मेरे पेरेंट्स मेरी तुलना औरों से करते हैं!
दिशा! मेरे मम्मी पापा हमेशा मेरी तुलना मेरी उम्र के अन्य बच्चों से करते हैं, मैं इससे बहुत थक गया हूँ। मुझे क्या करना चाहिए? अर्श, 14.
होता है, होता है!
अरे अरे, शांत बालक! एक गहरी सांस लो और शांत हो जाओ। हो गए? तो अब आते हैं आज के मुद्दे पर, जो है तुलना। मुझे लगता हैं हर किसी ने कभी ना कभी इसका सामना ज़रूर किया होगा तो कोई भी इससे अनजान नहीं है। और अगर तुम नहीं जानते हम किस बारे में बात कर रहे हैं तो एक बार “शर्मा जी का लड़का” मीम गूगल करो और तुम्हारा जवाब प्रकट हो जाएगा।
और ज़रूरी नहीं कि ऐसा सिर्फ किसी के माँ-पापा ही करते हों, ये तुम्हारे वो दूर के चाचा या पड़ोस वाली ‘आग-लगाऊ’ आंटी भी हो सकती है। पर सच कहूँ तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि ये किसने या किसके साथ किया, दिल से बुरा तो लगता है ना भाई! :’) इसलिए मुझे खेद है कि तुम्हें इससे गुज़रना पड़ा।
अब बात करते हैं कि इसे ठीक करनेके लिए हम क्या कर सकते हैं। तो इसका पहला समाधान ये रहा -आपकी स्क्रीन पर – तुम्हे इसके बारे में अपने माँ-पापा से बात करनी होगी। मुझे पता है कि ऐसा करने का मन तो बिलकुल नहीं होगा, पर ये बहुत ज़रूरी है। उन्हें बताओ की जब वो तुम्हारे दोस्तों या भाई-बहनों से तुम्हारी तुलना करते हैं तो तुम्हे कितना बुरा लगता है।
हर कोई अलग है
हो सकता है कि उन्हें पता भी न हो कि वे किसी से तुम्हारी तुलना कर के तुम्हे चोट पहुँचा रहे हैं, इसलिए उन्हें इस बात का एहसास दिलाना ज़रूरी है। उन्हें समझाओ की हर कोई अलग तरह का होता है और जिस तरह तुम किसी और की तरह नहीं हो, उसी तरह कोई और भी तुम्हारे जैसा नहीं हो सकता और यही हमें खास बनाता है!
इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण बात जो तुम्हे ध्यान में रखनी है वह यह है कि ये बातें तुम अपने दिल पर नहीं लोगे और इससे निराश तो बिलकुल भी नहीं होगे। अपुन को एकदम चिल रहने का है भिड़ु! और वैसे भी देखा जाए तो शर्मा जी का बेटा तुमसे कुछ चीज़ों में बेहतर हो सकता है पर इसका मतलबी ये नहीं हुआ कि तुम उससे कम हो। हाँ वो गणित में अच्छा है पर क्या वो खेल, संगीत और डांस में भी उतना ही अच्छा है? पता लगाओ दया!
हर कोई इंजीनियर, डॉक्टर या आर्किटेक्ट नहीं बनना चाहता! कुछ लोग ए. आर रहमान, विराट कोहली, पीवी सिंधु, सानिया मिर्जा, आतिफ असलम या बीटीएस की तरह बनना चाहते हैं! और ये लिस्ट बहुत लम्बी हो सकती है!
अपनी ताकत खोजो
अपने आप पर काम करो, अपने गुणों को बहतर बनाओ। तुम्हे गाना पसंद है? या डांस? या वीडियो बनाना या शायद सब कुछ – बस अपनी पसंद ढूंढो और शुरू हो जाओ। इसके लिए तुम अलग अलग क्लास भी ले सकते हो – गिटार, पियानो, टेनिस या गणित! जो भी तुम्हे पसंद हो भाई! और एक बार तुम्हे अपना इंटरस्ट पता चल जाए फिर उस पर काम करो।
यह करना आगे चल कर सबसे ज़्यादा तुम्हारे ही काम आएगा, और कही न कही तुम्हारे माँ-पापा को भी तो तुम से उम्मीद है, तभी तो वो तुम्हे बेहतर बनने के लिए कहते हैं। तो अगर तुम अच्छा करोगे तो उन्हें भी ख़ुशी ही होगी।
जिस तरह तुम्हारे माँ और पापा अलग अलग हैं, वैसे ही तुम भी हर टीनएजर से अलग हो। बस अपने आपको बेहतर बनाते जाओ और सब ठीक हो जाएगा।
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#दिशासेपूछें एक सलाह कॉलम है जो कि टीनबुक इंडिया की संपादकीय टीम द्वारा चलाया जाता है। कॉलम में दी गई सलाह विज्ञान पर आधारित है लेकिन सामान्य है। माता-पिता और किशोरों को विशिष्ट चिंताओं या मुद्दों के लिए किसी विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।