क्या ये प्यार है?
जिया (15) को अपने स्कूल में एक सीनियर पसंद था पर वो इस बारे में अभी भी उलझन में थी। उसकी मम्मी को इस बारे में उसकी डायरी से पता चला। देखते हैं की वो इस बारे में क्या करती हैं।
प्रेम क्या है?
जिया की माँ रागिनी रोज़ की तरह अपने कमरे की सफाई कर रही थीं, लेकिन आज उन्होंने एक यूनिकॉर्न प्रिंट वाली किताब देखी जिसमें “माई डायरी” लिखा था। जिया की मम्मी ने ये किताब पहले कभी नहीं देखी थी और वो जानना चाहती थी कि इसके अंदर क्या है।
नीचे दिया गया वीडियो देखना मत भूलना यह जानने के लिए की कैसे पता करें की क्या यह प्यार है!
उस समय उन्हें ऐसा भी लग रहा था कि वो अपनी बेटी की प्राइवेसी भंग कर रही हैं। लेकिन जल्द ही उनसे रहा नहीं गया और वो आगे पढ़ने लगी। शुरू के कुछ पन्ने सिर्फ उसकी लाइफ की तारीफों के पुल बाँध रहे थे। पर उसके बाद वाले पेज पर लिखा था, “मुझे वो इतना पसंद क्यों है?” पूरा पेज ऐसे ही सवालों से भरा हुआ था- ऐसा क्यों हो रहा है? क्या यही प्यार है? प्यार क्या होता है?
रागिनी थोड़ी हैरान थी लेकिन वो ये भी जानती थी कि इस उम्र में ऐसा होता है। उसने सोचा, जिया 15 साल की है और इस उम्र में ये भावनाएँ बहुत नॉर्मल होती हैं। क्या जिया से कुछ बात करने समय आ गया था?
फिल्म टाइम
अब रागिनी सोचने लगी कि वो जिया से इस बारे में कैसे बात करे। उसने फैसला लिया कि वो उसे उसकी डायरी पढ़ने के बारे में नहीं बताएगी। वो नहीं चाहती थी कि जिया अनकम्फर्टेबल महसूस करे।
“तो जिया तुम इस वीकेंड पर क्या करना चाहती हो?” रागिनी ने शाम को जिया से पूछा।
“माँ, मैंने तो इस बारे में सोचा ही नहीं। क्या आपके पास कोई प्लान है?” जिया ने जवाब दिया।
“हाँ बिल्कुल, हम एक फ़िल्म देख सकते हैं?” उसकी माँ ने कहा।
“फ़िल्म? ओह नहीं! मै इतनी देर बैठ कर आपके ज़माने की बोरिंग फ़िल्म नहीं देख सकती।”
“ठीक है जिया, हम तुम्हारी पसंद की कोई रोमैंटिक फ़िल्म भी देख सकते हैं”, जिया की मां ने जवाब दिया।
“सच में? आपको अपनी बेटी के साथ एक रोमैंटिक फ़िल्म देखनी है?” जिया ने हंसते हुए कहा।
“ओह हाँ डार्लिंग, तुम्हे ये अजीब क्यों लग रहा है?” जिया की माँ ने शांति से जवाब दिया।
“मुझे बस ऐसा लगा। अच्छा तो चलो हम नेटफ्लिक्स पर ‘द किसिंग बूथ’ देखते हैं!” जिया बोली।
यही प्यार है
जिया ने पॉपकॉर्न लिए, मम्मी ने लाइट्स कम की और फिर उन्होंने एक साथ फिल्म देखी।
“तो एल्ली नोआ से इनफैटचुएटेड है?” रागिनी ने फ़िल्म के पात्रों के बारे में पूछा।
“वो उससे प्यार करती है माँ, अब ये इंफैटुएशन क्या होता है?” जिया ने पूछा।
“जिया, इन्फैचुएशन बहुत ही नॉर्मल चीज़ है जो टीनएज, जिस उम्र में तुम अभी हो, में होती है। इसमें आप थोड़े समय के लिए ही सही, किसी को बहुत पसंद करने लगते है। ये बहुत ज़्यादा भी हो सकता है और कम भी क्योंकि आपको उस इंसान की हर चीज़ अच्छी लगने लगती है। इसमें एक साथ बहुत सारी फीलिंग्स होती है जो थोड़े समय के लिए रहती है और फिर धीरे-धीरे कम होने लगती है। आप कह सकते हैं कि यह शुरू होते ही खत्म हो जाता है। यहाँ तक की ये आपको उनको लेकर थोड़ा भावुक भी कर देता है”, उसकी मां ने समझाया।
“तो, आपके कहने का मतलब है, पहली नज़र वाला प्यार कुछ होता ही नहीं है?” जिया ने पूछा।
“जिया, पहली नज़र वाला प्यार फिल्मों की तरह नहीं होता है। हाँ, प्यार होता है। कभी-कभी इन्फैचुएशन भी प्यार में बदल सकता है। लेकिन प्यार आकर्षण या इन्फैचुएशन से अधिक गहरा एहसास है। प्यार तब होता है जब आप किसी भी स्थिति में एक-दूसरे के साथ कम्फर्टेबल हो, किसी भी स्तिथि में, और हमेशा एक दूसरे का साथ दे चाहे कुछ भी हो जाए। आपकी कमियाँ आपका प्यार कम नहीं होने देती हैं। जैसे मैं तुम्हारे पापा से बहुत प्यार करती हूँ भले ही वो रात को इतने खर्राटे लेते हैं कि मैं रात भर सो भी नहीं पाती।! ” उसकी माँ ने हँसते हुए समझाया।
“जैसे मैं भी आपको प्यार करती हूँ भले ही आप मेरी अलमारी में जासूसी करती रहती हैं”, जिया ने अपनी माँ को आँख मारी।
“नहीं, मैं नहीं!” उसकी माँ ने पलकें झपकाईं और कहा, ” मुझे उम्मीद है कि तुम्हारे साथ जो भी हो रहा है, तुम उसका आनंद ले रही होगी.
‘माँ, विराज सिर्फ मेरा दोस्त है। अब सो जाओ! देर हो गई है!” जिया ने अपनी माँ को कहा और अपने कमरे की तरफ चली गयी।
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