मैं डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहती
जिगना की फैमिली में सभी डॉक्टर या इंजीनियर हैं इसलिए उसके पैरेंट्स चाहते हैं कि वो भी साइंस ही ले, जो उसके फ्यूचर के लिए अच्छा होगा। लेकिन जिगना अभी 12वीं क्लास में है, और वो डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहती है। उसको अपने मम्मी पापा को मनाने में बहुत मुश्किलें आ रही हैं। उसने अपनी दिल की बातों को डायरी के साथ शेयर किया है।
डियर डायरी,
पिछले कुछ साल मेरे लिए काफी मुश्किल भरे थे क्योंकि मैंने चार साल पहले एक गलत डिसीजन ले लिया- जो है, साइंस विषय लेना।
जब मैं छोटी थी, तो मैं हमेशा कंफ्यूज रहती थी कि मैं कौन सा सब्जेक्ट लूं। और मैं आगे चलकर क्या बनना चाहती हूं, ये तो मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता था। साथ ही जो लोग ICSE बोर्ड से पढ़ाई करते हैं, उनके लिए क्लास 9 में ही ये डिसाइड करना और भी मुश्किल भरा होता है।
मुझे नहीं पता!
जब भी मैं कहीं जाती हूं, तो लोग मुझसे यही पूछते हैंः “तुमने कौन से सब्जेक्ट्स लिए हैं?” , “तुम आगे क्या बनना चाहती हो?” मैं कभी भी इन सवालों के कोई जवाब नहीं दे पाती कि मेरे फ्यूचर के गोल क्या है- डॉक्टर, एस्ट्रोनॉट, एक्टर– मेरे जवाब हमेशा बदलते रहते हैं।
ज़्यादातर समय तो मैं ये बोल देती थी कि मैंने अब तक नहीं सोचा है इसलिए सभी को लगता था कि मेरा कोई गोल ही नहीं है।
मेरे दिमाग में एक पुरानी याद अभी भी ताजा है। जब मेरे स्कूल के प्रिंसिपल ने सबसे पूछा था कि हम बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं या हमारे गोल क्या है?
उस वक्त मुझे बिल्कुल भी आइडिया नहीं था। मैंने अपने क्लासमेट के जवाब सुने। कुछ ने खा कि वो इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो कुछ एथलीट बनना चाहते हैं।
जब मेरी बारी आई, तो मैंने बताया कि मैम, अभी मैंने डिसाइड नहीं किया है। उस वक्त सबने मुझे बहुत अजीब सी नजरों से देखा था।
फैमिली के चक्कर में फंसना
मेरे ऊपर ये प्रेशर क्लास 9 से ही था इसलिए मुझे कोई ना कोई च्वाइस लेनी ही थी। मेरे फैमिली में सभी डॉक्टर या इंजीनियर हैं, इसलिए सबकी उम्मीद थी कि मैं भी उनके रास्ते पर ही चलूंगी और मैंने साइंस ले ली।
मुझे बहुत जल्दी पता चल गया कि यह मेरे बस की नहीं है। लेकिन मुझमें इस बारे में अपने पेरेंट्स से बात करने की हिम्मत कभी नहीं आई।
जब भी मैं अपने पेरेंट्स से बात करने के बारे में सोचती थी कि मुझे साइंस पसंद नहीं है और मैं इसमें अपना फ्यूचर नहीं बनाना चाहती, तो मैं इस सवाल पर अटक जाती थी कि अगर “ये नहीं तो क्या?”
और इसी तरह मैंने क्लास 12 को भी साइंस के साथ ही पूरा कर लिया है।
तो मैंने इस पर बहुत विचार किया और सोचा कि आखिरकार मुझे अपना जवाब मिल गया है। मैं स्कूल के बाद कानून की पढ़ाई/लॉ करूंगी और मैंने इस बारे में अपने पेरेंट्स से भी बात की।
लेकिन वे अब भी इस बात से खुश नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इंजीनियरिंग के अलावा कोई और फ्युचर हो ही नहीं सकता है।
वर्तमान में जीना
मैंने यही समझा है की यह ज़रूरी नहीं है कि तुम्हे अपने पूरे फ्यूचर के बारे में पता हो या तुमने कुछ प्लानिंग की हो! हो सकता है की लोग तुम्हें अजीब नज़रों से देखें। बहुत से लोग समय के साथ अपना करियर बदल लेते हैं और मैं अब उन्हें अच्छी तरह समझती हूं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे पैरेंट्स हमें ऐसे फील्ड में डाल देते हैं, जिसमें हमारी कोई दिलचस्पी नहीं होती है, और बाद में हमें एहसास होता है कि हम खुश नहीं है इसलिए, हमें इसका पता लगाने के लिए समय निकालने की जरूरत है।
तो, यहां मेरा सभी के लिए मैसेज है: समय निकालो और सोचो कि तुम्हारे लिए मायने रखता है। यह हमारा सफर है, और हम जो भी चुनते हैं वह हमारे लिए ही होना चाहिए। भले ही वे हमें हमेशा सही रास्ते पर ना ले जाएं। गलतियां करना भी हमे कुछ नई सीख दे सकता है।
मुझे यकीन नहीं है कि मैं एक दिन वकील बनूंगी या कुछ साल बाद कोई और रास्ता अपनाऊंगी। फ्यूचर चाहे जो भी हो, मैं उसके लिए तैयार हूं क्योंकि मैं अपनी पसंद खुद बना रही हूं।
गोपनीयता बनाए रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं। यह आर्टिकल हमारे टिनबुक एडवाइजरी बोर्ड के एक मेंबर ने लिखा है। टीएबी के बारे में ज्यादा जानने के लिए, यहां क्लिक करें.
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