मैं अपने एग्जाम में फेल हो गया, अब मैं क्या करूँ?
दिशा, मैंने अपना मिड-टर्म का रिजल्ट चेक किया और वो बिल्कुल अच्छा नहीं आया हैं। मैं परेशान हूं। मैं अपने पेरेंट्स को कैसे बताऊं? मुझे क्या करना चाहिए? प्लीज मेरी मदद करो! अरिन, 14, लखनऊ.
अरिन तो तुम्हें तुम्हारे मिड-टर्म के रिजल्ट के बारे में पता चला, है ना। तो चलो, अब तुम बैठो, और मेरी बात ध्यान से सुनो क्योंकि तुम्हें जरूरत है, बस थोड़े से मोटिवेशन की और मजबूत इरादे की, ताकि तुम वापस अपने ट्रैक पर लौट आओ। और दिशा बाबा इसलिए तो है यहाँ पर!
बस एक एग्जाम
सबसे पहले तो ये बात समझो कि हां, मिड-टर्म एग्जाम में फेल होना अच्छा नही लगता है लेकिन ऐसा तो नहीं है कि इससे पूरी दुनिया खत्म हो गई है। इसे ऐसे समझो कि तुम किसी हाईवे से जा रहे हो और वहां कोई स्पीड ब्रेकर आ गया। लंबी सांस लो और समझो कि ये केवल एक एग्जाम है, तुम्हारी पढ़ाई का अंत नहीं है और ना ही दूनिया का।
कारण समझो
सबसे पहले तो ब्रो तुम पुरानी बातों से सीख लेकर आगे बढ़ो। हर रुकावट एक मौके की तरह है, जो तुम्हें सबक देकर जाती है इसलिए इस मौके का फायदा उठाओ। यह समझने की कोशिश करो की ऐसा हुआ क्यों – क्या तुम कहां पढ़ाई में पीछे थे, या पढाई को टाल रहे थे? क्या कुछ ऐसे टॉपिक थे जो तुम्हे समझने में परेशानी हो रही थी? तो उन कंसेप्ट्स पर फिर से काम करने की कोशिश करो ताकि तुम अपने आने वाले समय में एक प्लान बना सको।
मदद लेना ठीक है
अब बारी है अगले एग्जाम की तयारी करने की। तो अपनी कमर कस लो और अच्छे से तैयारी करके अपना बेस्ट दो। और हाँ शर्माना छोड़कर मदद मांगना सीखो। अपने मम्मी पापा से बात करो क्योंकि वो ही तुम्हें सबसे अच्छे से मोटिवेट कर सकते हैं क्योंकि वो तुमसे बहुत प्यार करते हैं। थोड़ा डांट पड़े तो खा लो दोस्त लेकिन उनको यकीन दिलाओ की तुमको भी बुरा लग रहा है।
हाँ, हो सकता है कि इस बार चीजें कुछ हद तक ख़राब हो गई हैं लेकिन ये नॉर्मल है। इसमें खुद को परेशान करने जैसी कोई बात नहीं है। शायद यह परेशानी मदद लेने से कम भी हो जाए, जैसे- ट्यूशन लेना या अपने मम्मी पापा से पढ़ाई में मदद लेना या किसी स्टडी ग्रुप में शामिल होना। याद रखो, कि मदद मांगना ताकत की निशानी है, कमजोरी की नहीं।
और हां, अपने टीचर्स के साथ अपने बेस को मजबूत बनाने की कोशिश करो। उन्हें भरोसा दिलाओ कि तुम फिर से अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर हो और उनका मार्गदर्शन मांगों। वे सुधार के लिए तुम्हारी पहल और समर्पण की सराहना करेंगे।
सोच सही रखो
अब तुम्हारे एटीट्यूड के बारे में बात करते हैं। तुम्हारी सक्सेस तुम्हारी सोच पर भी निर्भर करती है इसलिए हमेशा खुद को पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रखो और अपनी तरफ़ से पूरी मेहनत करो। याद रखो, कि तुम कर सकते हो, तुम्हें केवल खुद पर भरोसा रखने की जरूरत है और ये तुम्हारे बाएं हाथ का खेल हो जाएगा।
बॉस कौन है!
और हाँ याद रखो: किसी छोटे-मोटे ट्रिक्स या शॉर्टकट में मत फंसो। सब्जेक्ट्स को समझने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने पर ध्यान लगाओ। ऐसे तुम्हारे ग्रेड अच्छे ही आएंगे।
सो अरिन दोस्त अपनी गलतियों से सीखो, काम पे लग जाओ, जरूरत पड़ने पर मदद मांगों और अपने आप को पॉजिटिव रखो। तुम ये आराम से कर सकते हो, चैम्प! अब जाओ और उन एग्जाम को दिखाओ कि बॉस कौन है!
और याद रखो, यदि तुम्हें कभी ऐसी ही पोजेटिव बातों या किसी दोस्त की सही सलाह की ज़रुरत हो, तो तुम जानते हो ना कि मुझे कहां ढूंढना है। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ! आगे बढ़ते रहो, और कभी भी अपने आप पर शक मत करो। बेस्ट ऑफ लक!
#दिशासेपूछें एक सलाह कॉलम है जो कि टीनबुक इंडिया की संपादकीय टीम द्वारा चलाया जाता है। कॉलम में दी गई सलाह विज्ञान पर आधारित है लेकिन सामान्य है। माता-पिता और किशोरों को विशिष्ट चिंताओं या मुद्दों के लिए किसी विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।