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सुकून वाला कोना

हम लोगों को क्यों नहीं समझ पाते: हमदर्दी का महत्व

आरव, रिया और रोहन की लंच के समय शुरू हुई डिबेट ने अचानक एक नया मोड़ लिया जब उनकी चर्चा इस मुद्दे पर पहुंची कि दोस्ती और आपसी समझ को कैसे बेहतर बनाया सकती है? आप भी उत्सुक हैं जानने के लिए? तो आइए सुनिए उनकी आइए कैंटीन टॉक!

 

 

आरव और रिया आज भी कैंटीन में बैठ कर रोहन के साथ कुछ दिन पहले हुई नज़रियों वाली डिबेट के बारे में चर्चा कर रहे थे। तभी उन्होंने रोहन को देखा। 

“अरे! पिछली बार हम हमदर्दी वाले टॉपिक को तो डिसकस ही नहीं कर पाए!” आरव ने सैंडविच खाते हुए बोला. 

“हमदर्दी? क्या यह किसी के लिए बुरा महसूस करने या सहानुभूति जताने जैसा नहीं है?” रिया ने पूछा। 

“बिल्कुल नहीं,” रोहन ने भी उनके साथ मुस्कुराते हुए ज्वाइन किया। “हमदर्दी या इंग्लिश में बोलें तो एम्पथी – का मतलब है किसी और की भावनाओं को महसूस करना, जैसे उनकी जगह पर खुद को रखकर सोचना। यह लोगों को समझने का एक अनोखा तरीका है। और यह रोजमर्रा के जीवन के लिए भी बहुत जरुरी है क्योंकि यह हमें दूसरों के साथ जुड़ने, मजबूत रिश्ते बनाने और मुश्किल समय का सामना करने में मदद करता है।” 

“अच्छा, तो ये सिम्पैथी या सहानुभूति से अलग कैसे है?” आरव ने पूछा।

“अच्छा सवाल! सहानुभूति या सिम्पैथी का मतलब है किसी की परेशानियों के लिए दया महसूस करना। जैसे- ‘ओह, बहुत बुरा हुआ।’ करुणा या दया की भावना हमदर्दी से कदम आगे है; इसमें मदद करने की इच्छा होती है। हमदर्दी का मतलब होता है हम और दर्द यानि – किसी के दर्द को हम भी उनकी ही तरह महसूस करें। जैसे जब आप किसी को आइसक्रीम गिरते हुए देखते हैं, और आपके दिल में एक छोटा सा दर्द महसूस होता है क्योंकि आप जानते हैं कि यह कितना बुरा एहसास है।

हमदर्दी क्यों जरूरी है? 

“हमदर्दी को एक मजबूत पुल की तरह सोचो,” रोहन ने कहा।” यह दोस्तों के बीच के फासले को मिटाता है, झगड़ों को ठीक करता है, और रिश्तों को मजबूत बनाता है। जब आप सच में समझते हैं कि आपका दोस्त क्या महसूस कर रहा है, तो गलतफहमियों से बचना और उनकी मदद करना और आसान हो जाता है।” 

“जैसे कि जब आरव लंच में पनीर ना मिलने के कारण परेशान था, तो मैं उसका दर्द महसूस कर पायी क्योंकि मैं जानती हूं कि उसे पनीर कितना पसंद है?” रिया ने हंसते हुए कहा। 

“बिल्कुल,” रोहन हंसा। “यह एक-दूसरे के इमोशन्स को समझने और एक-दूसरे के लिए खड़ा रहने के बारे में है।” 

हमदर्दी को बढ़ाना 

” हमदर्दी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है ध्यान से सुनना,” रोहन ने कहा। “इसका मतलब है जब कोई बात कर रहा हो तो सच में ध्यान देना, न कि सिर्फ अपनी बारी का इंतजार करना।”

“जैसे जब रिया अपनी नई ड्रेस और मेकअप के बारे में लगातार बात करती है, और मैं उबासी लेने की बजाय सच में सुनता हूँ?” आरव ने मजाक में कहा।

रिया ने आरव के सर पर मज़ाक से मारा और सब हँस पड़े ! 

