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उफ़ ये उलझन

मुंहासों से कैसे छुटकारा पाएं?

14 साल की सना अपने चेहरे पर आए मुंहासों के कारण पिछले साल से परेशान है। उसकी त्वचा बचपन से सामान्य थी लेकिन किशोरावस्था में पहुंचते ही उसके चेहरे पर काफी मुंहासे हो गए, जिस कारण उसे अब अकेले रहना ज्यादा पसंद है। मुंहासों ने उसके आत्मविश्वास को कमजोर कर दिया है। क्या आपके साथ भी यही समस्या आ रही है तो चलिए इसे कम करने और इसे बचने के तरीकों के बारे में बात करते हैं। 

त्वचा पर मुंहासों का होना एक सामान्य स्थिति है और यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है लेकिन किशोरावस्था के दौरान यह ज्यादा सक्रिय होती है।अधिकांश किशोर उम्र के लड़के और लड़कियां मुंहासों से परेशान होते हैं, जिससे उनता आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है।  

मुंहासे या पिंपल क्या है?

मुंहासे बाल के फोलिकल्स में तेल और मृत त्वचा कोशिकाओं के भर जाने से होती है। इससे चेहरे, गर्दन, छाती और पीठ पर मुंहासे, काले धब्बे और सफेद धब्बे बनते हैं।

किशोरावस्था में मुंहासे ज्यादा होते हैं, जो बिल्कुल सामान्य है क्योंकि किशोरावस्था के दौरान ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय होती हैं। यह इस समय होने वाले हार्मोनिक परिवर्तनों से होता है, जो सेबम उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं। सेबम त्वचा में सेबेसियस ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न एक तैलीय पदार्थ है और यह त्वचा को लुब्रिकेट और सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। हालांकि जब सेबम का अतिरिक्त स्त्राव होता है, तो यह बाल के फोलिकल को भर देता है और मुंहासों का कारण बनता है।

क्या मुंहासे और पिंपल्स एक ही हैं?

मुंहासे होना एक बीमारी है और पिंपल होना उसका एक लक्षण है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन हम किशोरावस्था के दौरान होने वाले मुंहासों के बारे में बात करेंगे। 

मुंहासे क्यों होते है?

किशोरावस्था के दौरान होने वाला हर्मोनल परिवर्तन मुंहासों का एक बड़ा कारण है क्योंकि ये सेबम के रिसाव को बढ़ा देते हैं। इसके अलावा आंनुवांशिक कारण भी मुंहासों के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर आपके माता-पिता या आपके बड़े भाई-बहनों को किशोरावस्था के दौरान मुंहासे हुए हो, तो आपको भी होने की संभावना होती है।

आप चाहें, तो इस बारे में अपना माता-पिता या भाई-बहनों से पूछ सकते हैं लेकिन इसके अन्य निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं। साफ-सफाई ना होनाः नियमित तौर पर चेहरे को पानी से ना धोने पर उसमें मृत कोशिकाएं और चेहरे से निकलने वाला तेल जमा होने लगता है, जो मुंहासों का कारण बनता है। भोजनः फास्ड फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, व्हाइट ब्रेड का सेवन करने से भी मुंहासे होते हैं क्योंकि इसमें मौजूद चीनी की मात्रा मुंहासों को बढ़ा देती है। तनाव लेनाः परीक्षा के कारण होने वाला तनाव भी मुंहासों के लिए जिम्मेदार है क्योंकि ये हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा देता है। इससे कैसे बचाव करें?

