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    लेकिन तुम पहले तो मान गयी थी!

    टीम टीनबुक | Aug 31st, 2022
    जब सारा ने आर्यन को किस करने से मन किया, तो उसने सारा से कहा, “लेकिन तुम्हें पहले तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी!  रिश्तों में इस तरह की बातचीत काफी आम है मगर हमारा पार्टनर कब तैयार हैं और कब नहीं, यह थोड़ा कन्फ्यूजिंग हो सकता है। आइए इसे इस हफ्ते के क्यूरियोसिटी सेंट्रल में और पढ़ें...
  • ये रिश्ता क्या कहलाता है!! ” चलिए बात करते हैं ‘सिचुएशनशिप’ और ‘नैनोशिप’ की

    दिशा | On 20-05-2025
    दिशा, मैं बहुत कंफ्यूज़ हूँ! मेरी दोस्त ने कहा कि वो “सिचुएशनशिप” में है और किसी और ने “नैनोशिप” का ज़िक्र किया! क्या ये सच में कुछ है या बस नए शब्द हैं जो चीज़ों को और भी कंफ्यूज़िंग कर देते हैं? प्लीज़ समझाओ! — मायरा, 16, दिल्ली हे क्यूटी, आजकल प्यार, दोस्ती और बीच और पढ़ें...
  • जब हर दिन एक जंग हो, तो उसे कैसे जीते हैं?

    Vinayna Khurana | On 13-05-2025
    जब बस खुद को संभालने की कोशिश हो, तो एक आम दिन कैसा दिखता है। ये सच्चा है, थोड़ा उलझा हुआ—और शायद आपकी कहानी जैसा लगे। विनायना ने टीनबुक के साथ शेयर की अपनी कहानी।   हर दिन कुछ नया लेकर आता है – कुछ दिन आसान होते हैं, तो कुछ मुश्किल। विकलांग होकर ऐसे समाज और पढ़ें...
  • हाइट बढ़ाने की दवा खाई… और फिर जो हुआ, वो मैं कभी नहीं भूल पाई!

    Saumya Jyotsna | On 08-05-2025
    सौम्या ने टीनबुक से शेयर किया कि कैसे लोगों की बातों में आकर उसने हाइट बढ़ाने की दवाइयाँ खा लीं। लेकिन जब तबीयत बिगड़ने लगी, तब समझ आया – खुद से प्यार करना सबसे ज़रूरी है। जब मेरे साथ बहुत बुरी चीजें होने लगीं, तब मुझे समझ आया कि सोसाइटी के ढांचे में ढलने की और पढ़ें...
  • मम्मी-पापा का एक ‘शाबाश!’ दिल को इतना सुकून क्यों देता है?

    Team Teenbook | On 24-04-2025
    कभी सोचा है मम्मी-पापा का एक छोटा सा “शाबाश!” सुनकर इतना अच्छा क्यों लगता है? असल में इसके पीछे साइंस है! और ये आपकी आत्म-विश्वास, इमोशन्स को संभालने और टेंशन को कम करने में बहुत मदद करता है।तो चलो आज की साइंस लैब में जानते हैं, ये तारीफ़ या बढ़ावा देना क्यों ज़रूरी है और और पढ़ें...
  • ऑनलाइन नेगेटिविटी को ऐसे किया टाटा-बाय बाय!

    Vinayna | On 11-04-2025
    कभी आपका किसी ऑनलाइन हेटर से पाला पड़ा? एक बुरे कमेंट ने मेरी संडे वाली चाय का पूरा मूड ख़राब कर दिया! लेकिन फिर मैंने गेम पलट दिया। जानो कैसे मैंने हेट को हैंडल किया और अपनी शांति बचाई। संडे की चाय संडे की सुबह थी, चाय का कप हाथ में और इंस्टा स्क्रॉल करते और पढ़ें...
  • मैं एक जोक पर क्यों रो रहा हूँ?!

    Shreya | On 10-03-2025
    कभी किसी मीम/जोक पर हंसते-हंसते अचानक बहुत इमोशनल हो गए? आरव के साथ भी यही हुआ।एक पल वह अपने फ़ोन पर कुछ देख रहा था, अगले ही पल एक कुत्ते का मीम/फोटो वाला जोक देखकर अपनी पूरी ज़िंदगी पर सवाल उठा रहा था। इस कैन्टीन टॉक में, हम आरव की कहानी के ज़रिए समझेंगे कि और पढ़ें...
  • मैथ्स का डर और मम्मी की जादुई टिप्स

    Saumya | On 28-02-2025
    10वीं क्लास में पढ़ने वाला रोहित अपने बोर्ड एग्जाम के कारण अचानक काफी परेशान रहने लगा। किताबें खोलते ही उसे घबराहट होने लगती और रात को ठीक से नींद भी नहीं आती। उसके दोस्त भी स्ट्रेस में थे लेकिन कुछ तो मस्त होकर पढ़ाई कर रहे थे। रोहित को समझ नहीं आ रहा था कि और पढ़ें...
  • स्टेज पर जाते ही डर क्यों लगने लगता है?

    Team Teenbook | On 21-02-2025
    रिद्धि (17) को जब भी लोगों के सामने या स्टेज बोलना होता, तो उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगता और दिमाग पूरी तरह से खाली हो जाता। लेकिन आखिरकार, उसने समझ लिया कि ऐसा क्यों होता—और इससे कैसे निपटा जाए। उफ़ यह उलझन में जानो पूरी कहानी! पहली बार जब बोलना पड़ा मुझे आज भी और पढ़ें...
  • क्यों रुक नहीं पाते स्क्रॉल करने से: सोशल मीडिया की लत का विज्ञान

    Nidhi | On 21-02-2025
    सोचिए, आज आपने कितनी बार अपना फोन उठाया? अभी भी कोई नोटिफिकेशन चेक किया? इंस्टाग्राम पर कुछ रील्स देखीं? या फिर क्रिकेट की कोई हाइलाइट देखने बैठे और समय का पता ही नहीं चला? अगर आपको लगता है कि यह आपकी गलती है, तो रुकिए! यह पूरी तरह से आपकी गलती नहीं है। आज के और पढ़ें...