अपनी नाराज़ मम्मी को कैसे मनाऊं?
हेलो दिशा , मेरी मम्मी ने मुझे बहुत डांटा जब उन्हें यह पता चला कि मेरा एक बॉयफ्रेंड है। मैं बहुत दुखी हूँ और समझ नहीं पा रही हूँ कि मैं क्या करूँ ! दृष्टि, 16 वर्ष।
उनसे बात करो
हेलो दृष्टि! हम्म्म्म… थोड़ी सी मुश्किल में तो तुम हो। एक तरह से यह एक बहुत आम डर है कि… मम्मी पापा को पता न चल जाए! और अब उन्हें पता चल गया हैं! पर तुम बिलकुल मत डरो क्योंकि तुम्हारी दोस्त दिशा यहाँ है। मैं इस में तुम्हारी मदद करूंगी। 🙂
ओके, तो पहली चीज़ जो तुम्हें करनी है, वह है अपनी मम्मी से बात। हाँ, तुम्हें कुछ देर के लिए उनके गुस्से का सामना करना पड़ सकता है, मगर वह सब ठीक हो जायेगा। उन्हें दुःख पहुंचा है कि तुमने उनसे कुछ छुपाया है। तो जब डाँट– फ़टकार हो जाये और दोनों शांत हो चुके हो; तब उनसे बात करो।
सबसे पहले, इस बात को लम्बे समय तक राज़ रखने के लिए उनसे माफ़ी मांगो। उन्हें बताओ कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है और उनसे उनकी चिंता का कारण पूछो। फिर उन्हें यह आश्वासन दो कि तुम पूरी तरह जिम्मेदार रहोगी और कभी भी, किसी भी वजह से, खुद को ऐसी किसी स्थिति में नहीं आने दोगी, जहाँ तुम्हे किसी भी तरह की तकलीफ पहंचे। उनसे वादा करो कि तुम उनके साथ भविष्य में पूरी तरह ईमानदार रहोगी और किसी भी तरह की बेवकूफी नहीं करोगी।
उन्हें यह चिंता भी ज़रूर होगी कि कहीं अब तुम्हारा ध्यान पढ़ाई से हट कर दोस्तों या बॉयफ्रेंड में ज़्यादा ना लगने लग गया हो ! यही वह समय है जब हम अपने भविष्य के लिए काम करते हैं और उन्हें ये बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा कि तुम उसके साथ कोई चांस लो!
तुम्हें महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं और अपने भविष्य की राह निश्चित करनी है। उन्हें आश्वस्त करो कि बॉयफ्रेंड होने की वजह से तुम्हारा इन चीज़ों से ध्यान नहीं हटेगा और वह इसके लिए तुम पर पूरा विश्वास कर सकती हैं।
तुम्हारे लिए सबसे अच्छा क्या है
और ज़रा सोचो, इसके फायदे भी हो सकते हैं। हाँ ,ठीक है, इसे छुपाने की वजह से अभी तुम थोड़ी मुश्किल में हो। मगर कम से कम इसे छुपाने का बोझ अब तुम्हें और नहीं उठाना पड़ेगा।
असल में अब तुम उनसे ‘दिल खोल के’ बात कर सकती हो। बस उनके साथ ईमानदारी से बात करना। उन्हें अपने नज़रिये से चीज़ों के बारे में बताओ और फिर चाहे वह नाराज़ भी हो जाएँ, कम से कम उन्हें अब तुम्हारा नज़रिया तो पता होगा। तुम भी उनके दृष्टिकोण से चीज़ों को समझने की कोशिश करो और फिर शायद तुम समझ पाओ कि वे क्या कहना चाहती हैं। अरे यार, मम्मी को तो चिंता होती ही है ना! वे नहीं चाहती कि हम बच्चों को कोई भी तकलीफ़ हो। ये बहुत ही स्वाभाविक है।
और, मैं यह भी समझती हूँ कि हम सब के परिवार इतने खुले विचारों वाले नहीं हैं, तो इसलिए, तुम्हे धैर्य रखना होगा। ऐसी स्थिति में उनका डर भी दुगना हो सकता है, मगर धीरे धीरे उनका विश्वास जीतने की कोशिश करो। उन्हें यह विश्वास दिलाओ कि तुम पर भरोसा करने से कोई हानि नहीं होगी और धीरे धीरे अपनी स्थिति मज़बूत बनाओ। आखिर मेरी दोस्त, रोम एक ही दिन में तो नहीं बना था, ठीक है ना !
दिल से दिल तक
तो इसलिए, कोशिश करो कि तुम्हे गुस्सा ना आये और उनके साथ ईमानदारी से दिल खोल कर बात करो। मुझे पूरा यक़ीन है कि तुम लोग एकमत हो जाओगे या कम से कम एक दूसरे को बेहतर समझ पाओगे। क्योंकि एक वो ही हैं जो हर सफ़र में तुम्हारे साथ होंगी।
और आखिरकार, उनका तुम पर विश्वास होना आवश्यक है, कि तुम बिना किसी तकलीफ़ में आये हुए, इन नए रिश्तों को बनाने और संभालने के योग्य हो। इसलिए, उनका विश्वास जीतो और निश्चित ही तुम्हारी मम्मी तुम्हे बेहतर समझने लगेंगी।
बस यह याद रखो कि वह तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्त है या बन सकती है, इसलिए उनसे बात करो और अपने बीच के अंतर सुलझाओ। मेरा यकीन मानो सामने दिखने वाले गुस्से के पीछे उनका अथाह प्यार छुपा हुआ है। इस तरह के जिम्मेदार रवैये और तुम्हारे उस क्यूट चेहरे के साथ, मेरा विश्वास करो, वह पिघल जाएँगी ! इसमें समय लग सकता है पर तुम अपनी खुशमिजाज़ी कायम रखो!
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