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हमारे इमोशन्स हमारे टीचर हैं

क्या आपको ऐसा लगता है कि आपकी भावनाएँ इधर-उधर बिखरी हुई हैं? चिंता मत करो, आप अकेले नहीं हो! इस हफ्ते के साइंस लैब में, हम आपको सिखाएँगे कि अपनी भावनाओं को कैसे समझें और उन्हें स्मार्ट तरीके से कैसे कंट्रोल करें।

टीम से मिलें

सबसे पहले, इमोशन्स वो हैं, जो आपका शरीर आपके दिमाग को भेज रहा हो, मानो इमोशन एक मैसेज हो। ये आपकी अंदर की सबसे ज़रूरी चीज़ें हैं, जो बताती हैं कि आपके आसपास क्या हो रहा है। जैसे- पिज़्ज़ा का एक और टुकड़ा मिलने पर खुशी होती है, और अगर गेम के बीच में वाई-फाई बंद हो जाए तो गुस्सा आता है। इन्हें अपनी लाइफ की फिल्म के अलग-अलग किरदारों की तरह सोचो – हर एक का अपना रोल होता है!

खुशी: पार्टी की जान! खुशी हमेशा आपको चीजों का अच्छा पहलू दिखाती है। यह आपको ऐसा फील कराती है, जैसे- आप दुनिया के टॉप पर हों क्योंकि यह आपके शरीर में डोपामाइन जैसे केमिकल्स रिलीज़ करती है, जो आपको खुश करती हैं। 

उदासी: इसे अक्सर गलत समझा जाता है, लेकिन उदासी हमें मुश्किल समय से उबरने में मदद करती है। इसे उस दोस्त की तरह समझो जो आपकी बेस्टी से हुई लड़ाई में आपकी बातें ध्यान से सुनता है।

डर: यह आपको सतर्क रखता है और सुनिश्चित करता है कि आप सुरक्षित रहें। यह ऐसा है, जैसे आपका दिमाग कह रहा हो, “सावधान रहो!”

गुस्सा: यह आपको अपने हक के लिए खड़ा होने की शक्ति देता है, लेकिन कभी-कभी यह आपको ऐसी बातें कहने पर मजबूर कर सकता है, जिनसे आपका कोई मतलब ही नहीं है।

घृणा: यह आपको गलत काम करने से रोकता है। जैसे- कैफेटेरिया का बचा हुआ बासी खाना खाने से।

शर्मिंदगी: यह तब सामने आती है, जब आप कुछ अजीब करते हैं या सार्वजनिक रूप से गलती करते हैं। शर्मिंदगी आपको विनम्र बनाती है और अपनी गलतियों से सीखने में मदद करती है।

चिंता: यह एक बहुत अलर्ट दोस्त की तरह है, जो हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है। यह आपको उन चीज़ों से बचाता है, जिन्हें आप नहीं देख सकते। कभी-कभी यह आपको हर छोटी बात की दोबारा जांच करवाता है, लेकिन कभी-कभी यह आपको जरूरत से ज्यादा सोचने पर मजबूर कर देता है।

बोरिंग: यह शांत और बोरियत वाला एहसास है। जब सब कुछ बस “बेकार” लगता है और कुछ भी आपको दिलचस्प नहीं लगता। यह आपको बोरियत का एहसास कराता है।

ईर्ष्या/जलन: यह तब होती है, जब कोई और वही कर रहा होता है, जो आप चाहते हैं। ईर्ष्या/जलन आपको खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, लेकिन अगर आप इसे ज्यादा सोचेंगे, तो यह आपको गुस्सा और नाराज़गी भी दे सकता है।

आपकी सुपरपॉवर

पॉजिटिव इमोशन्स आपकी जिंदगी को बेहतर बनाती हैं- वे सब कुछ बेहतर बनाती हैं। खुशी, कृतज्ञता, प्यार और उत्साह सब इस टीम का हिस्सा हैं। ये आपके मूड को अच्छा कर सकती हैं, आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ा सकती हैं, और आपके इम्यून सिस्टम को भी मज़बूती दे सकती हैं। याद है, जब आप पिछली बार इतनी जोर से हंसे थे कि खर्राटे लेने लगे थे? वो आपकी शरीर का तरीका था, आपको धन्यवाद कहने का।

विलेन

दुःख, गुस्सा और डर विलेन नहीं हैं। ये भी बहुत जरूरी हैं। जब कुछ गलत होता है और आपको ध्यान देने की ज़रूरत होती है, ये आपको मैसेज देते हैं। इन्हें नज़रअंदाज़ करना ऐसा है, जैसे- कार की चेक इंजन लाइट को ना देखना- अच्छा नहीं होगा।

उदासी आपको धीमा कर देती है और सोचने में मदद करती है। कभी-कभी उदास होना ठीक है, क्योंकि यह आपके दिमाग को आराम देने का तरीका है।

गुस्सा आपको सही चीज़ के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करता है, जैसे- बदमाशी या गलत व्यवहार के खिलाफ खड़ा होना।

डर आपको सतर्क और तैयार रखता है, जैसे- एक छोटी आवाज़ जो आपको खतरनाक फैसले लेने से रोकती है।

शर्मिंदगी आपको ज़मीन से जुड़े रहने में मदद करती है, और अजीब मोमेंट्स से सीखने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

चिंता, आपकी प्रोटेक्टिव दोस्त की तरह है, आपको बड़े टेस्ट या प्रेजेंटेशन जैसी महत्वपूर्ण चीज़ों के लिए तैयार कर सकती है।

बोरिंग, जो बोरियत का एहसास है, आपको नई और मजेदार एक्टिविटी या चुनौतियों की खोज करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

ईर्ष्या/जलन आपको दिखा सकती है कि आप क्या सच में चाहते हैं और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित कर सकती है।

इमोशन्स हमें कैसे प्रभावित करते हैं

इमोशन्स हमारे सोचने, काम करने और दूसरों से बात करने के तरीके को बदल देती हैं। खुशी महसूस करने पर आप ज्यादा मिलनसार हो सकते हैं और दुःख महसूस करने पर आप ज्यादा सोच सकते हैं। इसे समझना आपकी जिंदगी को बेहतर बना सकता है।

जैसे- अगर आप किसी एग्जाम को लेकर परेशान हैं, तो डर आपको अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित कर सकता है। अगर किसी दोस्त के धोखे से आप गुस्से में हैं, तो गुस्सा आपको उनसे बात करने के लिए मजबूर कर सकता है (उम्मीद है कि शांति से)। इमोशन्स आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। लंबे समय तक तनाव (जैसे डर और गुस्सा) से सिरदर्द हो सकता है, जबकि खुशी आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकती है।

इमोशन्स कभी-कभी मुश्किल और उलझन भरे हो सकते हैं, लेकिन यही हमें बेहतर इंसान बनाते हैं। उन्हें समझकर और कंट्रोल करके, आप जीवन के मुश्किल लम्हों को आसान बना सकते हैं। याद रखें, हर इमोशन के पीछे एक कारण और महत्व होता है।

जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, नए अनुभव और इमोशन्स भी आते हैं। घबराने की जरूरत नहीं है- उन्हें समझें, उनसे सीखें और अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में उनका इस्तेमाल करें। आप सब कुछ कर सकते हैं!

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