हालांकि इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ टिप्स हैं, जिससे इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।

  • साफ-सफाई का ख्याल रखेंः अपने चेहरे को नियमित अंतराल पर धोएं और साफ कपड़ों से उसे पोछें। अपने चेहरे को ज्यादा ना रगड़ें।  
  • गैर-कोमेडोजेनिक उत्पादों ( जो रोम छिद्रों को बंद नहीं करते) का उपयोग करें: त्वचा की देखभाल और मेकअप उत्पादों में “गैर-कोमेडोजेनिक” लेबल वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें, जिससे त्वचा के अवरोधित होने वाले स्रोतों को रोकने में मदद मिलती है और मुंहासे नहीं बनते।
  • स्वस्थ आहार लें: आपकी त्वचा और शरीर वास्तव में वही है, जो आप खाते हैं। अधिकांश तौर पर घर पर बने हुए भोजन का ही सेवन करें जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। प्रोसेस्ड शुगर से भरपूर भोजन का कम सेवन करें।
  • तनाव ना लेंः कोशिश करें तकि मेडिटेशन, एक्सरसाइज और प्रकृति से साथ समय व्यतीत करें। बार-बार अपने चेहरे को छुने से बचेंः बार-बार चेहरे को छूने से संक्रमण की संभावना होती है, जो मुंहासों को बढ़ा सकते हैं। 
  • खूब पानी पिएंः कम से कम इतना पानी तो जरुर पिएं कि आपके पेशाब का रंग पीला ना हो क्योंकि पीले रंग का पेशाब  बताता है कि आपके शरीर में पानी की कमी है या आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं।

क्या आप डॉक्टर को दिखाना चाहते हैं?

ज्यादातर मामलों में मुंहासों को सही रुटीन से ठीक किया जा सकता है लेकिन मुंहासों के कारण आपकी लाइफ प्रभावित हो रही है या आप किसी तनाव में है, जो आपको एक अच्छे त्वचारोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए, जो आपका सही इलाज कर सकेंगे।

पिंपल्स को ठीक करने के घरेलू उपचार

  1. एलोवेरा: एलोवेरा में सूजन को कम करने के गुण होते हैं। आप अगर चाहें, तो ताजा एलोवेरा लगा सकते हैं। नीमः नीम की पत्तियों में एंटी-बैक्टेरियल और सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल और मुंहासों को कम करने में मददगार होते हैं। 
  2. नीम: की पत्तियों को पीस कर उसके पेस्ट को 15-20 मिनट चेहरे पर लगाकर रखने के बाद धो लें। हल्दी: हल्दी में एंटी-सेप्टिक और सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल और मुंहासों को कम करने में मददगार होते हैं। पानी में हल्दी को मिलाकर एक पेस्ट बना लें और उसे अपनी त्वचा पर लगाएं फिर 15-20 मिनट बाद धो लें। 
  3. चंदन की लकड़ीः चंदन की लकड़ी को पीस कर चेहरे पर लगाने से ठंडक का एहसास होता है, जो त्वचा की सूजन को कम करता है। चेहरे पर 15-20 मिनट तक इससे बने पेस्ट को लगा लें और ठंडे पानी से धो लें। 
  4. फुलर्स अर्थ या मुल्तानी मिट्टी: फुलर्स अर्थ को पानी के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाया जा सकता है, जिसे एक मास्क के रूप में चेहरे पर लगाया जा सकता है। यह मास्क त्वचा से अतिरिक्त तेल और गंदगी को सोख लेते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। मास्क बनाने के लिए फुलर्स अर्थ को प्रचुर मात्रा में पानी के साथ मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और उसे गर्म पानी से धोने से पहले 10-15 मिनट तक रखें।

यहां ऊपर दिए गए उपायों को करने से पहले यह ध्यान रखना जरुरी है कि हर व्यक्ति की त्वचा अलग होती है, इसलिए जो एक व्यक्ति के लिए काम सकता है, वह हो सकता है कि दूसरे के लिए काम ना करे। अगर आपके मुंहासे गंभीर हैं या यह आपके लिए तनाव का कारण बन रहे हैं, तो डॉक्टर या त्वचारोग विशेषज्ञ से बात करना एक अच्छा विचार हो सकता है।

फोटो: Pexels/फोटो में व्यक्ति मॉडल्स हैं और नाम बदल दिए गए हैं। 

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