“बिल्कुल,” रोहन ने हां में हां मिलाते हुए कहा। 

“और किसी को ध्यान से सुनने के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल भी रखना पड़ता है। सबसे पहले, अपने फोन को दूर रखना। उन्हें लगना चाहिए कि तुम उनकी बातों को वाकई में ध्यान से सुन रहे हो। तुम चाहो तो सिर हिला सकते हो या ‘मैं समझ सकता हूं’ या ‘और फिर क्या हुआ’’ जैसी छोटी-छोटी बातें कह सकते हो ताकि सामने वाले को लगे कि तुम उसकी बातों को ध्यान से सुन रहे हो। और बीच में टोको मत बल्कि उन्हें  अपनी बात खत्म करने दो।”

“ठीक है, लेकिन अगर मेरा मन भटकने लगे तो क्या होगा?” रिया ने पूछा।

“अच्छा सवाल है,” रोहन ने कहा। “अगर तुम्हें लगता है कि तुम्हारा मन भटक रहा है, तो दोबारा उसके शब्दों पर फोकस करो। सामने वाले ने जो कुछ कहा है, उसे अपने शब्दों में दोबारा बोलो। जैसे – ‘तो, तुम कह रही थी कि तुम मेकअप पसंद  करती हो क्योंकि यह तुम्हें कांफिडेंट महसूस करने में मदद करता है?” इससे यह भी पता चलता है कि तुम सुन रहे हैं और तुमको उनकी बात समझने में मदद मिलती है।

“और हां, ऐसे सवाल पूछो जिनके एक से ज़्यादा जवाब हो सकते हैं।” रोहन ने कहा. “सिर्फ ‘तुम्हें मेकअप पसंद है?’ पूछने के बजाय, ‘तुम्हें मेकअप में क्या करना सबसे अच्छा लगता है?’  इससे सामने वाले को अपने इमोशन्स को शेयर करने की हिम्मत मिलती है।”

“और चीजों को उनके नजरिए से देखने की कोशिश करो। रिया को मेकअप करना पसंद है क्योंकि वो उसे अच्छा और कॉंफिडेंट महसूस कराता है, तो समझो कि यही इमोशन्स हैं, जो उस चीज़ को सामने वाले के लिए  इतना खास बनाती हैं।”

“समझ गया,” आरव ने कहा। “तो, यह समझने की कोशिश करनी हैं कि है कि अगर कोई बात ऐसा है, तो क्यों है।”

“बिल्कुल,” रोहन ने हां में हां मिलाया। “जितना ज्यादा तुम प्रैक्टिस करते हो, लोगों की छोटी-छोटी बातों को समझने में उतना ही बेहतर हो जाते हो और कि वो वास्तव में वो कैसा महसूस कर रहे हैं। और यही बात हमदर्दी को मजबूत बनाती है।”

चीजों को अलग नजरिये से देखने के तरीके

“एक आइडिया है” रोहन ने कहा। “अगली बार जब तुम किसी बात को लेकर कंफ्युजन में हो, तो रुको और खुद से पूछो कि दूसरा व्यक्ति कैसा महसूस कर रहा होगा और क्यों? सोचो कि तुम एक फिल्म के राइटर हो और तुम कैरेक्टर्स के बारे में समझने और लिखने की कोशिश कर रहे हो। यह तुम्हारे नजरिये को पूरी तरह से बदल देगा।”

आरव ने पूछा, “इसके बारे में सोचने का यह एक मजेदार तरीका है।”

“बिल्कुल,” रोहन ने कहा। 

आरव ने जोश में कहा, “जैसे – अगर कोई दोस्त इस बात से नाराज़ है कि उसे किसी पार्टी में इंवाइट नहीं किया गया; तो उसे यह कहने के बजाय कि ‘यह कोई बड़ी बात नहीं है’, उसके इमोशन्स को समझने की कोशिश करो क्योंकि हो सकता है कि वो अकेला और बुरा महसूस कर रहा हो। उसके इमोशन्स को एसेप्ट करके और उसके साथ हमदर्दी से पेश आने से चीजें बदल सकती हैं।” 

