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साइंस लैब

इरेक्शन क्या है?

उस सुबह जैसे ही आरुष उठा, उसने अपने निक्कर में कुछ महसूस किया जो उसे अजीब लगा। उसका लिंग (पेनिस) थोड़ा सख्त और सीधा महसूस हो रहा था। कुछ दिन पहले एक फिल्म देखते समय भी उसके साथ ऐसा हुआ था। क्या यह नार्मल है? क्या उसे किसी को बताना चाहिए? साइंस लैब आरुष की मदद के लिए हाज़िर है।

आरुष जिस भावना का अनुभव कर रहा था उसे इरेक्शन कहा जाता है, यानि जब लिंग सख्त, सामान्य आकार से बड़ा और ऊपर की ओर उठा हुआ सा महसूस हो। यह लड़कों में 11-13 साल की उम्र में होना शुरू हो सकता है और यह प्यूबर्टी या यौवन का संकेत होता है।

पुबर्टी में क्या क्या बदलाव होते हैं हमारे शरीर में, आओ इस मज़ेदार से वीडियो से पता लगाएं।  बाकी का आर्टिकल वीडियो के नीचे है: 

परन्तु दिक्कत तब होती हैं जब ये फीलिंग यूँही अचानक बिन कुछ करे ही कभी भी टपक पड़ें! ऐसे में क्या कर सकते हैं? आइए इरेक्शन के पीछे के विज्ञान को समझकर इसका जवाब ढूंढे।

इरेक्शन क्यों होता है?

सबसे पहले हम लिंग/पेनिस के बारे में कुछ समझते हैं। यह पुरुषों का वह अंग है जिसका इस्तेमाल वो अपने शरीर से पेशाब को बाहर निकलने के लिए करते हैं और साथ ही साथ यह एक यौन अंग भी है जो शरीर से स्पर्म बाहर ले जाने में मदद करता है।

शुक्राणु या स्पर्म, मेल रिप्रोडक्टिव (नर प्रजनन) सेल हैं जो शरीर में लाखों की मात्रा में बनता है! जब शुक्राणु महिला के शरीर में बने अंडे से मिलता है, तो उससे एक भ्रूण बनता है, जो एक महिला के शरीर में नौ महीने रहकर एक बच्चे का रूप लेता है।

अब वापस आते हैं स्पर्म पर! शुक्राणु या स्पर्म शरीर से सीमेन नामक एक सफेद चिपचिपे पदार्थ के माध्यम से निकलते हैं। यौवन, यानि की प्यूबर्टी के दौरान, शरीर सीमेन तैयार करना शुरू कर देता है और स्पर्म को बाहर भेजने की तयारी भी करने लगता है। इरेक्शन इस प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है। यौवन के शुरुवात के सालों में, शरीर सिर्फ इरेक्शन का अभ्यास कर रहा है और इसी वजह से हमे कभी कभी पेनिस के सख्त होने का एहसास होता है।

इरेक्शन कैसे होता है?

वैज्ञानिक रूप से कहें तो लिंग का इरेक्शन या सख्त होना तब होता है जब लिंग के अंदर स्पंज जैसे टिशू रक्त से भर जाते हैं।

जब आपका दिमाग इरेक्शन का अभ्यास करना चाहता है, तो लिंग की ब्लड वेसल्स को एक केमिकल सन्देश भेजता है। पेनिस की आर्टरीज़ या धमनी खुलती हैं जिससे पेनिस के ज़्यादा रक्त अंदर जा सके और इसके साथ ही वहाँ की नसें बंद होजाती हैं जिसकी वजह से सारा रक्त वही फंस जाता है।

जब लिंग रक्त से भर जाता है, तो लिंग के अंदर के नरम स्पंजी टिशू सख्त हो जाते हैं, जिससे लिंग बड़ा हो जाता है। लिंग बड़ा, मजबूत और शरीर से उठा हुआ लगने लगता है। लिंग अब सख्त या इरेक्ट है।

जब तक रक्त लिंग के अंदर फंसा रहता है, तब तक वह सख्त रहता है। धीरे-धीरे, दिमाग लिंग को संकेत भेजता है, पेनिस की नसें खुलती है और रक्त वापिस शरीर चला जाता हैं। इससे लिंग फिर से नरम हो जाता है। आमतौर पर यह प्रक्रिया कुछ मिनटों में ही पूरी हो जाती है।

इरेक्शन होने पर मुझे क्या करना चाहिए?

ज्यादा कुछ नहीं। लेकिन अब जब आप इसके पीछे का विज्ञान समझ गए हैं, तो आप यह भी जानते हैं कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आपका शरीर अभ्यास कर रहा है और यह भी की यह केवल कुछ ही समय तक रहता है। एक चीज जो आप कर सकते हैं वह है शांत रहना। यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जो जल्द ही खत्म हो जाती है। अपना ध्यान बँटाना इसमें आपकी मदद कर सकता है। कुछ और करें, जैसे कोई गेम खेलें, किसी से बात करें या गाने सुनें।

इसके अलावा, अब जब आप इसका विज्ञान जानते हैं, तो आप यह भी जानते हैं कि इरेक्शन यौवन और बड़े होने का एक हिस्सा है। तो इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। साथ ही आपके लगभग सभी दोस्त, जो लड़के हैं, इससे गुज़र रहे हैं या गुजरने वाले है। चाहे तो आप अपने किसी मित्र से इसके बारे में बात कर सकते हैं ताकि आपको सहज महसूस हो ये जानकर की वे भी ठीक उसी चीज़ से गुजर रहे हैं!

क्या आपके पास साइंस लैब के लिए कोई प्रश्न हैं? उन्हें नीचे टिप्पणी बॉक्स में पोस्ट करें। हम अपने आगामी लेखों में उन्हें जवाब देंगे। कृपया कोई पर्सनल जानकारी न डालें। 

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