मुझे लड़के पसंद हैं लेकिन उस लड़की को देखा तो..
15 वर्षीय ध्वनि ने सिर्फ सीखने और इसके बारे में जानने के लिए LGBTQ+ के बारे में पढ़ा था लेकिन फिर उसे ऐसा लगा कि उसको भी शायद एक लड़की के लिए कुछ महसूस हो रहा है। क्या यह जेलेसी थी? लेकिन इतनी मीठी जेलेसी! उसने अपना अनुभव डायरी के साथ शेयर किया है।
डियर डायरी,
कुछ दिनों से ये लड़की मुझे बिल्कुल समझ नहीं आ रही। मैं जब भी इसे देखती हूं, तो ऐसा लगता है कि दुनिया थम गई है। यह बिल्कुल वैसा है, जैसा मैं अपने स्कूल में एक सीनियर लड़के को देखकर महसूस करती थी। लेकिन इस बार एक लड़की को लेकर ऐसा महसूस हो रहा है और अब मैं स्कूल जाने में भी नर्वस हो रही हूं।
इंस्टा वाली हकीकत
वैसे तो मुझे क्रश को लेकर बहुत ही अलग फीलिंग आती है। ऐसा लगता है कि तितलियां उड़ रही हो लेकिन ये तो एक लड़की के लिए महसूस हो रहा है।
मुझे गे, लेस्बियन, बाइसेक्सुअल के बारे में पता है, जो मुझे इंस्टाग्राम से मिली है लेकिन ये सब असल जिंदगी में होना थोड़ा अलग है।
इस बारे में मैंने सबसे पहले अपनी बेस्ट फ्रेंड से बात की। उसे भी मेरी बातों को सुनकर थोड़ा अजीब लगा लेकिन उसने मुझे अपनी फ्रेंड तनु से मिलवाया जो बाइसेक्सुअल ( यानी की जो लड़कों और लड़कियों दोनों की तरफ आकर्षित हो) है।
मेरी दोस्त तनु
तनु काफी दूर रहती थी इसलिए मेरी फ्रेंड ने उसे मैसेज करने के लिए कहा। तो मैंने अपने बारे में बताते हुए, तनु को इंस्टाग्राम पर मैसेज किया। और उसने तुरंत जवाब दे दिया और काफी अच्छे से बात भी की। थोड़ी देर के बाद ही मैंने उससे अपनी परेशानी शेयर कर दी।
तनु ने अपने इंस्टाग्राम के बायो में लिखा था, “मुझे सिर्फ लड़के ही अच्छे नहीं लगते” और उसने मेरा जोश बढ़ा दिया।
हम दोनों ने मैसेज और वॉयस नोट्स के जरिए बातें की। मैंने उसे बताया कि मुझे एक लड़की पर क्रश है, तो उसने कहा कि हो सकता है कि मैं बाइसेक्सुअल हूं लेकिन फिर मैंने सोचा कि कब-कब मुझे बाइसेक्सुअल वाली फिलिंग महसूस हुई। मैंने उसे बताया कि एक बार मुझे रक ट्रांस जेंडर व्यक्ति पर छोटा सा क्रश हुआ था।
फिर अचानक मुझे महसूस हुआ कि मैंने कुछ ज्यादा ही शेयर कर दिया लेकिन फिर सोचा कि जो हो गया सो हो गया। अब मैं उसके रिएक्शन का इंतजार कर रही थी लेकिन उसने कहा कि हो सकता है कि मैं पैन सेक्सुअल हूं।
तनु ने बताया पैनसेक्सुअल व्यक्ति वह होता है जो किसी के प्रति आकर्षित होता है, चाहे वह व्यक्ति लड़का हो, लड़की हो या उसकी पहचान कुछ और हो। यह कहने जैसा है, “मैं तुम्हें तुम्हारी पर्सनालिटी या तुम्हारे गुणों की वजह से पसंद करता हूँ, न कि सिर्फ इसलिए कि तुम लड़का हो या लड़की।”
यह बात मेरे दिल को छू गयी! मानो यह परिभाषा मेरे लिए ही बनी हो।
खुद को स्वीकारना
तनु ने मुझे कंफर्टेबल महसूस कराया ताकि मैं खुद को ढूंढ सकूं। तब तो मुझे उसका मैसेज इतने अच्छे से समझ समझ आया था पर अब मैं धीरे धीरे सब समझ रही हूँ। अब मुझे ऐसा लगता है कि मैं सब बंधनों से आजाद हूं।
मैं अपनी फीलिंग्स के साथ कंर्फटेबल हो गई हूं। अब मैं खुद से प्यार करती हूं और हां, मैं किसी पर दबाव नहीं बनाती कि वो भी मुझ जैसा ही महसूस करे।
मैंने इस बारे में बहुत लोगों से बात नहीं की है, क्योंकि लोगों की सोच अब भी छोटी है। साथ ही LGBTQIA+ कम्युनिटी के लोगों से जुड़ी खबरें भी मुझे थोड़ा डरा देती हैं।
लेकिन अपनी खुद की कम्युनिटी का हिस्सा बनने से मुझे बहुत मदद और मन की शांति भी मिली। मुझे इस चीज के साथ कंर्फटेबल होने में एक साल लग गया लेकिन अब मैं 16 साल की हूं, और खुद पर गर्व महसूस करती हूं।
तुम्हारे लिए एक मैसेज है- हां, तुम्हारे लिए!
एक मैसेज जो मैं सबसे शेयर करना चाहूंगी वह यह है कि इसके बारे में ज़्यादा मत सोचो और इन बातों को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शेयर करो जिस पर तुम भरोसा करते हो क्योंकि परिणाम तुम्हारे मन मुताबिक नहीं हो सकता है। जैसे- मैंने शुरू में सोचा था कि मैं बाइसेक्सुअल हूं, लेकिन अब मैं गर्व से खुद को पैन सेक्सुअल के रूप में पहचानती हूं। हर किसी की खोज और उससे जुड़ी कहानी और वहां तक पहुँचने का रास्ता अलग है। सब को समझो और उनकी रिस्पेक्ट करो!
तब तक के लिए
ध्वनि
नाम बदल दिए गए हैं. यह लेख हमारे टीनबुक एडवाइजरी बोर्ड (टीएबी) के एक सदस्य द्वारा लिखा गया है। (टीएबी) क्या है और इसमें कैसे शामिल हों, इसके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया यहां क्लिक करें
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