा बर्ताव करे।”
“और ऐसा नहीं है कि वे कल शादी कर रहे हैं, वो तो बस तुम्हे उनसे मिलवाना चाहती है” अकीरा ने कहा।
“लेकिन मुझे डर है कि मेरी मम्मा उनके आने के बाद मुझसे प्यार नहीं करेंगी”, शनिका ने सूँघ लिया।
“क्या तुम पागल हो शानू? तुम्हारी मॉम तुम्हें सबसे ज़्यादा प्यार करती है, और तुम हमेशा उनकी पहली प्राथमिकता रही हो और उसे कोई नहीं बदल… ”, अंशु अपना वाक्य ख़तम ही कर रही थी कि सचिन बोल उठा, “शनिका, मैं तुम्हे और बाकी सभी को कुछ बताना चाहता हूँ। लेकिन वादा करो ये बात हमारे बीच ही रहेगी।”
“क्या सचिन? अभी यह हमें यह बताने का समय नहीं है कि तुम्हे किस पर क्रश है”, अंशु ने उसे चिढ़ाते हुए कहा।
“मेरी मम्मी वास्तव में मेरी सौतेली माँ है। अतिन, मेरा भाई, वास्तव में मेरा सौतेला भाई है”, सचिन ने धीरे से कहा। हर कोई स्तब्ध रह गया।
और तुम्हारी ‘असली’ माँ
“सचमुच!” अकीरा ने कहा।
“लेकिन रति आंटी तुमसे बहुत प्यार करती हैं! मेरा मतलब है…” शनिका के पास शब्द नहीं थे।
“हाँ, बिल्कुल। जब मैं सिर्फ चार साल का था तब मेरे माता-पिता अलग हो गए। मेरे पास सिर्फ उनके लड़ने की यादें हैं। वे दोनों अब शादीशुदा हैं। मुझे भी शुरू में किसी नए इंसान को अपनी मम्मी के रूप में स्वीकार करने में मुश्किल हुई थी। लेकिन अपने आप ही सब ठीक हो गया। मुझे ख़ुशी थी कि अब कोई झगड़े नहीं होते थे। मेरे माँ-पापा दोनों बहुत खुश थे। और मै भी अपने नए माँ-पापा के साथ बहुत खुश हूँ।” सचिन ने कहा।
“हाँ वो हमने देखा है। हम सब आंटी से मिले हैं”, शनिका ने कहा।
“तो तुमने चाहे बचपन में सौतेले मम्मी पापा को लेकर जितनी भी भयानक कहानियाँ पढ़ी हो – असलियत हमेशा ऐसी नहीं होती है। मेरी नयी माँ मेरी ताकत है और मै उनसे बहुत प्यार करता हूँ।”, सचिन मुस्कुराया।
“और तुम्हारी असली माँ – मेरा मतलब है … तुम्हारी जन्म देने वाली माँ?” शनिका ने पूछा।
“हम कभी-कभी बात करते हैं और एक-दूसरे से मिलने जाते हैं। हालाँकि, उनका अपना परिवार और अपनी प्राथमिकताएँ हैं। अब तो मुझे उनकी याद भी नहीं आती। शायद मैं बहुत छोटा था। लेकिन मेरा कहना है – सभी सौतेले माता-पिता राक्षस नहीं होते हैं! ठीक! बस थोड़ा विश्वास करो। तुम्हारी मम्मी को भी जीवन में एक और मौका मिलना चाहिए। तो उन्हें वह जीवन जीने दो”, सचिन ने समझाया।
“हम्म, तुम सही कह रहे हो, सचिन। अपनी कहानी मुझसे शेयर करने के लिए धन्यवाद”, शनिका ने सिर हिलाया।
अच्छे मन से जाओ
“तो, गहरी सांस लो। बस एक बार उनसे मिलो, आदरपूर्वक बात करो और देखो कि वह तुम्हारे और तुम्हारी मम्मी के साथ कैसे हैं। फिर अपनी मम्मी को बताओ कि तुम उनके बारे में कैसा महसूस करती हो”, सचिन ने सुझाव दिया।
“और अगर मुझे वो पसंद नहीं आए तो? क्या मेरी मम्मी समझेगी?”, शनिका ने पूछा
“ऐसे क्यों सोच रही हो? वो ज़रूर समझेंगी और तुम्हे साथ लिए बिना कोई निर्णय नहीं लेंगी”, सचिन ने मुस्कुराते हुए आश्वासन दिया।
“मुझे लगता है कि तुम सभी सही कह रहे हो, मम्मी भी खुश रहने की हकदार है, और मैं उनके फैसले का समर्थन करूंगी”, शनिका ने कहा।
सचिन ने कहा, “सुनकर अच्छा लगा।”
“मुझे आशा है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा”, शनिका ने कहा।
“और चाहे कुछ भी हो हम तुम्हारे साथ हैं”, सचिन ने कहा।
“चलो अब एक ग्रुप सेल्फी! सब इधर देखो। मैं एक स्क्रीनशॉट लूँगी”, शनिका मुस्कुराई।
“अरे जल्दी करो! अपने हिस्ट्री की मैम क्लास के लिए बुला रही है! हमारा ब्रेक बहुत लंबा हो गया”, अंशु ने सभी को याद दिलाते हुए कहा और सभी ने अपनी फ़ौरन लॉग आउट किया।
फोटो: शटरस्टॉक/Prostock-studio/फोटो में व्यक्ति मॉडल है। नाम बदल दिए गए हैं।
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