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टीनबुक किशोर नीति

किशोरावस्था शिक्षा संबंधी पहल के तहत टीनबुक किशोरों के लिए व्यापक सुरक्षा नीतियों का पालन करती है। इस लेख में इस नीति और इसके प्रमुख प्रावधानों एवं सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

इस नीति में प्रयुक्त शब्दावली को निम्नानुसार परिभाषित किया जाएगा :  

‘किशोर’ : यहां “किशोर” से तात्पर्य 10 से 18 वर्ष की आयु के बीच के किसी भी व्यक्ति से है।

दुर्व्यवहार” (Abuse) सभी प्रकार के अनुचित व्यवहार को कहा जाता है, चाहे वह शारीरिक हो या भावनात्मक। इसमें किसी भी प्रकार का यौन दुर्व्यवहार, यौन शोषण, उपेक्षा या किसी किशोर का व्यावसायिक या अन्य शोषण शामिल है, जिसके कारण एक किशोर को नुकसान पहुंचता है। ‘दुर्व्यवहार’ जानबूझकर या नुकसान से बचाने के लिए चूक वश किया जा सकता है।

सुरक्षा” का अर्थ किसी भी प्रकार के नुकसान, दुर्व्यवहार, शोषण या उपेक्षा से किशोरों की रक्षा करने से है। यह किशोरों की भलाई के लिए लोगों के सहयोग और उचित निर्णय द्वारा जागरूकता बढ़ाने के लिए किए गए उपायों से संबंधित है। 

“किशोरों की सुरक्षा” का तात्पर्य उन विशेष किशोरों की सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों से है जिनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है या होने का खतरा है।

टीनबुक किशोरों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें दुर्व्यवहार और हानिकारक प्रभावों से बचाने साथ ही सही एवं विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने का अधिकार शामिल है। निम्नलिखित नीतियां किशोरों को किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार से बचाने के लिए टीनबुक की प्रतिबद्धिता को दर्शाती हैं। यह हमारे प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले, वर्कशॉप और सेशन में भाग लेने वाले किशोरों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है साथ ही विस्तार से बातचीत के लिए उन्हें सुरक्षित और बेहतर माहौल भी प्रदान करता है।

हमारे मूल्यों के अनुसार, इस नीति के उद्देश्यों की रक्षा करना सभी की ज़िम्मेदारी है। इसमें स्पष्ट रूप से सभी वैतनिक और अवैतनिक कर्मचारी, वालंटियर और वे विजिटर भी शामिल हैं, जो टीनबुक के जरिए किशोरों के संपर्क में आ सकते हैं। हम इन चार तरीकों से किशोरों को नुकसान, दुर्व्यवहार और उपेक्षा से बचाने की हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने की कोशिश करते हैं:

  1. जागरूकता बढ़ाना: टीनबुक के जरिए किशोरों की सुरक्षा के लिए हम समाज में और अपने आसपास जागरूकता फैलाने का काम करते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि टीनबुक स्टाफ, सलाहकार, ग्राहक, उपयोगकर्ता सहित सभी लोग किशोरों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और जोखिमों के बारे में जागरूक हों।
  2. बचाव: जागरूकता और सही जानकारी के माध्यम से हम किशोरों को किसी भी खतरे से बचाने में मदद करते हैं।
  3. रिपोर्टिंग: यदि कोई उपयोगकर्ता हमें दुर्व्यवहार के किसी भी मामले की जानकारी देता है, तो हम ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया के बारे में उन्हें बताते हैं।
  4. मदद या प्रतिक्रिया: हमारी जानकारी में आए दुर्व्यवहार की किसी भी घटना का हम संज्ञान लेते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि किशोरों की सहायता और सुरक्षा के लिए आगे कार्रवाई की जाए।

किशोर और प्रौद्योगिकी

किफायती और विश्वसनीय नेटवर्क और दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध तकनीक ने इंटरनेट के रूप में एक खुली जगह दी हैं जहाँ शैक्षिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी के द्वारा किशोरों का जीवन बदला जा सकता हैं। लेकिन यही जगह कभी कभी किशोरों को गंभीर नुकसान के जोखिम में भी डाल देती हैं।

हर किशोर को सूचना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। जब किशोरों के ऑनलाइन अधिकारों की रक्षा करने की बात आती है, तो किशोरों की सुरक्षा, और उनके सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच टीनबुक सावधानी से संतुलन बनाती है। इसलिए, टीनबुक ये सुनिश्चित करती हैं किशोरों को ऑनलाइन सुरक्षा देने के उपाय ख़ास इसी उद्देश्य के लिए हो और कोई गैर ज़रूरी प्रतिबंध ना उत्पन्न करें।

