header image

एक्सपर्ट से पूछें

जब मुझे चीज़ें याद रहती हैं, तो लिखने की क्या ज़रूरत?

जब मैं टीनएजर थी, मैं अक्सर अपने मम्मी-पापा से बार-बार कहती थी ।

मेरा फंडा एकदम सीधा था – अगर किसी चीज़ का पढ़ाई, होमवर्क या एग्जाम से लेना देना नहीं है, तो इसे लिखने की क्या जरूरत? और वैसे भी, इतिहास, विज्ञान, मैथ्स और हिंदी के कठिन शब्द रट-रटकर लिखना क्या कम था?

मेरे पेरेंट्स मुझे समझाने की बहुत कोशिश करते, लेकिन आखिरकार हार मान लेते कि चलो कम से कम पढ़ाई के लिए तो मैं लिख रही हूं।

फिर कुछ साल बाद, जब मुझे पहली बार किसी पर क्रश हुआ और मैं मम्मी-पापा को बताने से डर रही थी, तो मैंने अपने जेब खर्च के 15 रुपये (हाँ, पूरे महीने के सिर्फ 15 रुपये!) से एक प्यारी-सी डायरी खरीदी।
उस डायरी में एक ताला भी लगा था और गुलाबी तितली बनी थी, जिसके पंखों पर सुनहरे रंग की ग्लिटर थी। इतनी खूबसूरत थी कि बस देखते ही प्यार हो गया!

मैंने उसमें अपने सपने लिखे – कैसे मैं अपने क्रश के साथ हाथ पकड़कर घूमूंगी, कैसे हम साथ में आइसक्रीम खाएंगे, कैसे वैलेंटाइन्स डे मनाएंगे और पूरी क्लास को बताएंगे कि हम “हमेशा के लिए” साथ हैं! और फिर, कैसे एक दिन हम शादी कर लेंगे! 

बाद में, जब मम्मी को वह डायरी मिल गई, तो थोड़ी डांट पड़ी, लेकिन फिर उन्होंने मुझे बैठाकर समझाया कि मैं वही कर रही थी जो वे मुझे पहले से कह रही थीं – लिखना! हाँ, ये मेरी कल्पनाएँ थीं (जो उन्हें पसंद नहीं आईं), लेकिन इसमें लिखने की आदत का फायदा छिपा था।

लिखना क्यों ज़रूरी है?

लिखने से हम अपने दिमाग में चल रही बातों को साफ-साफ समझ पाते हैं। जब हम लिखते हैं, तो हमें सोचना पड़ता है कि क्या लिखना है, और इससे हमारे उलझे हुए बालों जैसे विचार एकदम सुलझ जाते हैं।

जब मम्मी ने इस तरह समझाया, तो मुझे भी समझ आया कि लिखने की कितनी अहमियत है। तब से अब तक, मैंने न जाने कितनी डायरियाँ भर दी हैं! अब मैं चीजों को सिर्फ सोचती नहीं, बल्कि लिखकर रख देती हूँ, और बाद में वे खुद-ब-खुद सुलझ जाती हैं।

लिखना आपके लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है?

  1. टास्क लिस्ट बनाओ: होमवर्क भूल जाते हो? लिख लो! फिर कभी कुछ मिस नहीं होगा।
  2. बड़े असाइन्मेंट्स आसान बनाओ: कॉलेज के लिए कुछ लिखना है? रोज़ सिर्फ 50 शब्द लिखो, धीरे-धीरे पूरा हो जाएगा।
  3. मन की बात निकालो: दिल में कुछ बात है, लेकिन किसी से कह नहीं सकते? लिख डालो, मन हल्का हो जाएगा।
  4. अपने गोल्स प्लान करो: अपने गोल्स लिखो और छोटे-छोटे स्टेप्स में बाँटो, इससे उन्हें हासिल करना आसान हो जाएगा।

लिखना सबके लिए अलग-अलग मायने रखता है। हो सकता है कि तुम्हें कहानियाँ या कविताएँ लिखना पसंद हो, या फिर तुम सिर्फ अपने लिए लिखना चाहो।

अगर अभी तक नहीं लिखा, तो एक हफ्ते आज़माकर देखो! इससे तुम्हें अपने ही विचार और भावनाएँ अच्छे से समझ में आएँगी। जब बाद में पढ़ोगे, तो देखोगे कि इससे तुम्हारा दिमाग कितना साफ हो जाता है और कई प्रोब्लेम्स खुद-ब-खुद ठीक हो जाती हैं।

मेरे अनुभव में, लिखने की आदत उतनी ही ज़रूरी है जितना एक्सरसाइज़ करना। सालों बाद जब मैं अपनी पुरानी बातें पढ़ती हूँ, तो देखती हूँ कि मैंने कितना कुछ सीखा और खुद को कितना बेहतर बनाया।

तो दोस्तों, अभी से लिखना शुरू करो! जो आदतें बचपन में डालते हो, वही बड़े होकर तुम्हारी ज़िंदगी आसान बनाती हैं! 

कनिका कुश, टीनबुक की पैरेंट एक्सपर्ट, टीनएजर्स को एक मजेदार और रिलेटेबल तरीके से पैरेंट्स की सोच समझने का मौका देती हैं, जिससे हम जान सकें कि हमारे माता-पिता के मन में क्या चल रहा है।

एडिटर का नोट:

टीनबुक के हमारे नए कॉलम में आपका स्वागत है, जहाँ अब मम्मी पापा  को मिल रहा है माइक! टीनबुक जहाँ भारतीय किशोरों की मदद करता है, वहीं यहाँ मम्मी पापा भी अपनी बातें शेयर कर सकते हैं, अनुभव बाँट सकते हैं, और अपने किशोर बच्चों के साथ कदम मिलाने की कोशिश में सलाह भी दे सकते हैं। यह वो पैरेंट्स का नज़रिया है जिसकी आपको ज़रूरत थी, पर शायद आपको पता नहीं था! चाहे टीन स्लैंग समझना हो, मूड स्विंग्स से निपटना हो, या बस नए ट्रेंड्स के साथ चलना हो—यहाँ सब आसान है! 

एक टिप्पणी छोड़ें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी। अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *

टैग

#AskDisha #canteentalk exam pressure stress अच्छे दोस्त चुन आकर्षण एंग्जायटी कमिंग आउट कहानीमेंटविस किशोर लड़कों का शरीर किशोरावस्था कैंटीन टॉक क्रश गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनाने का दबाव जीवन हमेशा के लिए बदलने वाल टीनएज टीनएज लव टीनएज वाला प्यार ट्रांसजेंडर डाइवोर डिप्रेशन तनाव दिशा से पूछें दोस्ती दोस्ती की प्रोब्लेम पहली किस का दबाव #एक्सपर्टसेपूछें पीरियड्स प्यार प्यार में धोखा बुलइंग मम्मी-पापा अलग हो रहे ह मम्मी-पापा का डाइवोर मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चीट किआ यौन उत्पीड़न यौन शिक्षा यौनिकता शिक्षक यौवन रिलेशनशिप लड़कियों को अकेले बाहर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जाती ह लड़कों और लड़कियों के बीच अलग-अलग व्यवहार किया जाता ह लड़कों के साथ अलग-अलग व्यवहार क्यों किया जाता ह लड़कों को हर तरह से मजा क्यों करना चाहिए सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड सहमति ख़राब मूड