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मैगज़ीन

लेकिन तुम पहले तो मान गयी थी!

जब सारा ने आर्यन को किस करने से मन किया, तो उसने सारा से कहा, “लेकिन तुम्हें पहले तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी!  रिश्तों में इस तरह की बातचीत काफी आम है मगर हमारा पार्टनर कब तैयार हैं और कब नहीं, यह थोड़ा कन्फ्यूजिंग हो सकता है। आइए इसे इस हफ्ते के क्यूरियोसिटी सेंट्रल में बेहतर ढंग से समझते हैं।

यह हां है!

सहमति को समझना है तो बस एक चीज़ दिमाग में रखिये – इसका मतलब हाँ हैं। जो कुछ भी होने वाला है, उसके लिए स्पष्ट रूप से हाँ कहना।  जो भी हो रहा है उसके बारे में स्पष्ट रूप से हाँ कहकर अपनी सहमति बताएं, खासकर तब जब आप खुद वो करना चाहते हैंI लेकिन ‘सहमति’ का एक और पहलु है – जब आप को कोई चीज़ या बात मंज़ूर नहीं है तब भी स्पष्ट रूप से कहें – नाI मना करने में समर्थ और सक्षम होना भी सहमति के सिद्धांत का उतना ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जितना कि हाँ कहनाI

दो लोगों के बीच बातचीत में स्पष्टता ना होने की वजह से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैI यही वजह है कि कई लड़को को कई बार यह नहीं समझ आता कि ना का मतलब केवल ना हैI

सहमति पर यह मज़ेदार सा वीडियो देखना मत भूलना।  (बाकी का आर्टिकल नीचे पढ़ो)

हां किसके लिए है?

ठीक है, तो जो कुछ भी होने वाला है, उसके लिए आपने हां कह दिया है लेकिन क्या आप समझते हैं कि वास्तव में क्या होने वाला है? मान लीजिए कि आपका बॉयफ्रेंड/गर्लफ्रेंड यह चाहता है कि आप किस करें। उसको लगता है कि ‘मज़ा आएगा’ और आप बस उसकी हाँ में हाँ मिला देते हैंI देखा जाए तो इसे सहमति नहीं कहा जा सकता, कम से कम यह सम्पूर्ण सहमति तो नहीं हैI 

आपका मन तो नहीं है लेकिन आपने सिर्फ इसलिए हाँ कर दी क्यूंकि आपको डर है की अगर आपने न कही तो वह नाराज़ हो जायेगा। सो इसको पूरी तरह से सहमति नहीं कहेंगे।  

किसी भी चीज़ के लिए हाँ बोलने से पहले आपको यह समझना ज़रूरी है की जो भी होने जा रहा है उसका आप पर क्या असर होने वाला है।  इसी वजह से कानून की नज़र में 18 साल से काम उम्र वाले लोगों की सहमति को सहमति  नहीं माना जाता है।  इसी तरह नशीली दवाओं या शराब के प्रभाव में दी गई सहमति भी मान्य नहीं है।

हामी वापस लेना

अब, जब आपको सहमति से जुड़ा मूल सिद्धांत समझ आ गया है – तो ज़रा इसके एक और पहलु पर गौर कर लेते हैं – बात यह है कि सहमति कभी भी वापस ली जा सकती है। ‘हाँ’ कहने के बावजूद यौन सम्बन्ध के दौरान आप कभी भी मना कर सकते हैं – शुरुआत में, बीच में, या फ़िर अंत में। यौन सम्बन्ध के दौरान अगर कभी भी आपको असहजता महसूस हो तो तुरंत आगे बढ़ने से मना कर देंI सिर्फ़ इसलिए कि आपने शुरू में अपनी सहमति दी है, इसका यह मतलब नहीं है कि आपको बाद में ना कहने में किसी भी तरह की हिचकिचाहट होनी  चाहिएI

दाहरण के लिए मान लीजिए कि आप एक ऐसे लड़के को डेट कर रहे हैं, जिसे आप पसंद करते हैं। आप दोनों में बहुत कुछ समान है और आपने एक-दूसरे को जानने में समय बिताया है। आप तय करते हैं कि आप सिर्फ बात करने से कुछ ज्यादा करना चाहते हैं। आप दिन, स्थान और अवसर की सावधानीपूर्वक योजना बनाते हैं। चूंकि अब आप पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन अचानक कुछ सामने आता है। जैसे की आप अब इस कदम के बारें में ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं। इस टाइम पर यदि आप पीछे हटना चाहते हैं, तो यह पूरी तरह से आपके अधिकारों में है। अगर आप उनके साथ आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं, तो आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आपको पीछे हटने के लिए किसी बड़े कारण की भी आवश्यकता नहीं है। 

कहीं भी, कभी भी

यदि आप कुछ नहीं करना चाहते हैं, तो बस यही पर्याप्त कारण है। “लेकिन तुमने पहले हां कहा था”, किसी को मजबूर करने/ मनाने/समझाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कोई भी किसी भी समय अपना विचार बदल सकता है और यह ठीक भी है। चाहे सामने वाला कितना भी निराश या परेशान महसूस करें। 

अगर आपके हिसाब से परिस्थिति बदल चुकी है या कोई और बात है जिसकी वजह से आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो आप पहले दी गयी सहमति वापस ले सकते हैंI लेकिन एक स्वस्थ रिश्ते के लिए ज़रूरी है की आप अपनी फीलिंग अपने साथी को अच्छे से समझा देंI

साथ ही, अपने आप ही यह सुनिश्चित ना करें कि आपके साथी को क्या अच्छा लगता हैं और क्या अच्छा नहीं लगताI एक दूसरे की पसंद- नापसंद जानने का सबसे अच्छा तरीका है एक दूसरे के साथ खुल कर बातचीतI एक दूसरे के साथ समय बिताएं और एक दूसरे की बातों को समझें।

लड़के भी पीछे हट सकते हैं

अभी तक सहमति  से लेकर जो भी बातें हमने समझी, वह लड़कों पर भी लागू होती है।  मान लो आपका साथी आपको छू  रहा है और आपको उसका टच करना पसंद नहीं आया, तो आप उसको रुकने के लिए कह सकते हो।  

सिर्फ इसलिए मना करने से मत डरो कि आपने शुरू कर दिया है। कि आपको किसी भी शुरू की हुई चीज़ को बस खतम करना ही है (लड़के इस बारे में बहुत अधिक प्रेशर लेते हैं), यह ज़रूरी नहीं, अगर मन नहीं है तो नहीं सही! 

नहीं हमेशा एक विकल्प है

ना कहना डरावना, असहज या बस बहुत निराशाजनक हो सकता है। यह कई लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर सकता है कि उन्हें अपने साथी के साथ अंतरंग होने के लिए सहमत होना होगा, ताकि सब चीज़ें जैसे चल रही हैं, चलती रहे। भले ही वह इसके लिए तैयार न हो।

ना कहना सबका अधिकार है। हां, एकदम सही पढ़ा। आपका रिलेशनशिप स्टेटस चाहे जो भी हो फिर; कुछ भी करने का मन अगर नहीं है या आपको कुछ समझ नहीं आ रहा, तो सिर्फ इसलिए हाँ मत कह दो कि और कोई चारा नहीं था। ना कहना हमेशा आसान नहीं होता है लेकिन इसे कहना महत्वपूर्ण है। कई जबरन कृत्यों को एक स्पष्ट और ज़ोर से कहा गया ‘ना’ रोक सकता हैI 

फोटो: शटरस्टॉक/Hirina/फोटो में व्यक्ति एक मॉडल है, नाम बदले गए हैं।

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