इसके कई फायदों के बावजूद, इंटरनेट अक्सर दुनिया भर में दुरुपयोग और शोषण का एक मंच रहा है। एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज बनाने के लिए किशोरों का ऑनलाइन सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है। एक सुरक्षित और स्वस्थ ऑनलाइन वातावरण बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार, गैर-सरकारी संगठनों, परिवारों, माता-पिता, शिक्षकों और देखभाल करने वालों की समान भूमिका है।

दुर्भाग्य से, ऑनलाइन शोषण के खिलाफ लड़ाई में सभी एकजुट नहीं है। कई एजेंसियों और न्यायालयों के बीच व्यापक रूप से मतभेद है। इन नुकसानों का मुकाबला करने के लिए, टीनबुक ने हमारे किशोरों के लिए एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए अपनी नीतियां तैयार की है।

टीनबुक अपने सभी संबंधित हितधारकों और निर्णय निर्माताओं के साथ जुड़ती है ताकि किशोर स्वास्थ्य और संबंधित विषयों के बारे में अधिकार आधारित जानकारी प्रदान करके अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक ऑनलाइन स्थान प्रदान कर सकें।

हम टीनबुक में काम करने के विभिन्न तरीकों में विश्वास करते हैं जिससे हमें अपने उपयोगकर्ताओं को जानकारी देते हुए और डिजिटल स्पेस का उपयोग करके सही जानकारी से उन्हें सशक्त बनाते हुए एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल बनाने में मदद मिलती है। हम किशोरों के ऑनलाइन अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक ऐसा डिजिटल स्पेस बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उनके और उनकी देखभाल करने वालों के ऑनलाइन अनुभव को अधिक सार्थक और जानकारीपूर्ण बनाए।

टीनबुक इस तरह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करती है:

  • कानून, नीतियों और विनियमों को अपडेट करके हिंसा, दुर्व्यवहार और किशोरों के शोषण को कम करने के लिए पूरी सक्रियता के साथ जागरूकता पैदा करना।
  • नई तकनीकों का उपयोग करके हमारे उपयोगकर्ताओं के लिए उम्र के अनुसार उपयुक्त और विश्वसनीय  कंटेंट डिजाइन करना।
  • किशोरों को ऑनलाइन दुर्व्यहार और शोषण के खिलाफ लड़ने के लिए नीतियों और तकनीकी टूल के बारे में जानकारी को अपडेट करके किशोरों की गोपनीयता, सुरक्षा और उपेक्षा की रक्षा करना। 
  • ज्ञान अर्जन के लिए शैक्षणिक संस्थानों, सिविल सोसाइटी और विषय विशेषज्ञों को शामिल करना। 
  • हमारे उपयोगकर्ताओं को किसी भी परिस्थिति में शोषण और दुर्व्यहार के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रोत्साहित करना। 
  • डिजिटल स्पेस का उपयोग करके किशोरों के सूचना के अधिकार को बढ़ावा देना। 
  • माता-पिता, परिवार और देखभाल करने वालों को आज के आधुनिकता से जकड़े  समाज में उनके कर्तव्य और जिम्मेदारियों को निभाने में मदद करना। 
  • किशोरों, माता-पिता और देखभाल करने वालों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें यह सुनिश्चित करना कि मदद की जरूरत पड़ने पर वे किसकी ओर रुख करें। 
  • डिजिटल जानकारी और मदद प्राप्त करने के लिए टीनबुक प्लेफॉर्म और टूल का उपयोग सुनिश्चित करना।

 कुछ विषयों से जुड़े कलंक बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने में रुकावट पैदा करते हैं। टीनबुक इस अवरोध को तोड़ने की कोशिश कर रही है और इस प्रकार इन वर्जित विषयों पर चर्चा शुरू करने और उच्च गुणवत्ता एवं विज्ञान-आधारित जानकारी प्रदान करके किशोरों की सुरक्षा को बढ़ावा देती है। हम आशा करते हैं कि किशोरों के साथ ही वयस्कों को स्वस्थ और उचित निर्णय लेने और अनुचित व्यवहार को कम करने में मदद मिलेगी। इससे किशोर सुरक्षा को बढ़ावा मिल सकता है।

टीनबुक पालिसी निम्लिखित राष्ट्रीय कानूनों और नीतियों पर आधारित हैं:

  • बाल यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POSCO), विशेष रूप से यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी के अपराधों से बच्चों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों के हित में न्यायिक प्रक्रिया को शामिल करके उनकी रक्षा करना है।
  • आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के संचालन पर दिशानिर्देश।
  • राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकम द्वारा सामरिक रूपरेखा

