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मेरी डायरी

‘नार्मल’ स्टूडेंट्स के बारे में कोई बात क्यों नहीं करता?

स्कूल में दो तरह के स्टूडेंट्स चर्चा में होते हैं, एक – जो हाई अचीवर्स हैं, सभी सब्जेक्ट्स में टॉपर हैं और ये लोग आगे चल कर स्कूल का नाम रोशन करेंगे – सभी जानते हैं! फिर दूसरे स्टूडेंट्स भी हैं, जो हर साल ग्रेस मार्क्स के साथ पास होते हैं। हालाँकि, इन दो तरह के स्टूडेंट्स के अलावा, एक और टाइप के स्टूडेंट्स भी है। वे पढ़ाई में ठीक-ठाक हैं – न तो टॉपर हैं और न ही ग्रेस मार्क्स के साथ पास होते हैं! श्रेयांसी इसी तरह की एक स्टूडेंट है। उसने अपनी भावनाओं को अपनी डायरी में लिखा है और उसमें से एक पन्ना टीनबुक के साथ शेयर किया।

मेरी प्यारी डायरी,

मुझे तुम्हारे साथ कुछ शेयर करना है जो लंबे समय से मेरे दिमाग में है। हर कोई टॉपर्स (जो अपने मार्क्स से कभी संतुष्ट नहीं होते हैं) और बैकबेंचर्स (जो पासिंग मार्क्स आने की पार्टी मनाते हैं) के बारे में बात करते हैं। लेकिन एवरेज स्टूडेंट्स के बारे में कोई बात नहीं करता! मैं एक एवरेज स्टूडेंट और मेरे जैसे लोग मेजोरिटी में हैं, जिनके औसत अंक 60% -75% या शायद 80% के बीच होते हैं, जो कि बी2 ग्रेड या बी1 ग्रेड है। फिर भी हमारे बारें में कोई बात नहीं करता! 

मेरी तरह इन स्टूडेंट्स को भी नहीं पता कि उन्हें अपने मार्क्स से खुश होना चाहिए या दुखी। मेरे मम्मी पापा नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं इससे कहीं बेहतर कर सकती थी, जो कि एक सच्चाई है, लेकिन एक और सच्चाई है – हम में से ज़्यादातर लोग पढ़ाई करना पसंद नहीं करते। उफ़! मायने फाइनली यह बोल ही डाला। 

मेरे जैसे स्टूडेंट्स बहुत कन्फ्यूज्ड रहते हैं शायद। एक ओर हम अपने मार्क्स से खुश हैं, क्योंकि हमारे जैसे नालायक स्टूडेंट्स के लिए तो यह मार्क्स तो मस्त हैं, लेकिन दूसरी ओर, हम दुखी भी हैं क्योंकि हमारे पेरेंट्स निराश हैं। वे हमें डांटते हैं, हमें ब्लैकमेल करते हैं (फ़ोन चाहिए तो 90% से ऊपर मार्क्स लाओ) और भी बहुत कुछ करते हैं! तुम्हें पता है मैं किस बारे में बात कर रही हूँ, है ना?

दोस्त दोस्त ना रहा!

चलो मैं अब अपनी दुःख भरी कहानी बताती हूँ! मेरी सबसे अच्छी दोस्त, जिसने कहा कि उसने पूरे टाइम कुछ भी नहीं पढ़ा है, उसके 90% से भी ज़्यादा मार्क्स आये हैं। है न बिलकुल धोखाधड़ी? 

हम सभी ‘3 इडियट्स’ फिल्म का वो डायलॉग जानते हैं, है ना?

“दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है… लेकिन दोस्त फर्स्ट आ जाए तो ज्यादा दुख होता है।”

मुझे पता है कि यह सदमा अब पूरी गर्मी की छुट्टियों के दौरान मेरा सुख-चैन छीन लेने वाला है।  

मैं नार्मल तरीके से जीना चाहती हूं और सिर्फ एक महीने में पढ़ाई करके मैंने जो हासिल किया है, उसके लिए खुश रहना चाहती हूं, लेकिन मेरे मम्मी पापा के ताने और बढ़ते जा रहे हैं (वे अपनी जगह सही हैं लेकिन असल बात यह है – वे हमें समझ नहीं सकते)।

एवरेज स्टूडेंट्स को मेरा संदेश!

