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जिज्ञासा स्टेशन

सैनिटरी पैड से जुडी प्रोब्लेम्स: रैशेस, लीकेज, खुजली!

सैनिटरी पैड: एक ऐसी आवश्यकता है, जिसे तुम नजरअंदाज नहीं कर सकते और इसके बिना काम भी नहीं चल सकता। हर लड़की को यह प्रोब्लेम्स आती हैं। लंबे समय तक पैड पहनने से चकत्ते (रैशेस) और खुजली जैसी परेशानियां होती हैं जबकि रात भर इन्हें पहनने से अक्सर रिसाव/लीकेज हो सकता है। तो, हम इन मुद्दों से कैसे निपट सकते हैं? समाधान खोजने के लिए क्यूरियोसिटी सेंट्रल के इस संस्करण में हमसे जुड़ें!

 

 

पैड के बारे में बात करते हैं

सैनिटरी पैड क्या है? यह एक गीलापन को सोखने वाली चीज है और आरामदायक भी होता है।यह तुम्हारे अंडरवियर के ऊपर लगता है। कुछ पैड में साइड में विंग्स लगे होते हैं – रूई वाले, पक्षियों के पंख वाले नहीं। यह तुम्हारी सुरक्षा के लिए होते हैं ताकि खून पैड की साइड्स से बहार न आये। पैड को कई नामों से जाना जाता है, जैसे सैनिटरी पैड या सैनिटरी नैपकिन – मूल रूप से तुम्हारे पीरियड का भरोसेमंद साथी।

भारतीय बाजार में कई तरह के सैनिटरी पैड मिलते हैं, जो अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं। यहां कुछ सामान्य प्रकार दिए गए हैं:  

 

 

  • डिस्पोजेबल सेनेटरी पैड: इन पैड का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है और यह विभिन्न आकारों और सोकने की क्षमता में उपलब्ध होते हैं। इन्हें अंडरवियर में लगाने के लिए एक चिपकने वाला पदार्थ लगा होता है। ये पैड्स पीरियड्स के दौरान होने वाले स्त्राव के अनुसार भी आते हैं। जैसे- अगर ज्यादा स्त्राव हो रहा हो, तो उसके लिए बड़े पैड्स और अगर कम रिसाव हो रहा हो तो पतले पैड्स। वहीं दिन और रात के लिए अलग-अलग सैनिटरी पैड्स भी आते हैं। पैड बिना विंग्स के और विंग्स वाले भी होते हैं। जिन पैड में साइड में विंग्स लगा होता है, वो अंडरवियर में लगने वाले खून के धब्बों से बचाते हैं। वहीं कुछ पैड बिना विंग्स के भी आते हैं, जिसका लोग अपनी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करते हैं।
  • धोने वाले कपड़े के पैडः कपड़ों के बने पैड्स इको-फ्रेंडली होते हैं, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद धोया जा सकता है। यह विभिन्न आकार के आते हैं। और जो लोग कचरा नहीं फैलाना चाहते हैं, वो इन पैड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।  घर के पुराने कपड़ों को भी पैड्स की तरह लगा लेते हैं। ऐसे में ध्यान देने वाली बात यह है की आपको साफ़ सुथरा कपड़ा लेना चाहिए।  हालाँकि कपडा लगाने से गीलापन फिर भी रह जाता है  और परेशानी आ सकती  है।  
  • बायोडिग्रेडेबल पैड: बांस या केले के फाइबर से बने पैड्स पर्यावरण की रक्षा को देखकर बनाए जाते हैं। यह बिल्कुल बायोडिग्रेडेबल होते हैं। इनका केवल एक बार इस्तेमाल किया जाता है और ये पर्यावरण पर भी बेहद कम प्रभाव डालते हैं।
  • पैंटीलाइनर: हल्के रिसाव या टैम्पोन या मेंस्ट्रुल कप के कारण हुए रिसाव के लिए पतले पैड्स का इस्तेमाल किया जाता है।

सैनिटरी पैड का कैसे इस्तेमाल करें

डिस्पोजेबल सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। यहां इस्तेमाल के तरीके दिए गए हैंः

  • तैयारी करेंः सबसे पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं और साफ-सफाई रखें।  
  • पैड का पैकेट खोलेंः पैड का पैकेट खोलें और ध्यान रहे कि गलती से तुम पैड को ना फाड़ दो।
  • पैड को लगाओः पैड के जिस साइड चिपकने वाली चीज होती है, उस साइड से पैड को अंडरवियर में चिपकाओ और चिपकाने से पहले उस पर लगा एक पेपर हटाओ।
  • अंडरवियर को सुरक्षित करोः पैड को अंडरवियर के बीचों-बीच लगाओ, बिल्कुल उसी जगह जहां से तुम बैठते हो। पैड को लगाने के बाद हल्के हाथ से थोड़ा-सा दबाओ ताकि वह अच्छे से चिपक जाए। अगर पैड में विंग्स लगे हैं, तो उसे दोनों साइड से मोड़ दो ताकि कहीं से भी लीक ना हो।
  • अपने आराम के अनुसार एडजस्ट करोः एक बार जब पैड सही से लग जाए, तो पूरे पैड को सही से दबा दो ताकि पैड सब जगह से अंडरवियर में पूरी तरह चिपक जाए।
  • सही से डिस्पोज करोः पैड को पहनने के कुछ घंटों बाद (लगभग तीन से चार घंटा या फिर जब लगे कि पैड पूरा गीला हो गया है), उसे अपने अंडरवियर से हल्के हाथों से हटाओ। उसे अच्छे से गोल-गोल घुमाते हुए मोड़कर इसे नियमित कूड़ेदान में नहीं, बल्कि सैनिटरी कूड़ेदान में डाल दो।
  • अपने हाथों को धो लोः पैड को हटाने और डिस्पोज करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो लो।
  • बदलते रहोः याद रखो कि हर कुछ घंटों के बाद तुम्हें अपना पैड बदलना है ताकि आराम और सफाई दोनों बनी रहे।

