रेहान ने एक मूवी देखी जो उसे बड़ी पसंद आयी तो वो स्कूल जाकर अपने फ्रेंड्स (मेहुल, रिया, शनाया, नितिन, आद्या) से इस मूवी के बारे में बात करने के लिए बहुत एक्साइटेड है। रेहान के फ्रेंड्स की एक आदत है कि वे जो मूवीे और सीरीज देखते हैं, उस पर खूब सारा डिस्कशन करते और पढ़ें...
अरे दिशा, आजकल मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता। कभी-कभी मैं बहुत इमोशनल हो जाती हूं! आज जैसे मैने अपनी स्कूल बस मिस कर दी, अपना होमवर्क करना भूल गयी और अपने बेस्ट फ्रेंड से झगड़ ली – वो भी एक ही दिन में! मैं अपने इमोशन्स को कंट्रोल नहीं कर पा रही हूं! बहुत रोना और पढ़ें...
त्रिशा ने अपनी डायरी में टीनबुक के लिए अपनी कहानी लिखी है। उसने बताया कि कैसे उसने अपने “उफ्फ, ज़िंदगी कितनी अनफेयर है” वाले दिनों को “वाओ, मैंने ये कर दिखाया!” में बदल दिया। छोटी-छोटी जीत और बड़ी-बड़ी फेल्स के बीच, उसने दिखाया कि थोड़ी हिम्मत, थोड़ा मज़ा और दोस्तों का साथ आपके दिन को और पढ़ें...
कभी ऐसा लगा कि सबको हाँ करने के चक्कर में खुद पे ध्यान देना भूल गए? आर्यन के साथ भी यही हुआ—जब तक उसकी बहन ने उसे सच्चाई नहीं दिखाई! पढ़िए, कैसे उसने सीखा कि सीमाएँ तय करना बद्तमीज़ी नहीं, सेल्फ-केयर है, इस बार की फीलिंग्स एक्सप्रेस में! यह उन हफ़्तों में से एक था और पढ़ें...
तुम रात में लेटे-लेटे इंस्टाग्राम चला रहे हो, दोस्त मज़ेदार फोटोज और पोस्ट डाल रहे हैं, लेकिन तुम अंदर ही अंदर अकेला महसूस कर रहे हो। ऑनलाइन बहुत सारे “दोस्त” हैं, फिर भी अंदर खालीपन सा लगता है। ऐसा पहले भी हुआ है? इसे ही अकेलापन कहते हैं—और ये सिर्फ बिना किसी दोस्त के अकेले और पढ़ें...
एग्जाम्स का टेंशन, ड्रामा और दिमाग में नॉनस्टॉप सवाल – “क्या होगा” – अदिति और रेहान के दिमाग को आराम ही नहीं मिल रहा। लेकिन मीरा और रिया की मदद से, शायद वो कुछ नया सीख लें। क्या आपको भी ज्यादा सोचने की आदत से छुटकारा पाना है? इस बार की कैंटीन टॉक में जानो और पढ़ें...
जब आप “सेल्फ-केयर” सुनते हो, तो आपके दिमाग में क्या आता है? शायद स्किनकेयर करना, अपनी पसंदीदा फिल्म देखना, या थोड़ा ब्रेक लेना। लेकिन क्या सेल्फ-केयर सिर्फ उन दिनों के लिए है जब आप परेशान होते हो? या ये कुछ और भी हो सकता है? इस साइंस लैब एडिशन में, हम समझेंगे कि सेल्फ-केयर असल और पढ़ें...
17 साल की सिया स्कूल में अपनी फेयरवेल पार्टी के लिए तैयार हो रही है, लेकिन उसे अपने कपड़ों में कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। उसने अनगिनत कपड़े बदले, लेकिन सिर्फ़ एक चीज़ जो खराब हो रही है, वह है उसका मूड। आओ “उफ़ ये उलझन” के इस संस्करण में पढ़ें कि उसे और पढ़ें...
आज अक्षय ने स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य पर एक वर्कशॉप में भाग लिया। वर्कशॉप में जो गेस्ट आए थे, उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स को अपने मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करना चाहिए और उसे अपने प्रायोरिटी बनानी चाहिए। लेकिन अक्षय के मन में कई सवाल रह गए। मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करने का मतलब क्या है? और पढ़ें...
आरव, रिया और रोहन की लंच के समय शुरू हुई डिबेट ने अचानक एक नया मोड़ लिया जब उनकी चर्चा इस मुद्दे पर पहुंची कि दोस्ती और आपसी समझ को कैसे बेहतर बनाया सकती है? आप भी उत्सुक हैं जानने के लिए? तो आइए सुनिए उनकी आइए कैंटीन टॉक! आरव और रिया आज और पढ़ें...