लड़कों का शरीर: बात लिंग की
लिंग पुरुष का जननांग है। इससे शरीर से पेशाब बाहर निकलता है और प्रजनन में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस हफ्ते जिज्ञासा स्टेशन/ क्यूरोसिटी सेंट्रल में हम आपको लिंग के बारे में विस्तार से बताएंगे।
जिस व्यक्ति का बायोलॉजिकल सेक्स पुरुष होता है, वह लिंग के साथ पैदा होता है। लिंग या योनि देखकर इसके आधार पर ही डॉक्टर बच्चे को लड़का या लड़की घोषित करते हैं।
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके लिंग का साइज भी बढ़ता है। लेकिन आमतौर पर 9 से 15 साल की उम्र के दौरान यह साइज़ सबसे तेजी से बढ़ता है। हर व्यक्ति में लिंग की साइज बढ़ने की उम्र अलग- अलग हो सकती है। 18 से 19 साल की उम्र तक पहुंचने पर पुरुष के लिंग की अपेक्षित साइज बढ़ चुकी होती है।
लिंग का साइज और शेप
वयस्क पुरुष का लिंग जब उत्तेजित होता है तो उसकी लंबाई 5 से 7 इंच के बीच होती है। लेकिन शिथिल या सामान्य अवस्था में इसका साइज उत्तेजित लिंग से अलग होता है। कुछ लिंग की लंबाई उत्तेजित होने पर बहुत बढ़ जाती है जबकि अधिकांश लिंग में इतना अंतर नहीं नजर आता है। इरेक्शन या उत्तेजना के बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें।
लिंग का शेप और साइज अलग-अलग होता है। कुछ केले की तरह घुमावदार होते हैं जबकि कुछ लिंग सीधे होते हैं। लिंग का कोई विशेष शेप या साइज नहीं होता है। लिंग की साइज के बारे में यहां और अधिक पढ़ें। यह जान लें कि हर पुरुष का लिंग अलग होता है और ऐसा होना बिल्कुल सामान्य है।
लिंग और इसके भाग
शीर्ष हिस्सा (ग्लांस)
इसे लिंग का शीर्ष या सिरा भी कहा जाता है। इसमें पेशाब के लिए छेद या मूत्रमार्ग होता है। लिंग में उत्तेजना होने पर इसमें से वीर्य नामक एक चिपचिपा, साफ तरल पदार्थ निकलता है।
शाफ़्ट
यह एक ट्यूब की तरह दिखता है जो टिप से पेट के निचले हिस्से तक फैला होता है।
फोरस्किन (लिंग के ऊपर की चमड़ी)
फोरस्किन लिंग के हेड या ग्लांस को ढकी रहती है। जब लिंग कठोर हो जाता है तो फोरस्किन पीछे खिंच जाती है जिसके कारण हेड दिखाई देने लगता है।कभी-कभी जन्म के तुरंत बाद फोरस्किन का खतना किया जाता है (इसे काटकर हटा दिया जाता है), इसलिए यह सभी पुरुषों में मौजूद नहीं होता है।
फ्रेनुलम
फ्रेनुलम शीर्ष सिरे के ठीक नीचे होता है जो छोटे V आकार जैसा नजर आता है। यह वह हिस्सा होता है जहां आपकी फोरस्किन लिंग के निचले हिस्से से जुड़ी होती है।
यूरेथ्रल ओपनिंग
यह लिंग के शीर्ष पर स्थित एक छेद होता है जहाँ से पेशाब शरीर से बाहर निकलता है।
अंडकोष की थैली
यह लिंग से नीचे लटका हुआ थैली के आकार का होता है. यह बहुत ही संवेदनशील थैली होती है और अंडकोष को पकड़े रहती है। इसकी त्वचा झुर्रीदार होती है और इसके ऊपर कुछ बाल होते हैं।
स्क्रोटम वृषण के सही तापमान को बनाए रखता है। ठंड के मौसम में स्क्रोटम अंडकोष को शरीर के करीब रखता है। गर्म, चिपचिपे मौसम में अंडकोष शरीर से दूर लटक जाते हैं।
कुछ लोगों के पास दूसरों की अपेक्षा एक ही तरफ बड़ा स्क्रोटम होता है। यह शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है। यहां चोट लगने पर बहुत तेज दर्द हो सकता है।
गुदा
मल त्यागने की जगह को गुदा कहा जाता है। इसे मलाशय छिद्र भी कहते हैं।
लिंग को साफ रखने के लिए टिप्स
अगर आपके लिंग का खतना हुआ है तो भी और अगर नहीं हुआ है तो भी आपको नियमित रुप से अपने लिंग को धोना और साफ करना चाहिए।
यदि आपके लिंग का खतना नहीं हुआ है, तो धीरे से अपनी फोरस्किन को पीछे खींचें। इसके बाद गर्म पानी से अपने लिंग के हेड या शीर्ष को साफ करें। आप अपने लिंग के शाफ्ट पर साबुन लगा कर साफ कर सकते हैं। लेकिन फोरस्किन के नीचे साबुन लगाकर सफाई न करें।
साबुन बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को खराब कर सकता है। इसके कारण आपको फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है। यदि आप अपने लिंग के हेड को साबुन से धोना चाहते हैं, तो तेज सुगंध वाले साबुन के बजाय किसी हल्के साबुन का इस्तेमाल करें।
फोरस्किन के नीचे सफेद या पीले रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है। इसके साफ करना जरूरी होता है। इसे स्मेग्मा कहा जाता है, जो स्किन ऑयल और त्वचा की कोशिकाओं से बना होता है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। लेकिन यह आपकी फोरस्किन के नीचे जमा हो सकता है। जिसके कारण गंध आ सकती है। साथ ही आपको जलन और इंफेक्शन भी हो सकता है।
फोटो: शटरस्टॉक/फोटो में व्यक्ति एक मॉडल है /
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