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जिज्ञासा स्टेशन

एक बार करने में हर्ज क्या है?

साक्षी और रिधिमा (16) – दो सबसे अच्छे दोस्तों ने हमेशा हर नई चीज़ साथ करने की कोशिश की है। अब दोस्तों की एक पार्टी में साक्षी कुछ नया करना चाहती है पर रिधिमा उसे ऐसा नहीं करने दे रही। आखिर ऐसा क्या हुआ? चलिए देखते हैं।

फोटो:Shutterstock/otnaydur/फोटो में व्यक्ति मॉडल हैं, नाम बदल दिए गए हैं।

हाउस पार्टी!

“तुम्हारा पेपर कैसा हुआ, पढ़ाकू?” साक्षी ने साल की अंतिम परीक्षा के बाद रिधिमा से पूछा।

“अच्छा था, लेकिन मैं आखिरी सवाल का जवाब नहीं दे पायी”, उसने कुछ निराशा के साथ जवाब दिया।

“कोई बात नहीं रिधिमा, चलो इसके बारे में बात नहीं करते हैं। इससे सिर्फ तुम्हे बुरा लगेगा। मुझे पता है कि तुम अब भी मुझसे बेहतर नंबर ले आओगी! अब हम आगे होने वाली चीज़ों की बात करते हैं, जैसे की आज शाम की पार्टी!” साक्षी बहुत ज़्यादा उत्साहित थी।

यह वार्षिक परीक्षा का अंतिम दिन था और नंदिश ने अपने घर पर एक पार्टी रखी थी। ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में होता है, उसके माता-पिता वीकेंड के लिए बाहर थे और वह घर पर अकेला था! सब कुछ इतना मज़ेदार लग रहा था।

“ओह, हाँ, मैं इसके लिए उत्साहित तो हूँ लेकिन नर्वस भी। मैंने अभी सुना कि उस पार्टी में शराब हो सकती है। क्या हमारी उम्र में ये ठीक है? अगर हमारे माँ-पापा को इस बारे में पता चल गया तो?” रिधिमा ने धीमी आवाज़ में कहा।

“कोई भी उन्हें नहीं बता रहा है। ये तो सिर्फ अफवाह है। और प्लीज़ मेरी ख़ुशी पर नज़र मत लगाओ, अब हम बच्चे नहीं रहे। मज़े कर यार”, साक्षी ने जवाब दिया।

“अच्छा, हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे, ठीक है?” रिधिमा ने साक्षी से कहा।  

“हाँ, ज़रूर। रात में मिलते हैं”, साक्षी ने रिधिमा को गले लगाया और अलविदा कहा।

बात को मत बढ़ाओ

साक्षी कार में अपने बड़े भाई अंकुश के साथ रिधिमा को लेने उसके घर गई।

“दोनों अपना ध्यान रखना। पार्टी से फ्री होकर मुझे मैसेज कर देना। मैं तुम्हे लेने आ जाऊँगा। और किसी मुसीबत में मत पड़ना, ठीक है?” अंकुश ने उन्हें आँख मारी और वहाँ से चला गया।

जब वे नंदिश के घर में गए, तो वहाँ बहुत भीड़ और शोर हो रहा था। कई जाने-पहचाने चेहरे थे। वे सभी खुश लग रहे थे और कुछ खोए खोए भी। साक्षी और रिद्धिमा दोनों ही अपने जानने वालों से मिलने के लिए बढ़े।

रिधिमा अपने दोस्तों के साथ बातचीत में घुलमिल गयी और साक्षी ने भी ऐसा ही किया। कुछ समय बाद, रिधिमा ने साक्षी की तलाश शुरू कर दी।

उसने लड़कियों और लड़कों के एक ग्रुप को पेपर रोल की मदद से कुछ सूंघते हुए और सांस के साथ अंदर खींचते हुए देखा। साक्षी भी वहाँ खड़ी थी। रिधिमा घबरा गई और तुरंत साक्षी की बाँह पकड़ कर उसे एक कोने में खींच लिया।

“क्या तुम पागल हो साक्षी? तुम देख नहीं रही कि वो लोग क्या कर रहे हैं?” रिधिमा ने साक्षी से पूछा।

“रिधिमा बात को इतना मत बढ़ाओ, मैं बस उन्हें देख रही थी!” साक्षी ने जवाब दिया।

“पर उस लड़की ने तुम्हे भी वो करने के लिए पूछा, है ना?” रिधिमा को अब गुस्सा आ रहा था।

“हाँ, लेकिन मैंने नहीं किया। और वैसे भी, एक बार ट्राय करने में क्या हर्ज़ है?” साक्षी ने उत्तर दिया।

सिर्फ एक बार?