“बिल्कुल,” रोहन ने आगे कहा। “स्ट्रगल के पलों में हमदर्दी तुम्हारे लिए सीक्रेट वेपन हो सकती है। यह समझने की कोशिश करके कि दूसरा व्यक्ति परेशान क्यों है, इससे तुम तनाव को कम कर सकते हो और परेशानी का सोल्युशन ढूंढ सकते हो। हमदर्दी ये याद रखने में मदद करती है कि हर किसी के पास अपनी मुश्किलें हैं, जिस कारण वे बुरा महसूस करते हैं।” 

रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो, हमदर्दी शांति बनाए रखने के लिए एक सुपर पॉवर की तरह है।”

“बिल्कुल,” रोहन ने सिर हिलाया। “यह तुम्हारे अपने नजरिये से परे देखने और दूसरों के फिलिंग्स और मोटीवेशन को पहचानने के बारे में है और जितना अधिक तुम कोशिश करोगे, तुम इसमें उतने ही बेहतर होते चले जाओगे।”

हमदर्दी दबाव का सामना करने में कैसे मदद करती है

रोहन ने कहा, “हमदर्दी तुम्हें दबाव का सामना करने में भी मदद करती है।” अगर तुम किसी को दबाव में या स्टिरियोटाइप होते हुए देखते हो, तो हमदर्दी तुम्हें उनकी परेशानी महसूस कराती है और उनके लिए खड़े होने की हिम्मत देती है।”

रोहन ने सहमति में सिर हिलाया। “जब तुम देखते हो कि किसी को कुछ ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसमें वो सहज या कंफर्टेबल नहीं है, तो हमदर्दी तुम्हें बताती है कि वो कैसा महसूस कर रहा होगा। यह एक एंटेना की तरह है, जो दूसरों के इमोशन्स को पकड़ लेता है। यह समझ तुम्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती है ताकि तुम उनकी मदद कर सको।”

आरव ने कहा, “जैसे कि जब हर कोई समीर  पर क्लास छोड़कर मॉल जाने के लिए दबाव डाल रहा था।” मैं देख सकता था कि वो असहज था और किसी मुसीबत में पड़ना जाने के डर से परेशान था। दबाव देने में शामिल होने के बजाय, मैंने सुझाव दिया कि हम स्कूल के बाद बाहर घूमने जा सकते हैं।”

“ठीक कहा,” रोहन ने बोला । “हमदर्दी आपको पूरी बात समझने और सही कदम उठाने का हौसला देती है। यह दूसरों को समझने और उनकी परवाह करने के बारे में है, जो तुमको एक बेहतर और मददगार दोस्त बनाती है।”

खुद के लिए हमदर्दी 

“खुद के लिए हमदर्दी को भी मत भूलना,” रोहन ने कहा। “खुद के साथ भी नरमी बरतना ज़रूरी है। अगर तुम्हारा दिन मुश्किल भरा था, तो अपने आप को वही हमदर्दी दिखाओ तुम एक दोस्त को देते।”

“और हां, बैलेंस बहुत जरूरी है।” रोहन ने आगे कहा। “हमदर्दी रखना बहुत अच्छा है लेकिन अपना ख्याल भी रखना चाहिए। सीमाएं निर्धारित करो ताकि तुम ज्यादा परेशान ना हो जाओ। यह फ़ोन को चार्ज करने जैसा है – अगर तुम्हारी खुद की बैटरी खत्म हो गई है, तो तुम दूसरों की मदद नहीं कर सकते हो।” 

“समझ गया,” आरव ने सिर हिलाया। “हमदर्दी हमारी सुपर पॉवर की तरह है लेकिन हमें इसका स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।” 

एक बार फिर, आरव और रिया की रोहन के साथ हुई बातचीत ने उन्हें गहराई से छू लिया। उन्हें एहसास हुआ कि हमदर्दी सिर्फ एक कंसेप्ट नहीं है। यह किसी चीज़ को दूसरे के नज़रिए से देखने के बारे में है। खासकर तब जब तुम्हें सारी चीजों को अपने नजरिये से देखने की आदत हो गई हो।

उस दिन के बाद से उन्होंने हर डिबेट और हर स्थिति को खुले दिल और खुले दिमाग से देखने का फैसला किया।

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