गुल्लू, तुम बहुत याद आओगे!
8वीं क्लास में पढ़ने वाली हिमानी के पालतू कुत्ते गुल्लू की डेथ हो गई है, जिससे हिमानी काफी उदास है। उसने अपनी कुछ अच्छी यादें और अपने पालतू कुत्ते के साथ बिताए पलों को डॉयरी के जरिए टीनबुक के साथ साझा कर रही है। चलिए पढ़ते हैं!
डियर डॉयरी,
आज मेरा मन बहुत उदास है क्योंकि मेरी आंखें अभी भी गुल्लू को ढ़ूंढ रही हैं। हां, तुमने सही समझा मेरा पेट/पालतू डॉगी। आज उसे गए हुए करीब एक हफ्ता होने वाला है लेकिन अभी भी मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे आसपास गोल-गोल घूम रहा है।
बहुत डरा हुआ था
यार, तुम्हें पता है- इस ठंड में उसे मेरे रुम में रखा छोटा वाला सोफा बहुत पसंद आता था और वो एकदम क्युट-सा चेहरा लेकर उसमें सोया रहता था और मैं जाकर उसे उसका गोल्डन कंबल ओढ़ा दिया करती थी लेकिन यार, अब कंबल भी साइड में रखा है।
हालांकि यार डॉयरी, तुम्हें पता है ना कि अगर मैं तुमसे भी ज्यादा दिन तक दूर रहूं, तो अजीब लगने लगता है और ये तो मेरा गुल्लू था। इसे मैं कॉलनी के बाहर से लेकर आई थी, जहां कुछ बच्चे से परेशान कर रहे थे और ये बेचारा डरा, सहमा-सा खड़ा था। फिर मैं इसे लेकर आई लेकिन ये तो मेरे साथ भी डरा हुआ था मगर धीरे-धीरे ये मेरा बेस्ट फ्रेंड बन गया।
मेरी बेस्ट मेमोरी
एक दिन जब मैं अपने मार्क्स के कारण परेशान और उदास थी, तब इसने मुझे हंसाया था। मेरी फेवरेट हेयर बैंड लगाकर ये मेरे आसपास घूमने लगा और मेरी अटेंशन पाने की कोशिश करने लगा। उसके इस बिहेवियर से मेरी तो हंसी छूट गई और मैं नॉर्मल हो गई। फिर एक दिन, इसे इसका फेवरेट फूड नहीं मिला था, तो ये खाना ही नहीं खा रहा था, तो मैंने अपने साथ इसे क्रिम बिस्किट्स खिलाए थे और इसने खा लिया था।
यार, बहुत याद आ रही है मुझे गुल्लू की। मेरे मम्मी-पापा कह रहे कि ये सब सही हो जाएगा लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है कि थोड़ा टाइम लगेगा। मेरे एक फ्रेंड के भी पालतू डॉग की डेथ हो गई थी, जिसके बाद उसे भी टाइम लगा था। उसने मुझसे कहा कि यार, ये उदासीपन होगी ही क्योंकि आपको अपने पेट से लगाव हो जाता है। यार सच कहूं तो मुझे तो मेरी हेयर बैंड, क्लिप्स से भी लगाव हो जाता है, तो ये तो मेरा गुल्लू था।
दूसरे डॉग्स के साथ
अब मैंने सोचा है कि मैं कोई पेट लेकर नहीं आऊंगी और अपने गली, मोहल्ले के डॉग्स को खाना दूंगी। इससे मेरे पास बहुत सारे डॉग्स हो जाएंगे और मैं सबको गुल्लू हीं कहूंगी। इसके अलावा मैं सोच रही कि एक छोटा सा फंक्शन करुं, जहां मैं अपने फ्रेंड्स को अपने-अपने पेट्स के साथ बुलाऊं और उन सबके साथ कोई गेम प्लान करूं। इससे मुझे भी अच्छा लगेगा और इमोशनल सपोर्ट मिल जाएगा।
इसके अलावा डॉयरी, मैं कोशिश करुंगी कि मैं खुद को भी टाइम दूं। जैसे- कहीं बाहर घूम आऊं या अपने किसी फ्रेंड के साथ लंच पर चली जाऊं। इससे मुझे अच्छा महसूस होगा और शायद मैं इस सदमे से जल्दी ठीक हो जाऊं।
और हां, तुमसे भी बात करती रहूंगी क्योंकि तुम्हें तो मेरे सारे राज़ मालूम हैं- और हां मेरी फिलिंग्स भी इसलिए तुम्हें सब बताया। आई होप कि नेकस्ट टाइम तक मैं गुल्लू के यादों से थोड़ा बाहर आ जाऊं।
तब तक के लिए बॉय,
टेक केयर
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