“नहीं साक्षी, यह ड्रग्स है! क्या तुम क्लास में पढ़ी हुई वो कहानी भूल गई हो? कामिनी मैम ने हमें उनके बारे में कैसे चेतावनी दी थी? हमे ड्रग्स नहीं लेने चाहिए। वे बहुत हानिकारक हैं ”, रिधिमा ने कहा।

“ज़रा चारों ओर देखो। इतने सारे लोग कोशिश कर रहे हैं। और वो सब तो ठीक लग रहे हैं! मुझे तो कोई नुकसान नहीं दिख रहा”, साक्षी ने बोला।

“क्या तुमने संजू फिल्म नहीं देखी ? आखिरकार फिल्म में संजय दत्त के साथ क्या हुआ? उसने सिर्फ एक बार कोशिश की और फिर उसे उसकी लत लग गई।तुरंत कुछ नहीं होता है साक्षी। लेकिन ऐसी कोशिश भी क्यों करनी जो तुम्हे पता है तुम्हारे लिए खराब हो सकती है?” रिधिमा ने पूछा।

“ठीक है, पर वो तो फिल्म थी ना? असली जीवन अलग होता है!” साक्षी ने कहा।

“ठीक है, मैं तुमसे बहस नहीं करना चाहती। तुम अपने भाई अंकुश को फोन करके ही पूछ लो की क्या तुम इसकी कोशिश कर सकती हो!” रिधिमा ने कहा।

“नहीं! प्लीज़ इसमें भैया को बीच में मत लाओ। अच्छा ठीक है सॉरी। पर मैं बस एक बार करुँगी उससे ज़्यादा बिलकुल नहीं। पक्का रिधिमा बस एक बार”, साक्षी ने फिर भी रिधिमा को समझाने की कोशिश की।

पहली बार आखिरी बार है

“साक्षी, मेरी प्यारी दोस्त, मैं तुम्हे याद दिला दूँ। ड्रग्स हमारे दिमाग के उन हिस्सों को उत्तेजित करते हैं जो हमे अच्छा महसूस कराते हैं। पर एक बार आज़माने के बाद, हमारे दिमाग का वो हिस्सा इनकी आदत डाल लेता है। फिर तुम्हे वैसा महसूस करने के लिए बार बार ड्रग्स लेने का मन करेगा।तभी तो लोगों की इसकी लत लग जाती है”, रिधिमा ने समझाया।

“याद दिलाने के लिए शुक्रिया! पर मेरा पहली बार ही आखिरी बार होगा। मैं बस देखूँगी कि इससे क्या होता है और फिर दोबारा कभी नहीं।” साक्षी ने पूछा।

“ऐसा तुम्हे लगता है कि ये पहली और आखरी बार है, लेकिन तुम इसे एक बार आज़माने के बाद इसकी तरफ खिंच जाओगी। ये होता ही है और मै नहीं चाहती की मेरी सबसे अच्छी दोस्त किसी ऐसी चीज़ में फंस जाए जो उसके लिए बुरी है”, रिधिमा मुस्कुराई और साक्षी को गले लगाया।

“ठीक है, मैं हार मानती हूँ। तुम सही हो। यही सुनना था ना तुम्हे?” साक्षी थोड़ा निराश हुई लेकिन उसे एहसास हुआ की रिधिमा सही कह रही थी।

“साक्षी, प्लीज़ तुम नाराज़ मत होना। मैं जानती हूँ कभी कभी कुछ ग्रुप्स में हमे अलग अलग चीज़े आज़माने को बोला जाता है पर ज़रूरी नहीं कि वो हमेशा सही हो”, रिधिमा ने कहा।

“अरे, मैंने तुमसे कहा ना कि तुम सही हो और मैं गलत, मैडम! सच में। आपको मेरा प्रणाम महारनी जी! अब इस बात को यहीं खत्म करते हैं और अपने बाकी दोस्तों के साथ डांस करने चलते है। मुझे अभी इस पार्टी के मज़े लेने हैं!” साक्षी ने मज़ाक के मूड में आते हुए कहा।

“हाँ, डांस करना तो मुझे भी पसंद है पर हम 10 बजे तक वापस चलेंगे, ठीक है? मैंने माँ से वादा किया है”, रिधिमा ने कहा।

“उफ्फ! फिर से शुरू! आओ चलो डांस करें। अब घड़ी देखना बंद करो!” साक्षी ने रिधिमा को खींचते हुए कहा।

फोटो: Shutterstock/otnaydur/फोटो में व्यक्ति मॉडल हैं, नाम बदल दिए गए हैं।

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