इसके अलावा, टीनबुक अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलनों और प्रोटोकॉल द्वारा प्रदान किए गए दिशा निर्देशों को शामिल करने की कोशिश करती है:

  • यूएन कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ द चाइल्ड (UNCRC 1989): बच्चों के अधिकारों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है, जिसमें सिविल, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक अधिकार शामिल हैं।
  • बच्चों की बिक्री, बाल वेश्यावृत्ति और चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी (2002) पर बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के लिए यूएन ऑप्शनल प्रोटोकॉल: बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) अपराधों के लिए दृष्टिकोण का विश्लेषण करने के लिए एक रूपरेखा।
  • साइबर क्राइम पर बुडापेस्ट कन्वेंशन (2001): पहली अंतरराष्ट्रीय संधि जो कंप्यूटर की मदद से होने वाले चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपराधों को रोकने से संबंधित है।
  • यौन शोषण और यौन दुर्व्यहार के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा पर यूरोप कन्वेंशन ऑफ काउंसिल (2007) : CSAM अपराधों और ऑनलाइन ग्रूमिंग अपराधों को संबोधित करता है।

टीनएजबुक इंडस्ट्री ऑन चाइल्ड ऑनलाइन प्रोटेक्शन (सीओपी) (2015) के दिशानिर्देशों का पालन करता है, जिसमें यूनिसेफ ने उन पांच चीजों की पहचान की है जो उन कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करने वाले किशोरों की सुरक्षा के लिए करनी चाहिए:

  1. किशोरों के अधिकारों को सभी उपयुक्त कंपनी की नीतियों और प्रक्रियाओं में एकीकृत किया जाना चाहिए।
  2. कंपनी को अपने किशोरों के अधिकारों के उल्लंघन से निपटने के लिए प्रक्रियाओं की स्थापना करनी चाहिए।
  3. कंपनियों का माहौल निश्चित तौर पर आयु के अनुसार होना चाहिए।
  4. कंपनी को किशोरों, उनके माता-पिता और देखभाल करने वालों को जिम्मेदारीपूर्वक उत्पादों का उपयोग करने के लिए शिक्षित करना चाहिए।
  5.  डिजिटल प्रौद्योगिकी को नागरिक सहभागिता बढ़ाने के साधन के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

टीनबुक का मानना ​​है कि किशोरों को (न्यूनतम उम्र से)अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए और उन्हें अपने अधिकारों की समझ होनी चाहिए। यह एक किशोर को उनकी जिज्ञासा के संबंध में सकारात्मक और नकारात्मक सामग्री के बीच अंतर को पहचानने, और एक जिम्मेदार वयस्क को सचेत करने और उनके अधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में सक्षम होने का अधिकार देता है।

टीनबुक डिजिटल क्षमता के आठ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके, ऑनलाइन सुरक्षित और सकारात्मक सीखने का अनुभव प्रदान करने की कोशिश करती है। यदि कोई किशोर ऑनलाइन अपने अधिकारों का पूरा उपयोग करना चाहता है तो उसके लिए ये बहुत महत्वपूर्ण हैं :

  •   डिजिटल पहचान: एक सकारात्मक ऑनलाइन पहचान बनाने और बनाए रखने की क्षमता।
  •   डिजिटल उपयोग: एक स्वस्थ, संतुलित तरीके से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की क्षमता।
  •   डिजिटल सुरक्षा: ऑनलाइन जोखिमों को कम करने की क्षमता।
  •   डिजिटल रक्षा: उपकरणों और डाटा के जोखिमों को प्रबंधित करने और उनसे बचने की क्षमता।
  •   डिजिटल ईक्यू: ऑनलाइन भावनाओं को पहचानने, नेविगेट करने और व्यक्त करने की क्षमता।
  •   डिजिटल संचार: प्रौद्योगिकी का उपयोग करके संवाद करने और सहयोग करने की क्षमता।
  •   डिजिटल साक्षरता: डिजिटल जानकारी खोजने, पढ़ने, मूल्यांकन, बनाने और साझा करने की क्षमता।
  •   डिजिटल अधिकार: मानव और कानूनी अधिकारों को ऑनलाइन समझने और बनाए रखने की क्षमता।

शिक्षक, माता-पिता, देखभाल करने वाले लोग और हमारा समाज, किशोरों को यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि डिजिटल तकनीक का उपयोग ज़िम्मेदारी से और सुरक्षित तरीके से कैसे किया जाए।

इस नीति से संबंधित किसी भी सवाल के लिए कृपया grievance@devcons.org पर ईमेल लिखें।

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