मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता!
मुझे लगा था ये बस कुछ दिनों की बात है पर अब मुझे ठीक महसूस हुए बहुत समय हो गया है। मुझे अपनी लाइफ से नफ़रत है। मैं क्या करूँ? कनिका , 15, लुधियाना।
आपके अपने कारण हैं
हैलो कनिका! सबसे पहले तो मैं तुम्हें यह कहना चाहती हूँ कि कभी कभी ऐसे बुरा महसूस होता है, इसमें कोई बुराई नहीं है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है इसलिए इसे अपने आप पर हावी मत होने देना। तुम्हारे अपने कारण हो सकते हैं और अगर वो तुम्हारे लिए ज़रूरी हैं, तो हैं। मुझ पर विश्वास करो। किसी के कुछ और कहने से खुद पर फर्क मत पड़ने देना, ठीक है?
सच कहूँ तो लाइफ कभी कभी हमारे ऊपर थोड़ा ज़्यादा हावी हो सकती है, ऊपर से इस महामारी ने और गड़बड़ कर दी और सब कुछ और मुश्किल बना दिया। रोज़ वही दिनचर्या और साथ ही अब हमारा बाहर जाना भी बहुत कम हो गया है। तो मैं समझती हूँ ये सब किसी के मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर कैसे डाल सकता है।
हर किसी को अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव चाहिए होता है। और क्वारंटाइन बहुत से लोगो के लिए मुश्किल रहा है। तो इसमें तुम अपनी गलती ढूंढने की बिलकुल भी कोशिश मत करना, क्योंकि इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। समझी?
बात करने से मदद मिलती है
लेकिन तुम्हें खुद की मदद करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। अपना समय लो और वो चीज़े करने की कोशिश करो जिनसे तुम्हें ख़ुशी मिलती है। ये कुछ भी हो सकता है- अपनी पसंद के गाने ज़ोर ज़ोर से गाना, दिल खोल कर डांस करना या बस अपने दोस्तों के साथ कुछ वक़्त बिताना।
और अगर तुम्हें अभी भी लगता है कि इन सबसे मदद नहीं मिल रही है, तो मैं तुम्हें अपने माता-पिता या किसी अन्य भरोसेमंद व्यक्ति से बात करने की सलाह दूँगी।
इस बारे में बात करो कि तुम कैसा महसूस कर रही हो और कब से ऐसा महसूस कर रही हो। क्या इसकी कोई एक वजह है? पर हाँ, ऐसा भी हो सकता है कि तुम इसकी वजह ढूंढने की कोशिश करो और कोई वजह न मिलने पर तुम और भी निराश महसूस करो। पर हैलो! ऐसा महसूस करने की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं है। अगर तुम बुरा महसूस कर रही हो, तो इसकी कोई ना कोई वजह ज़रूर होगी।
तुम अपने मम्मी-पापा से पेशेवर काउंसलिंग करवाने को कह सकती हो। इससे तुम्हें बहुत मदद मिल सकती है।
अब अपने मम्मी-पापा से बात करो और उन्हें समझाओ कि तुम कैसा महसूस कर रही हो। तुम्हें समझाने में थोड़ी मेहनत लग सकती है, पर वो तुमसे बहुत सारा प्यार करते हैं और तुम्हरी सेहत उनके लिए भी सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
काउंसलिंग की ज़रूरत
पेशेवर काउंसलिंग सच में तुम्हारी बहुत मदद कर सकती है।
और याद रखना, काउंसलिंग में ऐसा कुछ नहीं है जिससे तुम को शर्मिंदगी महसूस हो। मानसिक स्वास्थ्य हमारे लिए उतना ही ज़रूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य।और मुझे तुम पर गर्व है कि तुमने इसके बारे में खुल कर बात करने का फैसला लिया। ऐसे मुश्किल समय में मदद माँगना आसान नहीं है; इस के लिए बहुत हिम्मत चाहिए। तो देखा जाए तो हमारी कनन किसी सुपर हीरो से कम थोड़ी ना है!
पेशेवर काउंसलर तुम्हारी तकलीफों की जड़ तक पहुँच कर तुम्हें उनका सामना करने में मदद कर सकते हैं, और जब तुम इससे बाहर आओगी तो तुम पहले से बहुत अच्छा भी महसूस करोगी। क्योंकि ऐसे समय में किसी से बात करने से बहुत मदद मिलती है, और किसी प्रोफेशनल से अच्छा और कौन होगा?
इसलिए अपना सुपर-हीरोइन केप पहने रखो और अपने मम्मी-पापा से प्रोफेशनल मदद लेने के बारे में बात करो। तुम जल्दी ही बहुत स्ट्रॉन्ग बन इन सब से बाहर आओगी।
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#दिशासेपूछें एक सलाह कॉलम है जो कि टीनबुक इंडिया की संपादकीय टीम द्वारा चलाया जाता है। कॉलम में दी गई सलाह विज्ञान पर आधारित है लेकिन सामान्य है। माता-पिता और किशोरों को विशिष्ट चिंताओं या मुद्दों के लिए किसी विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।