रैशेज और खुजली से कैसे बचें

पीरियड्स के समय रैशेज या खुजली होने से बिल्कुल अच्छा महसूस नहीं होता लेकिन कुछ तरीके हैं, जिससे इनसे बचा जा सकता है। इससे बचने के लिए तुम ये कर सकते होः

  • सही पैड चुनोः ऐसे पैड चुनो जो हल्के हो और जिससे एलर्जी ना हो। कोशिश करो कि वैसे पैड का इस्तेमाल करो जिसमें से ज्यादा खुशबू ना आती हो क्योंकि इससे भी संक्रमण हो सकता है।  
  • बार-बार बदलोः पैड को हर 4-6 घंटों पर बदलते रहो और जब लगे कि वह गीला हो गया है। लंबे वक्त तक पैड का इस्तेमाल करना रैशेज को बढ़ा सकता है।
  • साफ-सफाई रखोः अपनी योनि को साफ और सुखा रखो। चाहो तो बहार की और साबुन का इस्तेमाल कर सकते हो। उसे पानी से हल्के हाथों से साफ करते रहो और किसी साफ-सुखे तौलिये से पोछों।  
  • कठोर साबुन और वाइप्स से बचोः अपने प्राइवेट पार्ट में कठोर साबुन या सुगंधित वाइप्स का उपयोग करने से बचो क्योंकि ये प्राकृतिक पीएच संतुलन को बिगाड़ सकते हैं और जलन पैदा कर सकते हैं।
  • बिना खुशबू वाली चीजों का इस्तेमाल करोः जलन को कम करने के लिए बिना सुगंध वाले या खुशबू रहित सैनिटरी पैड, साबुन और बॉडी वॉश चुनो।
  • सूखा रखोः यदि संभव हो, तो सूती अंडरवियर पहनें, क्योंकि यह तुम्हारी त्वचा को ताजा रखेगा और तुम्हारे प्राइवेट पार्ट को सूखा रखने में मदद करता है। टाइट-फिटिंग अंडरवियर और ऐसे कपड़ों से बचो जो नमी को रोक सकते हैं।
  • बैरियर क्रीम लगाएं: पैड पहनने से पहले, अपनी त्वचा पर कोमल बैरियर क्रीम या पेट्रोलियम जेली की एक पतली परत लगाने के बारे में सोचो। यह एक सुरक्षात्मक परत बनाता है और घर्षण को कम कर सकता है।
  • टाइट कपड़े ना पहनोः ढीले कपड़े पहनो, खासकर पीरियड्स के दौरान ताकि ताजगी बनी रहे और रैशेज भी ना हो।

याद रखो, हर किसी की त्वचा अलग-अलग होती है, इसलिए कुछ भी इस्तेमाल करने से पहले एक बार परीक्षण जरूर कर लो। अगर रैशेज ज्यादा हो गए हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलो। वो तुम्हें सही उपचार दे सकते हैं।

अरे, लीकेज हो गया, इससे कैसे बचें

पैड में लीकेज होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- पैड का सही साइज ना होना, पैड का सही से खून को ना सोखना, लंबे वक्त तक एक ही पैड का इस्तेमाल करना या बहुत ज्यादा शारीरिक क्रिया करना। लीक से बचने के लिए, सही साइज के पैड को चुनो जो सही से सोख भी सके (जैसे- XXL, बड़े साइज के पैड और वैसे पैड, जो चौड़े हो).

पैड को अंडरवियर में सही तरह से लगाओ और जब ज्यादा रिसाव हो, तब पैड को बार-बार बदलो और रात के लिए बड़े पैड्स का इस्तेमाल करो। पैड में लगे विंग्स भी लीकेज होने से बचाते हैं, और लीकेज से बचने के लिए टैम्पून या मेंस्ट्रुअल कप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

स्कूल की स्कर्ट पर दाग

और अगर इतनी कोशिश के बाद भी अगर कपड़े पर दाग लग जाए, तो यह बिल्कुल नार्मल है। परेशान मत हो लड़की! यह केवल एक दाग है, इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है। अगर तुम स्कूल में हो और तुम्हारी स्कर्ट में दाग लग जाए, तो स्कर्ट को खोलकर आगे की तरफ कर लो और उस पर चॉक से रगड़ दो ताकि दाग दिखाई ना दें। इसके अलावा तुम चाहो तो एक एक्सट्रा पैंटी भी रख सकती हो। और याद रखें, अगर इतना सब करने के बाद भी अगर तुम नाकाम हो जाओ, तो गहरी सांस लो और आराम करो। संभावना है, तुम अपने आस-पास के किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में इसके बारे में अधिक चिंतित हो!

इसके बारे में और जानने के लिए नीचे दी गयी वीडियो ज़रूर देखें :

 

गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् है।

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