रोमियो एंड जूलियट: 2021 में!
“रोमियो और जूलियट” तो आपको याद होंगे ना? वे दोनों एक दूसरे के बिना जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। लेकिन अगर रोमियो और जूलियट आज के ज़माने में होते तो तो क्या वो फिर ऐसा ही करते? जानना चाहते हैं? तो इस कहानी को पढ़िए टीनबुक ट्विस्ट के साथ!
फोटो:शटरस्टॉक/Chris Bourloton/गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् हैं।
स्कूल वाला प्यार
“तुम लोग नाटक में और असल ज़िंदगी में भी साथ में बहुत प्यारे लगते हो”, आशिका ने दिया से स्टेज के लिए तैयार होते वक़्त कहा। दिया उनके स्कूल के फंक्शन में जूलियट की भूमिका निभा रही थी और उसका दोस्त अभिनव, रोमियो की।
दिया ने शरमाते हुए कहा, “तुम मुझे तंग मत करो, हम सिर्फ किरदार निभा रहे हैं”, पर जब रोमियो का किरदार निभाते हुए अभिनव ने अपने प्यार का इज़हार किया तो उसके पेट में कुछ अजीब सा महसूस ज़रूर हुआ। हालाँकि, तब वो नहीं जानती थी कि अभिनव इस बारे में कैसा महसूस करता है।
नाटक सफल रहा और सभी ने दिया और अभिनव को “रोमियो और जूलियट” के रूप में बहुत पसंद किया। सब ने उन्हें स्कूल का नया कपल घोषित कर दिया गया था। लगभग एक महीने तक इस नाटक के लिए रिहर्सल करते हुए उनकी दोस्ती बहुत अच्छी हो गई थी। दोनों की बातचीत होने लगी थी और अब वो दोनों एक दूसरे से अलग नहीं रह पाते थे।
यह सब छह महीने चलता रहा और उन दोनों को भी अपने पात्रों की तरह आपस में प्यार हो गया। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता था जब वो लोग एक दूसरे से बात ना करते। वे एक दूसरे को लगभग सब कुछ बताते थे और समझते भी थे।
एक बुरी खबर
“मुझे खुशी है कि तुम मेरे साथ में थी, दिया”, अभिनव ने दिया से एक दिन कॉल पर कहा।
“मुझे भी, अभी। इस प्ले की वजह से मुझे एक ऐसा दोस्त मिला जिसके साथ मैं खुलकर बात कर सकती हूँ और बिना शर्माए खुल कर हँस भी सकती हूँ।”
“है ना? पर मेरे पास एक बुरी खबर है।”
“बताओ, मैं सुन रही हूँ”, दिया ने पूछा।
“मेरे पापा का मुंबई ट्रांसफर हो गया है और हम सब जल्द ही वहाँ जाने वाले हैं”, अभिनव ने कहा।
“क्या! ये कब हुआ? इसका मतलब है कि तुम स्कूल छोड़ रहे हो?” दिया चौंक गई।
“हाँ दिया, यह सब इतनी जल्दी हुआ। मैं भी बहुत चौंक गया था। मैं बस चाहता था कि तुम्हें इस बारे में सबसे पहले पता चले। मैं अगले हफ्ते से स्कूल नहीं आऊँगा”, अभिनव ने कहा।
“फिर हमारा क्या? तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो!” दिया अब उदास थी।
“तुम भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो”, अभिनव ने कहा। “लेकिन हम वीडियो कॉल और मैसेज पर बात करते रहेंगे, मुझे यकीन है। हम एक दूसरे को रोज़ कॉल करेंगे, पक्का”, अभिनव ने उसे समझाने की कोशिश की।
“लेकिन मैं तो यकीन ही नहीं कर पा रही! मुझे बहुत बुरा लग रहा है”, दिया ने जवाब दिया।
“मुझे पता है, कि सब कुछ बहुत जल्दी हुआ। ये थोड़ा अजीब भी है पर हम हार नहीं मानेंगे”, अभिनव ने उसे सांत्वना देने की कोशिश की।
“हाँ ज़रूर”, दिया ने कहा और वो अपने ही विचारों में खो गई।
उन्होंने हर सुबह एक दूसरे को फ़ोन कॉल और हर शाम वीडियो कॉल करने का वादा किया। शुरू में सब ठीक रहा पर थोड़े ही समय बाद उनके लिए एक ही समय पर कॉल करना मुश्किल होता गया। कभी अभिनव के कमरे में कोई होता और दिया को इंतज़ार करना पड़ता तो कभी दिया व्यस्त होती थी।
बिना रोमियो के ज़िंदगी
दिया के लिए शुरू में स्कूल में चीजें बहुत कठिन थीं लेकिन उसने नए दोस्त बनाने की कोशिश की। सबको लग रहा था कि अभिनव के जाने के बाद दिया बहुत उदास होगी।
“हे भगवान दिया! अब तुम अपने रोमियो के बिना कैसे रहोगी?” उसकी दोस्त आशिका ने पूछा।
दिया को भी पहले यकीन नहीं था, लेकिन उसने अपना दुःख बढ़ाने की जगह डांस, पढ़ाई और बाकी चीज़ों से खुद को व्यस्त रखा।
अभिनव ने भी ऐसा ही किया।
क्योंकि वे 11 वीं कक्षा में थे, उनके पास बहुत से काम होते थे जो उन्हें दिन खत्म होने तक थका देते थे। धीरे-धीरे उनको वो कॉल्स बोझ लगने लगी। दिन बीतते गए और कई बार वो कॉल्स टलती गयी।
मार्च आ गया और आज बारहवीं क्लास का पहला दिन था। अभिनव दिया को पहले दिन की शुभकामनाएं देना भूल गया।
दिया जानती थी कि वो दोनों ही एक दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे। इसलिए उसने उस रात कॉल पर अभिनव से बात करने का फैसला किया।
ब्रेक की बात
“अभी, मुझे लगता कि है हमे कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहिए। हमे अभी अपनी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए”, दिया ने कहा।
अभिनव ने कुछ समय बाद जवाब दिया, “मैं तुमसे सहमत हूँ दिया। मैं हमेशा तुम्हें कॉल न कर पाने की वजह से बुरा महसूस करता हूँ और ये मुझ पर बहुत दबाव बना रहा है।”
“हाँ, मुझे भी ऐसा ही लगता है। हमें संपर्क में रहने के बारे में इतना परेशान नहीं होना चाहिए। ज़रूरी तो नहीं कि हम रोज़ बात करें, है ना?” दिया ने पूछा।
“बिलकुल सही। और ये कहने के लिए लिए बहुत शुक्रिया दिया। हम बात करते रहेंगे पर इसको लेकर किसी पर भी दबाव नहीं बनने देंगे, ठीक है?”, अभिनव को दिया की बात से बहुत राहत मिली।
उस बातचीत के बाद अभिनव और दिया ने रोज़ बात करना बंद कर दिया। शुरू में उनके लिए यह मुश्किल था लेकिन अपने रिलेशनशिप को लेकर इस फैसले की वजह से उन्हें बहुत मदद मिली।
अब दिया कॉल के बारे में कम और अपनी पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान दे पा रही थी। उसने अपनी एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
अभिनव को भी बहुत शान्ति महसूस हुई क्योंकि उस पर अब किसी तरह का दबाव नहीं था। और वह अपने नए स्कूल में रोमियो का पात्र निभाने के लिए उत्साहित था।
फोटो:शटरस्टॉक/Chris Bourloton/गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् हैं।
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