मेरी डायरी पढ़ रहे सभी एवरेज स्टूडेंट्स के लिए मैं यही कहना चाहती हूँ, दोस्त मैं तुम्हारे मन की हर उस बात को महसूस कर सकती हूं जिसे तुमने किसी से शेयर नहीं किया है क्योंकि, तुम शेयर नहीं कर सकते हो! मुझे पता है कि तुम पूरे साल पढ़ने की कितनी कोशिश करते हो (‘मैं कल से पढ़ना शुरू करूँगा’) लेकिन कितनी भी कोशिश कर लो तुम सिर्फ एग्जाम से एक महीना पहले पढ़ना ही जानते हो! उससे पहले चाह कर भी नहीं हो पाती पढाई।  

हाँ, मुझे पता है, लेकिन मेरा विश्वास करो तुम अकेले नहीं हो जो टालमटोल करते हो, या पढाई करना पसंद नहीं करते। (हम में से बहुत से लोगों को पढ़ना सच में पसंद नहीं है – शायद हमारे मम्मी पापा को भी नहीं था, यार)। मुझे पता है कि कैसा लगता है जब तुम्हारा जिगरी दोस्त तुमसे ज़्यादा मार्क्स स्कोर करता है और तुम्हारे मम्मी पापा तुम्हारी तुलना तुम्हारे दोस्तों और मौसी के बच्चों से करते हैं।

मुझे पता है कि एक एवरेज छात्र होने और कहीं भी स्वीकार नहीं किए जाने से कितना दर्द होता है। तुम अपने मन में यह जानते हो कि तुम अगर चाहो तो क्लॉस में फर्स्ट भी आ सकते हो, केवल एक ही कारण है कि तुम ऐसा नहीं कर पा रहे हो – कि तुमने अभी तक अपने मन में यह ठानी ही नहीं की लाइफ में कुछ करना है! और यह भी ठीक है दोस्त। अभी टाइम है। ज़रूरी बात यह है कि हम बेहतर बनने की कोशिश करते रहे हमेशा।

मुझे पता है कि हम सभी पर यह दबाव हमारे समाज और पढ़ाकू साथियों का है। स्कूल में अच्छे मार्क्स लाओ ताकि तुम एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन ले सको, और फिर जब तुम एक अच्छे कॉलेज में चले गए तो तुम्हे एक अच्छी नौकरी मिल जानी चाहिए। यह सब प्रेशर यहीं ख़तम नहीं होता है यार। जब तुमको अच्छी नौकरी मिलती है तो आपको एक अच्छा सैलरी पैकेज भी चाहिए होता है दिखाने के लिए सब को! 

यार एक ब्रेक लो इन सब से! यह सोसाइटी की सोच है जो असल में तुम्हारी जिंदगी तय कर रही है।

है कोई हल? 

अगर तुम्हारे पास टैलेंट है न दोस्त, तो याद रखो यह मार्क्स इतने मायने नहीं रखते। वे तभी मायने रखते हैं जब तुम उस सिस्टम में जाना चाहते हो जो समाज और तुम्हारे मम्मी पापा ने खड़ा किया है।  

लेकिन अगर तुम पैसा कमाना चाहते हैं तो मार्क्स पर ध्यान देने के बजाय जिस भी क्षेत्र में जिसमे तुम्हारी रुचि है, उसके कौशल पर ध्यान दो – यानी उसमें बेस्ट होने की कोशिश करो। और फिर तुमको पैसा बनाने का रास्ता मिल जाएगा।

काश हम अपने मम्मी पापा और उनके द्वारा की गयी उन टिप्पणियों को अनदेखा करना सीख पाते जो हमारे दिलों को तोड़ देती हैं। मैं यह जानती हूँ हूं क्योंकि मैं एक मिडिल क्लास फॅमिली से हूं और मैं उनके द्वारा किये गए तांनो में अच्छी तरह से वाकिफ हूँ।  

बस खुद को बेहतर बनाने की कोशिश हमेशा करते रहो। कुछ दिन होंगे जब तुम बहुत अच्छा करोगे और कुछ दिन इतने अच्छे नहीं भी होंगे। बस अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगे रहो दोस्त! अपना टाइम आएगा! 

कूल रहो और अपनी स्किल पर फोकस करो और विश्वास रखो। हम इस कायनात का एक हिस्सा है, अंत में, तुम इस अनुभव का हिस्सा हो और कुछ भी नहीं।  

 लास्ट लाइन अभी समझ नहीं आयी तो एक दिन जरूर आ जाएगी।  

गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् है।

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